देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

एंडोक्राइन सिस्टम और उससे जुड़ी बीमारियाँ।

डायबिटीज और थायराइड डिजीज, ग्रोथ डिसऑर्डर, सेक्सुअल डिसफंक्शन के साथ हाॅर्मोन संबंधी बीमारी के होने में एंडोक्राइन सिस्टम अहम रोल अदा करता है, इससे जुड़ी किसी प्रकार की बीमारी और समस्या को एंडोक्राइन डिसऑर्डर कहा जाता है।

लेख विभाग
September 28 2021 Updated: September 28 2021 16:18
0 26938
एंडोक्राइन सिस्टम और उससे जुड़ी  बीमारियाँ। प्रतीकात्मक

एंडोक्राइन सिस्टम शरीर के कई ग्लैंड का नेटवर्क है, जो हाॅर्मोन बनाने के साथ उसे रिलीज करता है, इससे शरीर के अहम अंग प्रभावी रूप से काम करते हैं। यहां तक कि यह हमारे शरीर में कैलोरी को एनर्जी में तब्दील कर हमारे अंगों को पावर सेल्स प्रदान करता है। एंडोक्राइन सिस्टम हमारे शरीर के अंगों को प्रभावित करता है। इसके तहत हमारा हार्ट बीट, हडि्डयों व टिशू के विकास और शिशु के विकास में मदद करता है। डायबिटीज और थायराइड डिजीज, ग्रोथ डिसऑर्डर, सेक्सुअल डिसफंक्शन के साथ हाॅर्मोन संबंधी बीमारी के होने में एंडोक्राइन सिस्टम अहम रोल अदा करता है, इससे जुड़ी किसी प्रकार की बीमारी और समस्या को एंडोक्राइन डिसऑर्डर कहा जाता है।
 
एंडोक्राइन सिस्टम के ग्लैंड (Glands of the endocrine system)

एंडोक्राइन सिस्टम हमारी रक्त कोशिकाओं में एक खास प्रकार के हाॅर्मोन का रिसाव करते हैं। यह हाॅर्मोन हमारे खून से होते हुए सेल्स के साथ शरीर के कई अंगों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। यदि इसमें किसी प्रकार की समस्या आती है तो उसे एंडोक्राइन डिसऑर्डर कहा जाता है।
 
एंडोक्राइन सिस्टम (endocrine system) में आते हैं यह ग्लैंड, जैसे ;

थायराॅइड ग्लैंड (Thyroid Gland) : बटरफ्लाई (तितली) के आकार का यह ग्लैंड हमारे गर्दन के आगे की ओर होता है, वहीं शरीर के मेटॉबॉलिज्म को कंट्रोल करने में मदद करता है। इससे जुड़ी कोई भी समस्या होती है तो वह एंडोक्राइन डिसऑर्डर में आती है।

थाइमस : यह ग्लैंड हमारे छाती के ऊपरी हिस्से में होता है, बाल अवस्था में यह शरीर के इम्मयुन सिस्टम को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। इससे जुड़ी कोई समस्या होती है तो वह एंडोक्राइन डिसऑर्डर में आती है।

टेस्टिस (Testis) : पुरुष की प्रजनन ग्रंथियों में एक यह ग्लैंड स्पर्म और सेक्स हाॅर्मोन का रिसाव करती हैं। इससे जुड़ी कोई समस्या होती है तो वह एंडोक्राइन डिसऑर्डर में आती है।

पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary gland) : यह ग्लैंड दिमाग के निचले हिस्से में और साइनस के पीछे होता है। इसे मास्टर ग्लैंड भी कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर के कई ग्लैंड को प्रभावित करता है। खासतौर पर थायराइड। एंडोक्राइन डिसऑर्डर के तहत पिट्यूटरी ग्लैंड में किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो उससे हड्डियों का विकास और महिलाओं का मासिक धर्म, स्तनों से दूध का निकलना आदि प्रभावित होता है।
पीनिएल ग्लैंड : यह ग्लैंड हमारे शरीर के सबसे अहम अंग दिमाग के बीचों बीच होता है। एंडोक्राइन डिसऑर्डर के तहत इससे जुड़ी किसी प्रकार की समस्या होने से हमारे सोने की जरूरतों से जुड़ी परेशानी होती है।

पैरा थायराॅइड ग्लैंड (Para thyroid gland): यह ग्लैंड हमारे गर्दन में पाया जाता है। यह ग्लैंड हमारी हडि्डयों के विकास में काफी मददगार साबित होता है।

पैनक्रियाज में मौजूद आईलेट्स सेल्स : यह सेल्स हमारे शरीर के पैनक्रियाज में मौजूद होते हैं। वहीं इंसुलिन और ग्लूकेगोन नामक हाॅर्मोन को कंट्रोल करने के साथ रिलीज करने का काम करता है।

