लखनऊ। अभी तक 28 सप्ताह से पहले जन्मे बच्चे को वेंटिलेटर (ventilator) पर रखना पड़ता था। लेकिन अब नई तकनीक में ऐसे शिशु को बिना वेंटिलेटर भी ठीक किया जा सकता है। इस तकनीक में बच्चों की सांस की नली (trachea) से एक पतली ट्यूब डालकर दवाई दी जाती है। सामान्य ऑक्सीजन सपोर्ट (oxygen support) पर ही नवजात ठीक हो जाता है।
लखनऊ नियोनेटॉलजी फाउंडेशन की ओर से शनिवार को शहीद पथ पर आयोजित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस नियोकॉन (National Conference Neocon)—2023 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की सीएमई चिकित्सीय क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है ताकि इलाज की नवीन तकनीक सब तक पहुंच सके।
केजीएमयू की पीडियाट्रीशियन (Pediatrician) डॉ. माला ने कहा कि देश में दुनिया के सबसे अधिक अविकसित (4.66 करोड) और कमजोर (2.55करोड़) बच्चे मौजूद है। डॉ. डीएम गुप्ता, डॉ. निरंजन सिंह समेत अन्य डॉक्टर इस दौरान मौजूद रहे।
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