देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

राष्ट्रीय

भारत बायोटेक ने नाक से लिए जाने वाले कोविडरोधी टीके की बूस्टर खुराक के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए किया आवेदन।

वायरस म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को संक्रमित करता है। ऐसे में व्यक्ति को नाक से टीके की खुराक देकर किसी वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म किया जा सकता है।

हे.जा.स.
December 22 2021 Updated: December 22 2021 04:20
0 22822
भारत बायोटेक ने नाक से लिए जाने वाले कोविडरोधी टीके की बूस्टर खुराक के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए किया आवेदन। प्रतीकात्मक

नयी दिल्ली। देश की प्रमुख बायोटेक्नोलॉजी कंपनी भारत बायोटेक ने नाक से लिए जाने वाले कोविडरोधी टीके की बूस्टर खुराक के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए डीजीसीआई (भारत के औषधि महानियंत्रक) के पास आवेदन किया है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह बूस्टर खुराक उन लोगों को दी जा सकेगी जिन्होंने कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीका लगवाया है। 

देश में इस समय कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। देश में संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं और आशंका जताई जा रही है कि अगले साल फरवरी तक देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नाक से दिया जाने वाला टीका ओमिक्रॉन वैरिएंट से सुरक्षा दे सकता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बूस्टर खुराक के तौर पर नाक के टीके का इस्तेमाल उन लोगों पर करने की योजना है जिन्हें पहले ही कोविड-19 टीके की दो खुराकें लग चुकी हैं। हैदराबाद की टीका निर्माता कंपनी ने 650 वॉलंटियर पर दूसरे चरण का परीक्षण कराया है। कंपनी ने कहा है कि दूसरे चरण के परीक्षण के लिए भर्ती सितंबर तक पूरी हो गई थी। पहले चरण में 175 प्रतिभागी शामिल थे। 

इंट्रा नेजल टीकों में संक्रमण रोकने की अधिक 
कंपनी को उम्मीद है कि डीसीजीआई से जनवरी फरवरी तक इस टीके के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। नाक के टीके पर टिप्पणी करते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अमर उजाला से कहा कि नाक का टीका होना दो वजहों से एक बेहतर विचार है। पहली बात यह है कि यह संभावित रूप से स्टेराइल प्रतिरोधक क्षमता बना सकता है। नेजल म्यूकोसा स्टेराइल है। जब रोग जनक वायरस नाक के म्यूकोसा के संपर्क में आता है तब इसमें रोगजनक वायरस को बेअसर करने के लिए एंटीबॉडी होती है। दूसरी बात यह है कि ये टीके लगाना आसान होता है ऐसे में इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब किसी को नाक के जरिये स्टेराइल प्रतिरोधक क्षमता मिलती है तब इससे संक्रमण रुक जाता है।

अध्ययनों में भी टीका सुरक्षित पाया गया
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने इस साल अगस्त में बताया था कि 18 साल से 60 साल के आयु वर्ग के समूह में पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण पूरा हो चुका है। यह टीका बीबीवी 154 है जिसकी प्रौद्योगिकी भारत बायोटेक ने सेंट लुईस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से प्राप्त की थी। डीबीटी ने कहा था, ‘कंपनी ने जानकारी दी है कि पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण में स्वस्थ प्रतिभागियों को लगाई गयी टीके की खुराकों को शरीर द्वारा अच्छी तरह स्वीकार किया गया है। किसी गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी नहीं है।’ क्लिनिकल पूर्व अध्ययनों में भी टीका सुरक्षित पाया गया था। पशुओं पर हुए अध्ययन में टीका एंटीबॉडी का उच्च स्तर बनाने में सफल रहा।

28 दिन ओपन वायल पॉलिसी
इस बीच भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोवैक्सीन के उपयोग को निर्माण से 12 महीने की अवधि तक इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। भारत बायोटेक ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को शीशी खोलने और उसकी बर्बादी की चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि मरीज उपलब्ध नहीं हैं, तो वे बस खुली हुई शीशी को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर कर सकते हैं और अगले दिन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं या इसे 28 दिनों तक स्टोर कर सकते हैं। 

'नए वैरिएंट्स के लिए टीकों को बेहतर किया जा सकता है'
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से सुरक्षा के लिए वर्तमान टीकों में कुछ बदलाव किया जा सकता है। उनकी यह टिप्पणी ओमिक्रॉन से खतरे की आशंकाओं के बीच आएगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास दूसरी पीढ़ी के टीके होंगे। यह कुछ ऐसा है जो हमें दिमाग में रखना चाहिए। मौजूदा टीके प्रभावी हैं लेकिन नए वैरिएंट के मामले में इम्युनिटी कम हो जाती है।