ओवरी (Ovary) : ओवरी फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन है। यह अंडा रिलीज करने के साथ सेक्स हाॅर्मोन को रिलीज करने का काम करता है।

हाइपोथैलेमस : यह ग्लैंड हमारे दिमाग के बीचों बीच में पाया जाता है, यह पिट्यूटरी ग्लैंड को सिग्नल भेजता है कि कब हाॅर्मोन रिलीज करना है और कब नहीं।

एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal Gland) : किडनी के ऊपरी हिस्से में दो ग्लैंड होते हैं। यह कोर्टिसोल (cortisol) नामक हाॅर्मोन का रिसाव करता है।

इन ग्लैंड में से कुछ के कारण यहां तक कि कुछ हिचकियां भी एंडोक्राइन डिसऑर्डर का कारण बनती हैं, जिसके कारण हाॅर्मोन का इम्बैलेंस होता है।

एंडोक्राइन डिसऑर्डर के कारण (Causes of endocrine disorder)
सामान्य तौर पर दो मुख्य कारणों की वजह से एंडोक्राइन डिसऑर्डर होता है, जानें ;
पहला कारण : एंडोक्राइन डिसऑर्डर तभी होता है जब हमारे ग्लैंड या तो सामान्य से ज्यादा हाॅर्मोन का रिसाव करते हैं या फिर सामान्य से कम हाॅर्मोन का रिसाव करते हैं।
दूसरा कारण : शरीर में लेसन्स, जैसे नोडूल्स व ट्यूमर (lesions) के विकास के कारण एंडोक्राइन डिसऑर्डर व डिजीज होता है। यह हमारे हाॅर्मोन लेवल को एफेक्ट करने के साथ कई बार एफेक्ट नहीं भी करते हैं।

शरीर में एंडोक्राइन फीडबैक सिस्टम हमें शरीर में हाॅर्मोन को बैलेंस करने का काम करते हैं। यदि हमारे शरीर में ज्यादा हाॅर्मोन या कम हाॅर्मोन का रिसाव हो रहा है तो ऐसी स्थित में शरीर का फीडबैक सिग्नल सिस्टम ग्लैंड से जुड़े दूसरे ग्लैंड को सिग्नल भेजता है, इससे ग्लैंड सही मात्रा में हमारी रक्त कोशिकाओं में हाॅर्मोन का रिसाव करते हैं।

एंडोक्राइन हाॅर्मोन (endocrine Hormone) के बढ़ने और घटने का यह भी हो सकता है कारण

  • एंडोक्राइन डिसऑर्डर
  • एंडोक्राइन फीडबैक सिस्सटम के फीडबैक से जुड़ी समस्या के कारण एंडोक्राइन डिसऑर्डर का होना
    किसी बीमारी के कारण
  • ग्लैंड का सही प्रकार से हाॅर्मोन का रिसाव न कर पाने की स्थिति में एंडोक्राइन डिसऑर्डर का होना (उदाहरण के तौर पर हाइपोथैलेमस ग्लैंड में किसी प्रकार की समस्या होने की वजह से पिट्यूटरी ग्लैंड में
  • हाॅर्मोन का प्रोडक्शन न हो पाना)
  • जेनेटिक डिसऑर्डर, जैसे एंडोक्राइन नियोप्लेसिया (endocrine neoplasia) (पुरुषों में) और कंजेनाइटल हायपोथायरायडिज्म (congenital hypothyroidism)
  • इंफेक्शन के कारण
  • एंडोक्राइन ग्लैंड में इंज्युरी होने के कारण
  • एंडोक्राइन ग्लैंड में ट्यूमर होने की वजह से

ज्यादातर एंडोक्राइन ट्यूमर और नोड्यूल्स (nodules (lumps)) (लंप्स) नॉनकैंसरस होते हैं, यानि इससे कैंसर नहीं होता है। वहीं ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी नहीं फैलते हैं। ऐसे में संभव है कि ग्लैंड में ट्यूमर या नोड्यूल्स ग्लैंड हाॅर्मोन के प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

कितने प्रकार के होते हैं एंडोक्राइन डिसऑर्डर (Endocrine disorder types)
 
मौजूदा समय में कई प्रकार के एंडोक्राइन डिसऑर्डर के बारे में पता किया जा चुका है। इनमें डायबिटीज सबसे सामान्य एंडोक्राइन डिसऑर्डर में से एक है। भारत में भी इस बीमारी से सबसे अधिक मरीज मिलते हैं।

अन्य एंडोक्राइन डिसऑर्डर (Other Endocrine disorder)

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) : एंड्रोजेन्स जब सामान्य से अधिक मात्रा में बनते हैं तो उसके कारण अंडे का विकास और महिलाओं की ओवरी से उसके निकलने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। पीसीओएस इनफर्टिलिटी इसका सबसे बड़ा कारण है।

