नयी दिल्ली। अमेरिका के कैंसर रोग विशेषज्ञ ने चेताया है कि वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, आबादी और बदलती जीवन शैली के कारण भारत को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की 'सुनामी' का सामना करना पड़ेगा। हेमाटोलॉजी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग, क्लीवलैंड क्लिनिक, ओहियो, यूएसए के अध्यक्ष डॉ. जेम अब्राहम ने कहा कि वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती आबादी और बदलती जीवन शैली के कारण, भारत में कैंसर जैसे क्रॉनिक डिजीज के मामले बहुत तेजी से बढ़ेंगे।
डॉ. अब्राहम के मुताबिक जिस तरह से गंभीर बीमारियां (serious diseases) भारत की ओर बढ़ रही हैं, इसे रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है कि मेडिकल तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। अमेरिका के ओहियो में क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) में डिपार्टमेंट ऑफ हेमेटोलॉजी एंड मेडिकल ऑन्कोलॉजी (medical oncology) के प्रमुख डॉक्टर जेम अब्राहम ने इस सदी में कैंसर केयर (cancer care) को री शेप करने के लिए 6 जरूरी ट्रेंड बताए। इनमें शुरुआती तीन ट्रेंडों में कैंसर रोकथाम के लिए वैक्सीन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence), डाटा डिजिटल तकनीक को बढ़ावा और लिक्विड बायोप्सी शामिल है।
बता दें कि भारत में कैंसर का ग्राफ (cancer graph) लगातार ऊपर ही जा रहा है। भारत में कैंसर का बोझ विषय पर इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (medical research) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 में भारत में कैंसर पीड़ितों (cancer victims) की संख्या 26.7 मिलियन थी जिसके 2025 तक बढ़कर 29.8 मिलियन होने की संभावना है। सबसे ज्यादा मामले पिछले वर्ष देखे गए जब उत्तर भारत में प्रति 100,000 व्यक्ति पर 2,408 मरीजों और उत्तर-पूर्व में प्रति 100,000 व्यक्ति पर 2,177 रोगियों के मामले सामने आए। कैंसर के मामले महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखे जा रहे हैं।
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