लखनऊ | कैंसर में मुख्य रूप से कोशिकाएं अनियमित रूप से बढ़ने लगती हैं | यह कई बीमारियों का समूह है और शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में उपस्थित कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है | कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति समुदाय में जागरूकता लाने के लिए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है| इस साल इस दिवस की थीम है “क्लोज द केयर गैप” अर्थात “देखभाल के अंतर को खत्म करें |”
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो. रेखा सचान का कहना है कि बदली हुई जीवन शैली, शारीरिक गतिविधि में कमी एक्टिव व पैसिव धूम्रपान रसायन आदि कैंसर के मुख्य कारण हैं |
कैंसर किसी भी आयु वर्ग में हो सकता है | महिलाओं में मुख्यतः सर्वाइकल, ब्रेस्ट, ओवेरियन, कोलोन, गर्भाशय (एंडोमेट्रियल) कैंसर देखने को मिलते हैं |
डा. सचान ने बताया कि महिलाओं में स्तन कैंसर सर्वाधिक देखा जाता है, जितनी जल्दी कैंसर का पता चल जाता है उसी के मुताबिक शत-प्रतिशत सफल इलाज होने की संभावना बढ़ जाती है | देश में प्रति एक लाख महिलओं में 26 से 30 महिलायें स्तन कैंसर से ग्रसित हैं | स्तन में गांठ पड़ना, स्तन में दर्द एवं खुजली होना, स्तन की त्वचा में गड्ढे पड़ना, त्वचा पर नारंगी रंग के चकत्ते पड़ना आदि स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षण हं | समय-समय पर स्तनों की खुद से जांच कर स्तन कैंसर से बच सकते हैं | अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राम के द्वारा इस बीमारी का पता लगाया जाता है |
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद होने वाला दूसरा मुख्य कैंसर है | सर्वाइकल कैंसर होने का मुख्य कारण ह्यूमन पैपोनिमा वायरस है | इसके अलावा कई बार गर्भधारण या एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाना भी इसके कारण हैं | समय से पता चल जाने पर इसका इलाज संभव है | इससे बचने के लिए टीके लगवाएं, साथ ही हर तीन साल में पैप स्मियर टेस्ट कराएं |
ओवरी का कैंसर किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन इसका खतरा 50 वर्ष से अधिक आयु की उम्र की महिलाओं में अधिक होता है | गर्भाशय का कैंसर, गर्भाशय की कोशिकाओं के तेजी से बढ़ने के कारण होता है | इस बीमारी का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि इस बीमारी का पता लगाने के लिए कोई जांच उपलब्ध नहीं है | थायरॉइड कैंसर होने की संभावना तब अधिक होती है जब थायरॉइड कोशिकाओं में आनुवंशिक परिवर्तन होने लगते हैं |
डा. सचान कैंसर के प्रमुख लक्षणों के बारे में बताती हैं कि शरीर के किसी भाग में असामान्य गांठ होना, वजन का गिरना, रक्तस्राव होना, शरीर के किसी भी भाग में लगातार दर्द रहना, भूख कम लगना और थकान रहना आदि |
हम स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर इस बीमारी से बच सकते हैं | इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम करना, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करना, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवनकरना, साथ ही जंक एवं पैकेज़्ड फूड का सेवन कम करना पडेगा |
सरकार द्वारा नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेन्शन ऑफ कैंसर, डायबिटीज कार्डियो वस्कुलर एंड स्ट्रोक चलाया जा रहा है | इसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में गैर संचारी रोगों सहित कई स्क्रीनिंग करती हैं |
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