देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

ठंड के मौसम में एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का प्रबंधन कैसे करें

एंकीलॉजिंग स्‍पॉन्डिलाइटिस एक ऑटो इनफ्‍लैमेटरी रो है, जिसके वास्‍तविक कारण के बारे में पता नहीं है, हालांकि चिकित्‍सा शोध के आधार पर यह तथ्‍य स्‍थापित किया गया है कि एचएलए बी 27 जीन और आँतों के बैक्‍टीरिया इस रोग के कारक हैं|

लेख विभाग
January 22 2022 Updated: January 22 2022 23:05
0 18804
ठंड के मौसम में एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का प्रबंधन कैसे करें प्रतीकात्मक

एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस) एक क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी डिस्‍ऑर्डर है, जिसकी वजह से कमर में असहनीय दर्द, थकान, कड़ापन महसूस होता है और इसका इलाज नहीं कराने पर चलना-फिरना बंद हो जाता है। आर्थराइटिस का एक प्रकार होने की वजह से इसके एडवांस स्टेज का सबसे प्रमुख लक्षण होता है, मेरुदंड का धीरे-धीरे आपस में उलझते जाना। रूमेटॉइड बीमारी

जैसे एएस से पीड़ित अधिकांश लोगों को मौसम बदलने पर ज्यादा तकलीफ महसूस होती है, खासकर सर्दियों के मौसम में। ठंड का मौसम हमारे शरीर के जोड़ों और हड्डियों के अन्य संवेदनशील ढाँचे को प्रभावित करता है और इससे कड़ापन और जोड़ों में दर्द बढ़ सकता है।

डॉ. वेद चतुर्वेदी, कंसल्टिंग रूमैटोलॉजिस्‍ट, सर गंगा राम हॉस्पिटल, दिल्‍ली: “एंकीलॉजिंग स्‍पॉन्डिलाइटिस (एएस) एक ऑटो इनफ्‍लैमेटरी (स्‍व-प्रदाह) रोग है, जिसके वास्‍तविक कारण के बारे में पता नहीं है, हालांकि चिकित्‍सा शोध के आधार पर यह तथ्‍य स्‍थापित किया गया है कि एचएलए बी 27 जीन और आँतों के बैक्‍टीरिया इस रोग के कारक हैं|”
 
इस परेशानी को समझें
एएस पीठ के निचले हिस्से से शुरू होता है और मुख्य रूप से रीढ़ और पेल्विस को प्रभावित करता है। यह पूरे शरीर में बहुत अधिक दर्द और सूजन पैदा कर सकता है, विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी में - जहां कशेरुक (वर्टिब्री) कमजोर हो जाते हैं और फ्रैक्चर के लिये अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। आंखें कमजोर हो जाना और तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता का बढ़ जाना, सुस्ती, थकान और सांस की तकलीफ कुछ अन्य लक्षण हैं। एएस की एडवांस स्थिति में, रोग का बेहतर प्रबंधन करने के लिये जल्द से जल्द एक रूमेटोलॉजिस्ट से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। अधिकांश रूमेटोलॉजिस्ट बायोलॉजिक्स को एक उपचार विकल्प के रूप में देखते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करता है। रोजाना व्यायाम करना, स्वस्थ और संतुलित आहार लेते रहना, स्वस्थ जीवन शैली जैसे विकल्पों के साथ बीमारी को प्रबंधित करने के कुछ प्रभावी तरीके हैं।
 
डॉ पीडी रथ, निदेशक और विभाग के प्रमुख, गठिया, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली: “कमर में प्रदाह (इनफ्‍लैमेशन) के साथ दर्द तब होता है, जब सुबह और रात को दर्द और अकड़न बढ़ जाती है, लेकिन दिन चढ़ने के साथ यह कम हो जाता है, जिसका कारण सामान्‍य गतिविधि है। ऐसी स्थिति वाले व्‍यक्ति को रूमैटोलॉजिस्‍ट से राय जरूर लेनी चाहिये, क्‍योंकि यह एंकीलॉजिंग स्‍पॉन्डिलाइटिस (एएस) की शुरूआत हो सकती है। इसका कोई तयशुदा कारण नहीं है कि एएस की शुरूआत कैसे होती है; आमतौर पर यह जेनेटिक लगता है, जब शरीर में पाया जाने वाला एचएलए बी27 नाम का एक जीन आपके रहने के वातावरण के कारण उत्‍प्रेरित हो जाता है और हो सकता है कि यह इस रोग का कारण बने। हालांकि यह ध्‍यान रखना जरूरी है कि केवल इस जीन की मौजूदगी का मतलब यह रोग होने से नहीं है|”
 
