विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुरुवार को दुनिया के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करने वाली 20 बीमारियों से निपटने के लिए एक योजना शुरू की हैं। इन रोगों के मरीज़ कोविड-19 के प्रभाव के कारण उपेक्षित हो गयें हैं। WHO की योजना में 2030 तक कम से कम 90 देशों में NTDs को समाप्त करना शामिल है।
ये कुष्ठ रोग और रेबीज जैसी बीमारियां हैं। जिनको neglected tropical diseases (NTDs) कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये बीमारियां विकसित देशों में समाप्त हो गयीं हैं लेकिन गरीब देशों के 170 करोड़ लोगों से अधिक लोगों को प्रभावित करतीं हैं।
सरकारों ने आधिकारिक तौर पर पिछले नवंबर में NTDs से निपटने के लिए 10 साल के रोड मैप का समर्थन किया था लेकिन इस योजना पर कोविड महामारी के कारण अनुमानित तरीके से कार्य नहीं हो पाया। इस योजना का उद्देश्य इन रोगों के लिए सुरक्षित दवा बनाना और उनकी सहज उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। इन रोगों को फैलाने वाले मच्छरों, मक्खियों और टिक्सों को भी लक्षित करना है।
WHO के नियंत्रण विभाग के निदेशक, मलकेला ने कहा कि कोविड-19 और एनटीडी दुनिया के सबसे गरीब और सबसे कमजोर समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। उनका प्रभाव बहुत बड़ी जनसंख्या द्वारा महसूस किया जाता है।
ये 20 बीमारियां Buruli ulcer, Chagas disease, Dengue and chikungunya, Dracunculiasis, Echinococcosis, Endemic treponematoses (Yaws), Foodborne trematodiases, Human African trypanosomiasis, Leishmaniasis, Leprosy, Lymphatic filariasis, Onchocerciasis, Rabies, Schistosomiasis, Soil-transmitted helminthiasis, Taeniasis/cysticercosis, Trachoma, Chromoblastomycosis and other deep mycoses, Scabies, Snakebite हैं।
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