प्रीकोशियस प्यूबर्टी (Precocious puberty) : समय से पहले जवां व्यक्ति तभी होता है जब हमारे ग्लैंड हमारे शरीर को समय से पहले हाॅर्मोन रिलीज करने के सिग्नल भेजते हैं।

हाइपरथाइरॉयडिज्म : एंडोक्राइन डिसऑर्डर के तहत इस स्थिति में थायराइड ग्लैंड सामान्य से ज्यादा थायराइड हाॅर्मोन का रिसाव करते हैं, जिसके कारण ओवरएक्टिव थायराइड, जो कि एक ऑटो इम्युन डिसऑर्डर है, जिसे ग्रेव डिजीज कहते हैं।

हायपोथायराॅइडिज्म : इस स्थिति में थायराइड ग्लैंड सामान्य से कम मात्रा में निकलता है, इस कारणथकान, कब्जियत, ड्राय स्किन, डिप्रेशन की समस्या होती है। इसके कारण बच्चों का विकास भी प्रभावित होता है। कुछ प्रकार के हायपोथायराइडिज्म जन्म के समय से ही बच्चों में मौजूद होते हैं।

डायबिटीज (Diabetes) : शोध से पता चला है कि हाॅर्मोन इम्बैलेंस के कारण लोगों में डायबिटीज की संभावना होता है। शोध से यह भी पता चला है कि कम नींद लेने की वजह से लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस की जरूरत होती है। यह डायबिटीज टाइप 2 होने का सबसे बड़ा कारण है। अव शोधकर्ताओं ने इसका बायोलॉजिकल कारण भी खोज निकाला है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और कार्टिसोल हाॅर्मोन के इम्बैलेंस के कारण भी यह बीमारी होती है।
मल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लेसिया 1 और थर्ड : यह जेनेटिक बीमारी है। जो लोगों को उनके पूर्वजों से मिलती है। इसके कारण हमारे पाराथायराइड, एड्रेनल, थायराइड ग्लैंड में हाॅर्मोन ट्यूमर होने की वजह से हाॅर्मोन का सामान्य से ज्यादा प्रोडक्शन होता है। इस कारण लोगों को यह बीमारी होती है।

एड्रेनल इंसफिशिएंसी (Adrenal insufficiency) : इस एंडोक्राइन डिसऑर्डर में हमारे एड्रेनल ग्लैंड सामान्य से काफी कम कोर्टिसोल हाॅर्मोन या एल्डोस्टेरोन (aldosterone) का रिसाव करते हैं। इसके कारण मरीज में कुछ प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं जैसे थकान, पेट की परेशानी, डिहाइड्रेशन और स्किन में बदलाव। एडिसन डिजीज भी एड्रेनल इंसफिशिएंसी के कारण होने वाली बीमारी है।

कुशिंग डिजीज : पिट्यूटरी ग्लैंड हाॅर्मोन का सामान्य से ज्यादा प्रोडक्शन होने की वजह से एड्रेनल ग्लैंड की अधिकता हो सकती है। यह काफी हद तक इस सिंड्रोम से मिलती जुलती समस्या है, जो लोगों में देखने को मिलती है। एंडोक्राइन डिसऑर्डर के कारण खासतौर पर बच्चों में यह बीमारी होती है, जो ज्यादा मात्रा में कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं (corticosteroid medications) का सेवन करते हैं।

गिगेन्टिज्म (एक्रोमिगेली) (Gigantism (acromegaly) और ग्रोथ हाॅर्मोन प्रॉब्लम : एंडोक्राइन डिसऑर्डर के तहत यह समस्या भी गंभीर समस्या में से एक है। इस स्थिति यदि पिट्यूटरी ग्लैंड यदि ज्यादा हाॅर्मोन का रिसाव करते हैं तो उस स्थिति में बच्चों की हडि्डयां और शरीर के अन्य पार्ट असामान्य रूप से विकसित होते हैं। ऐसे में सामान्य की तुलाना में ज्यादा हाइट बढ़ता है। यदि ग्रोथ हाॅर्मोन कम होता है तो ऐसे में शिशु की हाइट रुक जाती है, वो सामान्य की तरह नहीं बढ़ पाता। इसे बौनापन (DWARFISM) भी कहा जाता है।

एंडोक्राइन डिसऑर्डर की ऐसे की जाती है टेस्टिंग (Endocrine disorder testing)
यदि आपको एंडोक्राइन डिसऑर्डर है तो आपके डॉक्टर आपको एंडोक्रोनोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट के पास भेज सकते हैं। एंडोक्राइन सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में एंडोक्रोनोलॉजिस्ट अहम भूमिका अदा करते हैं। एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लक्षण इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या किस ग्लैंड से जुड़ी हुई है। एंडोक्राइन डिसऑर्डर और डिजीज से ग्रसित व्यक्ति खासतौर पर थकान और कमजोरी की शिकायत करते हैं।
 