कारगर साबित हो सकता है नाक से दिया जाने वाला टीका
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस सामान्य तौर पर म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। यह नाक में मौजूद एक ऊतक होता है। वायरस म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को संक्रमित करता है। ऐसे में व्यक्ति को नाक से टीके की खुराक देकर किसी वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म किया जा सकता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक नाक से दिया जाने वाला टीका इम्युनोग्लोबुलिन ए (IgA) का उत्पादन करता है, जो वायरस के प्रवेश के स्थान यानी नाक में ही मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करके वायरस को रोक सकते हैं। यह संक्रमण से लड़ने में सहायता करता है और संचरण भी रोकता है। नाक से दिए जाने वाले टीके एक मजबूत व प्रभावी म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं। 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

राष्ट्रीय

एसपी, डीएसपी समेत नालंदा पुलिस के कई जवानों ने किया रक्तदान

विशेष संवाददाता February 28 2023 33765

एसपी अशोक मिश्रा ने कहा कि रक्तदान महादान है, हमारे दिए गए खून से किसी एक व्यक्ति की जान बचाई जा सकत

सौंदर्य

गर्मी के मौसम में जवाँ और आकर्षक दिखने के लिए अपनाएं ये घरेलू टिप्स

सौंदर्या राय April 05 2022 32094

गर्मी में स्किन के नेचुरल ग्लो को बनाये रखने के लिए बहुत देखभाल की ज़रुरत पड़ती है। स्किन की देखभाल से

राष्ट्रीय

कोरोना के खिलाफ पीएम मोदी ने जन आंदोलन तैयार कर दिया - डब्ल्यूएचओ

रंजीव ठाकुर February 12 2021 26831

जिस तेजी से भारत में इस बीमारी की जांच व रोकथाम की गई और नागरिकों को कोराना संबंधी नियमों का पालन कर

शिक्षा

जारी हुआ नीट पीजी परीक्षा का शेड्यूल, इस दिन होगा एग्जाम

विशेष संवाददाता September 18 2022 33722

जारी लेटेस्ट शेड्यूल के अनुसार नीट पीजी 2023 परीक्षा 5 मार्च, 2023 को आयोजित होगी। नेशनल एग्जिट टेस

उत्तर प्रदेश

मरीज को इलाज संबंधी कागजात नहीं ले जाने होंगे हॉस्पिटल, देश में कहीं भी कराएं इलाज

आरती तिवारी March 11 2023 18601

अब इलाज संबंधी दस्तावेज रोगियों को अस्पताल लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। देश के अस्पतालों में प्रत्येक

स्वास्थ्य

सिरदर्द हो तो अपनाएं ये घरेलू इलाज

आरती तिवारी September 26 2022 25710

सिरदर्द की समस्या बहुत आम है। ये किसी भी वक्त आपको परेशान कर सकती है। इसके पीछे कई अलग-अलग कारण हो स

राष्ट्रीय

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ने खोजा आंख के ट्यूमर का स्वदेशी उपचार।

हे.जा.स. January 01 2021 19791

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) ने आंख के ट्यूमर के उपचार के लिए पहली स्वदेशी रूथेनियमियम 106 पट

अंतर्राष्ट्रीय

कनाडा में कोविड-19 रोधी टीकों की करीब 1.36 करोड़ खुराक एक्सपायर 

हे.जा.स. July 07 2022 22465

एस्ट्राजेनेका के टीके से कुछ लोगों में खून का थक्का जमने की दुर्लभ स्थिति के बारे में पता चलने के बा

सौंदर्य

सर्दियों में मुलायम त्वचा के लिए इस्तेमाल करें आर्गन ऑयल

admin January 04 2023 92142

आर्गन ऑयल आयुर्वेद का दिया हुआ ऐसा तोहफा है जो न सिर्फ हमारी स्किन बल्कि बालों के लिए भी किसी वरदान

उत्तर प्रदेश

प्रदूषण के कारण सांस लेने में हो रही समस्या, सात दिनों में दोगुने हुए मरीज

श्वेता सिंह November 02 2022 25396

सड़क किनारे रहने वाले, दुकानदार और जिन क्षेत्रों में खोदाई-निर्माण कार्य चल रहा है, वहां के लोगों को

Login Panel