ठंड का मौसम और एएस पर उसका प्रभाव
जब मौसम बदलता है, तो हम अपने शरीर में ऊर्जा का एक प्राकृतिक बदलाव महसूस करते हैं - हम अधिक सुस्त और हड्डियों में कड़ापन महसूस करने लगते हैं। हालांकि, यह बदलाव रूमेटिक रोगियों में गंभीर रूप से देखा जाता है, जिससे रोजमर्रा के काम करने में परेशानी बढ़ जाती है। किसी को पेल्विस में अकड़न, पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में दर्द, थकान का अनुभव हो सकता है, खासकर जब वे सुबह उठते हैं या लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं।
 
डॉ वेद ने यह भी कहा, “एएस की ऑटो-इनफ्‍लैमेटरी प्रकृति के कारण सर्दियों में जेलिंग होने से यह रोग तीव्र हो जाता है, क्‍योंकि लोग अपने बिस्‍तर और रजाई में दुबके रहते हैं, जिससे उनके काम करने की गतिविधियां कम हो जाती हैं। हालांकि मौसम में बदलाव के साथ भी घर पर रहकर कसरत करना और पैदल चलना जारी रखना महत्‍वपूर्ण है, ताकि आपकी हड्डियाँ सक्रिय रहें। इस रोग के मरीजों को अपनी लाइफस्‍टाइल पर बहुत ध्‍यान देना चाहिये और एक सकारात्‍मक तथा सक्रिय जीवनशैली की आदत डालनी चाहिये|”
 
एएस से पीड़ित लोगों को सर्दियों के दौरान दर्द का प्रबंधन करने में मुश्किल होती है। बैरोमेट्रिक दबाव में गिरावट, जो अक्सर ठंड का मौसम आने पर होती है, जोड़ों के विस्तार का कारण बन सकती है, जिसके परिणामस्वरूप दर्द बढ़ जाता है। कम तापमान से साइनोवियल द्रव की मोटाई भी बढ़ जाती है जो जोड़ों के लिये शॉक अब्जॉर्बर के रूप में काम करता है, इससे जोड़ सख्त हो जाते हैं और इस तरह दर्द के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
 
एएस का उपचार और प्रभावी प्रबंधन
एएस से पीड़ित मरीजों को अपने उपचार के तरीकों का पालन करना चाहिये, नियमित फॉलो-अप और अपने रूमेटोलॉजिस्ट के साथ लगातार संपर्क में बने रहना चाहिये। यह समझना महत्वपूर्ण है कि किसी भी मौजूदा परेशानी को बढ़ाये बिना बीमारी का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि- अपने जोड़ों को सक्रिय रखने में मदद करने के लिये, आप अपनी दिनचर्या में नियमित व्यायाम को शामिल करेंगे और उसका पालन करेंगे।
 
“रोग की शुरूआत में ही उसे काबू करने की कोशिश होनी चाहिये; अगर किसी को कमर में प्रदाह के साथ दर्द या निचले अंगों में गठिया है, तो उसे तुरंत रूमैटोलॉजिस्‍ट से परामर्श लेना चाहिये, ताकि सही उपचार शुरू किया जा सके। एएस के मरीजों को अपने रूमैटोलॉजिस्‍ट द्वारा बताये गये बायोलॉजिक्‍स और स्‍वस्‍थ जीवनशैली का निश्चित तौर पर लाभ होगा।”, डॉ चतुर्वेदी ने कहा “ऐसी स्थिति में मरीजों को सक्रिय रहना चाहिये और अपने जोड़ों और मांसपेशियों को पूरे दिन चलाते रहना चाहिये, क्‍योंकि इससे प्रदाह (इनफ्‍लैमेशन)  कम करने में मदद मिलती है। आमतौर पर जब मौसम बदलता है, लोग सामान्‍य से ज्‍यादा आलसी होने लगते हैं, जिससे प्रदाह बढ़ता है और रोग में तीव्रता आती है। एएस के साथ जीने में जीवनशैली के कुछ बदलाव मदद कर सकते हैं, जैसे समय-समय पर सी-रियेक्टिव प्रोटीन (यह नियमित प्रदाह का एक चिन्‍ह है) की निगरानी, नियमित व्‍यायाम, ओमेगा 3 से प्रचुर स्‍वास्‍थ्‍यकर आहार, जिसमें अलसी, फल और हरी सब्जियाँ शामिल हों। नियमित या उन्‍नत दवाएं, जैसे बायोलॉजिक्‍स इस बीमारी को काबू करने में बड़ी मदद करती हैं। इसके अलावा, धूम्रपान को एएस की तीव्रता बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारकों में से एक माना गया है, जो उसे 15 गुना तक बढ़ा देता है। अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको धूम्रपान बिलकुल नहीं करना चाहिये, चाहे आप पहले भले ही धूम्रपान करते रहे हों। धूम्रपान पूरी तरह छोड़ने से आपकी इम्‍युनिटी बढ़ेगी और प्रदाह कम करने में मदद मिलेगी।”, डॉ रथ ने जोड़ा ।
 