इस मामले में हमारे डॉक्टर हमें ब्लड और यूरीन टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। ताकि हमारे हाॅर्मोन लेवल की जांच कर यह पता कर सकें कि लोगों को एंडोक्राइन डिसऑर्डर है या नहीं। कई मामलों में इमेजिंग टेस्ट कर यह पता किया जाता है कि कहां पर नोड्यूल और ट्यूमर है।

वैसे तो कई एंडोक्राइन डिसऑर्डर के कुछ लक्षणों को छोड़कर बीमारी का पता नहीं किया जा सकता है, लेकिन यदि आपको शरीर में लंबे समय तक थकान और कमजोरी की समस्या हो तो आप डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। संभावना रहती है कि डॉक्टर कुछ चेकअप करवाकर एंडोक्राइन डिसऑर्डर से जुड़ी बीमारी का पता कर सकते हैं। वहीं एंडोक्रोनोलॉजिस्ट एंडोक्राइन डिसऑर्डर का इलाज करते हैं।
 
एंडोक्राइन डिसऑर्डर से जुड़ी समस्या का इलाज करना थोड़ा जटिल होता है, संभावना रहती है कि एक हाॅर्मोन का लेवल बदलने के कारण शरीर का दूसरा हाॅर्मोन कहीं प्रभावित न हो जाए। आपका डॉक्टर आपको रूटीन ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, ताकि हाॅर्मोन लेवल की जांच कर उसी के हिसाब से दवा देकर हाॅर्मोन को एडजस्ट किया जा सके।
 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

राष्ट्रीय

मौसम बदलने के साथ साथ पटाखों के धुएं, धूल ने भी बढ़ाई समस्या, बचाव के लिए यह करें ये उपाय

जीतेंद्र कुमार October 28 2022 20228

सर्दी जुकाम खांसी और सिरदर्द के साथ साथ हल्के बुखार की समस्या से लोग परेशान हैं। दिवाली के बाद से अस

उत्तर प्रदेश

लोहिया अस्पताल में बिना डोनर के रक्त व रक्त अवयव उपलब्ध तथा रक्तदान शिविर का आयोजन

रंजीव ठाकुर August 15 2022 32995

आजादी के अमृत महोत्सव पर, विभाजन विभीषिका स्‍मृति दिवस के उपलक्ष्‍य में लोहिया अस्पताल में बिना डोनर

उत्तर प्रदेश

सीएम आरोग्य स्वास्थ्य मेला में लाभान्वित हुए मरीज

आरती तिवारी September 26 2022 18273

यूपी के कई जिलों के सभी ग्रामीण व नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य

उत्तर प्रदेश

रेलवे चिकित्सालय में लगायी गयी एक्सरे मशीन

अनिल सिंह November 01 2022 25338

सोमवार को एक्सरे मशीन को लगा दिया गया है। रेल कर्मचारियों व उनके परिजनों के लिए ये अच्छी खबर है।

सौंदर्य

सफ़ेद बालों को काला बनाने के लिए लगाएं किचन में आसानी से मिल जाने वाली ये चीज

श्वेता सिंह September 05 2022 24348

अनहेल्दी लाइफस्टाइल, तनाव, प्रदूषण और कुछ बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों के

राष्ट्रीय

फिर बढ़े कोरोना के मरीज, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने की राज्यों के साथ बैठक

एस. के. राणा March 28 2023 15893

कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण आज शाम को COVID-19 की तैयारियो

रिसर्च

Effect of a test-and-treat approach to vitamin D supplementation on risk of all cause acute respiratory tract infection and covid-19: phase 3 randomised controlled trial

British Medical Journal February 18 2023 30067

Among people aged 16 years and older with a high baseline prevalence of suboptimal vitamin D status,

उत्तर प्रदेश

सहारा हास्पिटल में दो दिवसीय आईवीएफ शिविर सम्पन्न  

हुज़ैफ़ा अबरार February 18 2023 36088

मरीजों का इलाज गोपनीयता की सुरक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाता है। आईवीएफ विशेषज्ञ डा. ग

राष्ट्रीय

भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर एक त्रासदी : डॉ विवेक मूर्ति

हे.जा.स. May 08 2021 21528

भारत में जो कुछ हो रहा है वह एक त्रासदी है। भारत के सामने दो या कई सारी चुनौतियां हैं, लेकिन वहां अभ

उत्तर प्रदेश

डेंगू के बढ़ते मामलों पर सीएम योगी का सख्त निर्देश

आरती तिवारी October 10 2022 22076

यूपी में त्योहारों के सीजन के बीच डेंगू के बढ़ते मामलों ने यूपी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। वहीं लखन

Login Panel