देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

अंतर्राष्ट्रीय

बूस्टर ख़ुराक के अंधाधुंध प्रयोग से कोविड-19 महामारी को नहीं हराया जा सकता: डब्लू.एच.ओ.

अंधाधुंध बूस्टर कार्यक्रमों से महामारी का अन्त होने के बजाय, उसके लम्बा खिंच जाने की सम्भावना है। इससे वैक्सीन आपूर्ति उन देशों में मुड़ जाएगी, जहाँ पहले से टीकाकरण कवरेज ऊँचे स्तर पर है।

हे.जा.स.
December 24 2021 Updated: December 24 2021 21:03
0 11257
बूस्टर ख़ुराक के अंधाधुंध प्रयोग से कोविड-19 महामारी को नहीं हराया जा सकता: डब्लू.एच.ओ. प्रतीकात्मक

जेनेवा। अंधाधुंध ढँग से वैक्सीन कोविड-19 की अतिरिक्त ख़ुराक (Booster dose) दिये जाने के कार्यक्रमों से वैश्विक महामारी के लम्बा खिंच जाने और विश्व में वैक्सीन विषमता गराने की आशंका है। उक्त चेतावनी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस दिया। 

महानिदेशक टैड्रॉस (Director General Tedross) ने जेनेवा (Director General Tedross) में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोई भी देश बूस्टर ख़ुराक (booster dose) के ज़रिये, वैश्विक महामारी (global epidemic) से बाहर नहीं आ सकता है। यूएन एजेंसी प्रमुख की इस वर्ष की अन्तिम पत्रकार को सम्बोधित कर रहे थें।  

उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सतर्कता उपायों की ज़रूरत के बिना, बूस्टर खुराक प्रभावी नहीं हो सकता है। 

प्रतिरक्षण (Immunization) पर विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह (SAGE) ने बुधवार को, अतिरिक्त ख़ुराकों के सम्बन्ध में अन्तरिम दिशानिर्देश जारी किये हैं। समूह ने चिन्ता जताई है कि कुछ देशों में सामूहिक रूप से, बूस्टर ख़ुराक दिये जाने की क्षमता है, मगर ऐसा होने से टीकाकरण में पहले से पसरी वैक्सीन विषमता (vaccine disparity) और गहरी हो जाएगी। फ़िलहाल, सभी वैक्सीन ख़ुराकों का क़रीब 20 फ़ीसदी, बूस्टर या अतिरिक्त ख़ुराकों के तौर पर दी जा रही हैं। 

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि अंधाधुंध बूस्टर कार्यक्रमों से महामारी का अन्त होने के बजाय, उसके लम्बा खिंच जाने की सम्भावना है। इससे वैक्सीन आपूर्ति उन देशों में मुड़ जाएगी, जहाँ पहले से टीकाकरण कवरेज (vaccination coverage) ऊँचे स्तर पर है, और वायरस को फैलने और अपना रूप व प्रकार बदलने का अवसर मिला जाएगा। 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जल्द से जल्द सभी देशों में 40 फ़ीसदी आबादी और वर्ष 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण को प्राथमिकता दी जानी होगी।  

संगठन के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यह याद रखना होगा कि अस्पताल में भर्ती होने या मौत होने का जोखिम उन लोगों के लिये है, जिनका अभी टीकाकरण नहीं हुआ है, ना कि बूस्टर ख़ुराक ना पाने वाले लोगों के लिये।
हमें बेहद स्पष्ट रहना होगा कि हमारे पास जो वैक्सीन हैं, वे डेल्टा और ओमिक्रॉन, दोनों वैरीएण्ट्स के लिये कारगर हैं।”

वैक्सीन विषमता का विरोध (Opposition to Vaccine Asymmetry)
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि कुछ देशों में अंधाधुंध ढँग से वैक्सीन की अतिरिक्त ख़ुराक दिये जाने के कार्यक्रम शुरू किये गए हैं – तीसरी, यहाँ तक कि चौथी ख़ुराक के लिये, जैसे कि इसराइल में हुआ है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के 194 सदस्य देशों में से महज़ आधी संख्या में ही देश, अपनी 40 फ़ीसदी आबादी का टीकाकरण में सफल हो पाए हैं। इसकी वजह, वैश्विक आपूर्ति में व्याप्त विषमता बताई गई है। 

यूएन एजेंसी के मुताबिक़, वर्ष 2021 में पर्याप्त संख्या में टीके दिये गए, और यदि वैक्सीन ख़ुराकों को, कोवैक्स पहल के तहत न्यायसंगत ढँग से वितरित किया गया होता, तो हर देश इस लक्ष्य को सितम्बर महीने में पूरा कर सकता था। 

“हम उत्साहित हैं कि आपूर्ति बेहतर हो रही है। आज, कोवैक्स ने अपनी 80वीं करोड़ वैक्सीन ख़ुराक की खेप रवाना की है। इनमें से आधी ख़ुराकें पिछले तीन महीनों में भेजी गई हैं।” 