इस बात पर ध्यान दें कि जब आपके सेहत की बात आती है तो आप अपनी कमियों को दूर करते हुए एक दिनचर्या कैसे बना सकते हैं - एक सख्त और स्वस्थ आहार का पालन करें और अपने दर्द को नियंत्रित रखने के लिये अपनी प्रगति पर खुद ही नजर रखें। आप अपने रूमेटोलॉजिस्ट से नियमित रूप से परामर्श जरूर लें, क्योंकि एएस एक ऐसी बीमारी है जिसके लिये समय पर सलाह लेना, सटीक उपचार और सावधानीपूर्वक प्रबंधित जीवन शैली की आवश्यकता होती है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

खाने की स्‍वस्‍थ आदतों से बच्‍चे होते है स्वस्थ्य - माधुरी रूइया

लेख विभाग February 24 2021 13821

बादाम- बादाम बच्चों के लिये बेहतरीन स्नैक्स हैं- वे कुरकुरे, स्वादिष्ट और मीठे होते हैं, इसलिये उन्ह

स्वास्थ्य

हरी मिर्च खाने के ये फायदे जो सेहत के लिए है जरूरी

लेख विभाग May 14 2023 21487

हरी मिर्च कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइ

शिक्षा

नीट का रिजल्ट आज होगा जारी

विशेष संवाददाता September 07 2022 13010

परीक्षा का आयोजन 17 जुलाई को किया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, करीबन 18.72 लाख उम्मीदवारों ने प्रवे

व्यापार

फोर्टिस हैल्थकेयर को पहली तिमाही में 134 करोड़ रुपये का लाभ

विशेष संवाददाता August 07 2022 14554

फोर्टिस हैल्थकेयर ने शुक्रवार को शेयर बाजारों को बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी को 1,488 करोड़

राष्ट्रीय

मरीजों को राहत, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जांच का समय बढ़ा

एस. के. राणा December 13 2022 20051

मिली जानकारी ने मुताबिक लोहिया अस्पताल में शाम 5 बजे तक जांच के सैंपल लिए जाएंगे। इससे मरीजों को निज

स्वास्थ्य

हाइपोग्लाइसीमिया के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानिए डॉ विकास मस्करा से

लेख विभाग March 24 2022 24540

भोजन करने के 8 घंटे पश्चात या खाली पेट, रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर 80 मिली ग्राम प्रति डेसी लिटर रहता

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में डेंगू के 21 नए मरीज मिले

श्वेता सिंह September 24 2022 18945

बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल अधिकारी डॉक्टर सौरभ सिंह ने बताया कि इन दिनों उनके यहां सबसे ज्य

राष्ट्रीय

इस राज्य में बर्ड फ्लू की दस्तक !

विशेष संवाददाता February 21 2023 13989

झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रिम्स को भी अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही एक आइसोलेशन डिपा

राष्ट्रीय

जॉनसन बेबी पावडर की बिक्री पर दुनियाभर लग सकती है रोक

एस. के. राणा February 08 2022 14231

अगर आप अपने छोटे बच्चों के लिए जॉनसन एंड जॉनसन की बेबी पावडर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए एक मह

स्वास्थ्य

क्या हैं आंखों के फ्लोटर्स, जानिये इनको कम करने के उपाय

admin December 30 2021 50455

फ्लोटर्स के लिए किसी इलाज की जरूरत नहीं होती पर इससे पीडि़त व्‍यक्ति इनके अचानक आंखों में आ जाने से

Login Panel