तरुण सोंडर्वा, प्रधान सलाहकार, इकॉन मार्केटिंग कंसल्टेंट्स, बताते हैं कि भारतीय फार्मा उद्योग महामारी के दौरान हमारी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य के लिए कैसे योगदान दे रहा है।
वर्तमान महामारी (COVID-19) में भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 फीसदी कम हुई है। कृषि के अलावा स्वास्थ्य सेवा और फार्मा सेक्टर ने देश को आर्थिक रूप से जीवित रखा है। भारतीय फार्मा उद्योग को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह यूएसएफडीए द्वारा अनुमोदित जेनरिक में अग्रणी आपूर्तिकर्ता है। आईकॉन मार्केटिंग कंसल्टेंट्स के अनुमानों के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय फार्मा उद्योग तीन लाख उन्नीस हज़ार करोडर रुपये होने का अनुमान है।
आइए नजर डालते हैं कि भारतीय फार्मा उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था पर मौजूदा महामारी के दौरान कैसे योगदान दे रहा है और विभिन्न मापदंडों पर इसकी नब्ज की जाँच करें।
जीडीपी और एफडीआई प्रवाह में योगदान
पिछले वित्त वर्ष में, इस क्षेत्र ने देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 1.72 प्रतिशत का योगदान दिया था। एक दशक पहले यह करीब एक फीसदी था। बहुत सारे अनुसंधान और विकास, सरकार की पहल और एफडीआई प्रवाह ने उद्योग के आगे बढ़ने के लिए नए रास्ते खोल दिए।
प्रमुख स्तंभ: निर्यात
निर्यात के मामले में, दवाओं और फार्मा उत्पादों ने सितंबर 2020 के दौरान 24.89 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। फार्मा का निर्यात 56 हज़ार करोड रूपए का रहा जो कुल निर्यात का 7.79 प्रतिशत था और निर्यात का दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा।
वर्तमान महामारी से निपटने
सरकार की मदद से मौजूदा संकट से निपटने के लिए फार्मा कंपनियों के प्रयास से उद्योग को मजबूती मिली। भारत एक फार्मा हब है और दुनिया में टीकों का सबसे बड़ा निर्माता है। COVID-19 के खिलाफ लड़ाई भारतीय वैक्सीन निर्माताओं के बिना सफल नहीं हो सकती है। भारत COVID-19 टीकों की खोज में भी अग्रणी है। वर्तमान में उनमें से कुछ क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहे हैं। आने वाला समय में देश COVID-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान में सबसे आगे होगा।
आत्मानिर्भर बनने की राह
कच्चे माल के आयात पर उद्योग की निर्भरता को कम करने के लिए, मार्च में ही, भारत सरकार ने सक्रिय फार्मा सामग्री (एपीआई) और विभिन्न चिकित्सा उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 14,000 करोड़ रुपये के पैकेज की महत्वपूर्ण घोषणा की थी। भारत सरकार मेगा बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य भारत को एंड-टू-एंड ड्रग डिस्कवरी के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
रास्ते में आगे
वर्तमान उद्योग के रुझानों से पता चलता है कि संकट के बाद, भारतीय फार्मा उद्योग ने भंडारण और आपूर्ति श्रृंखला के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। दवाइयों को बाजारों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल मीडिया के उपयोग में वृद्धि हुई है। फार्मा कंपनियां शहरी बाजार के साथ ग्रामीण बाजारों को भी बेहतर बनाने के लिए बेहतर चिकित्सा इंफ्रास्ट्रचर विकसित करने के लिए अपने खर्च में वृद्धि करेंगी। यह भी उम्मीद है कि अगले दशक में लगभग 15 लाख करोड़ रूपए देश के चिकित्सा बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे। भारतीय फार्मा उद्योग 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में प्रमुख ड्राइवरों में से एक होगा।
इन सभी तरीकों से, न केवल मौजूदा संकट के दौरान, बल्कि भविष्य में भी, भारतीय फार्मा उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित होगा और भारत को स्वस्थ बनाने और सच्चे अर्थों में आत्मानिर्भर देश बनाने की दिशा में काम करेगा।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3108
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2,00,000 टन से अधिक चिकित्सा अपशिष्ट दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी के परिण
मंकीपॉक्स संक्रमण किसी को भी हो सकता है। अभी तक दुनिया में इसके जितने केस आए हैं, उनमें से अधिकतर पु
नींबू एक बेहतरीन इंस्टेंट एनर्जी बूस्टर और थकान दूर करने वाला है। यह साइट्रस फल त्वचा और मसूड़ों के
यूरोप क्षेत्र में शामिल 53 देशों में (मध्य एशिया के करीब) पिछले हफ्ते कोरोना के 30 लाख नए मामले सामन
ठंड के मौसम में लंबे समय तक खांसी के साथ बलगम आना ब्रोंकाइटिस हो सकता है।
अल्जाइमर्स एक दिमागी बीमारी है,जो व्यक्ति के दिमाग को कमजोर कर मैमोरी पर असर डालती है। पहले ये बीमार
सी.एम.ई. में शहर के लगभग 150 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया| कार्यक्रम में IMA-AMS के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
इस समय देश के 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 358 ओमिक्रॉन के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से
देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ कर 4,08,977 हो गई है जो कुल मामलों का 1.34 प्रतिश
बढ़ते प्रदूषण के बीच एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पहले प्रदूषण की वजह से सिर
COMMENTS