उन्होंने देशों व विनिर्माताओं (manufacturers) से कोवैक्स (Covax) पहल को प्राथमकिता देने और एक साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, ताकि पीछे छूट गये देशों को सहारा दिया जा सके। 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुमान दर्शाते हैं कि वर्ष 2022 की पहली तिमाही में पूरी दुनिया में वयस्क आबादी का टीकाकरण (vaccination) करने और उच्च-जोखिम वाली आबादी को अतिरिक्त ख़ुराक देने के लिये पर्याप्त आपूर्ति है। इसके बाद ही, सभी वयस्कों के लिये व्यापक पैमाने पर बूस्टर ख़ुराक का प्रबन्ध करना सम्भव हो सकता है। ध्यान रखना होगा कि कोरोना वायरस के कारण इस वर्ष 35 लाख लोगों की मौत हुई है और हर सप्ताह 50 हज़ार से अधिक लोगों की जान जा रही है।

महानिदेशक घेबरेयेसस ने ध्यान दिलाया कि टीकों ने, निश्चित रूप से अनेक ज़िन्दगियों को बचाया है, मगर विषमतापूर्ण वितरण की वजह से अनेक मौतें हुई हैं। यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि नए साल में, इस वर्ष में मिले सबक़ ध्यान रखने होंगे, और वर्ष 2022 को कोविड-19 के अन्त का वर्ष बनाना होगा।   

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

एंडोमेट्रियोसिस: लक्षण, कारण, निदान, प्रबंधन, रोकथाम

लेख विभाग August 12 2022 15367

एंडोमेट्रियोसिस में दर्द हल्के से लेकर गंभीर ऐंठन के रूप में हो सकता है। दर्द पेल्विक के दोनों किनार

राष्ट्रीय

सीरम इंस्टीट्यूट ने 12 से 17 साल के बच्चों के लिए कोरोनारोधी वैक्सीन की आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी

एस. के. राणा February 22 2022 6214

सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत के औषधि नियामक से 12 से 17 साल आयु वालों के समूह के लिए अपनी कोरोनारोधी वैक

उत्तर प्रदेश

बच्चे हो रहे लीवर फेलियर का शिकार: डा. प्रवीण झा

हुज़ैफ़ा अबरार February 18 2023 41139

कई नवजात शिशु लीवर से संबंधित बीमारियों से पीडि़त होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि अपने बच्चे का ब्लड ट

राष्ट्रीय

दिल्ली-एनसीआर में H3N2 वायरस ने दी दस्तक

विशेष संवाददाता January 05 2023 6069

डॉ डांग लैब के सीईओ डॉ अर्जुन डांग ने बताया कि भारत में H3N2 वायरस के कुछ पॉजिटिव मरीज मिले हैं। डॉ

सौंदर्य

पतली भौंहों पर आईब्रो पेंसिल लगाने का सही तरीका।

सौंदर्या राय September 19 2021 24832

जिन लोगों की आईब्रोज पतली या कम है वो अक्सर भौंहों को मोटा दिखाने के लिए आईब्रो पेंसिल का इस्तेमाल क

सौंदर्य

सर्दियों में मुलायम त्वचा के लिए इस्तेमाल करें आर्गन ऑयल

admin January 04 2023 43191

आर्गन ऑयल आयुर्वेद का दिया हुआ ऐसा तोहफा है जो न सिर्फ हमारी स्किन बल्कि बालों के लिए भी किसी वरदान

व्यापार

चीन से कच्चे माल की सप्लाई बाधित होने से देश में बढ़ेंगे दवाओं के दाम।

हे.जा.स. October 31 2021 8401

आमतौर पर प्रयोग होने वाला साल्ट पैरासिटामोल एक साल पहले 650 रुपये किलो मिलता था। अब इसके दाम 1200 रु

राष्ट्रीय

10 राज्यों के इन 27 जिलों में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर चेताया।

एस. के. राणा December 11 2021 6433

उन जिलों को शामिल किया गया है जहां पॉजिटिविटी रेट 10 परसेंट से ज्यादा है। इसमें तीन राज्यों के आठ जि

राष्ट्रीय

कोरोना को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए निर्देश,कहा- मेडिकल तैयारियां रखें पूरी

एस. के. राणा December 27 2022 7456

केंद्र सरकार भी कोरोना को लेकर एक्शन मोड़ में नजर आ रहा है। वहीं इस महामारी को लेकर पहले केंद्रीय स्

उत्तर प्रदेश

फाइलेरिया मरीजों को बहुत अधिक समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए - वेक्टर बार्न डिसीज निरीक्षक

रंजीव ठाकुर May 01 2022 6836

फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को बहुत अधिक समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए। सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा ले

Login Panel