जयपुर। राजस्थान में आजकल कई तरह की मौसमी बीमारियाँ फैली हुई हैं। बदलते मौसम की वजह से हर घर पर किसी ना किसी बीमारी ने दस्तक दे रक्खी है। इन दिनों डेंगू,चिकनगुनिया,मलेरिया,स्क्र्ब टायफस और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां फैली हुई हैं। इसमें भी सबसे अधिक मरीज़ डेंगू के सामने आ रहे हैं। डेंगू सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है और एक बार अगर किसी को डेंगू हो रहा हैं तो लंबे समय तक मरीज के शरीर में परेशानी बनी रहती हैं।
कोरोना (Corona) से मौतों का सिलसिला रूका तो डेंगू (dengue) और स्क्रब टायफस और स्वाइन फ्लू (swine flu) ने जान लेना शुरू कर दिया। वहीं स्क्र्ब टायफस (scrub typhus) भी पीछा नहीं छोड़ रहा हैं।सवाई मानसिंह अस्पताल (Sawai Mansingh Hospital) के मेडिसिन विभाग के डॉ.मनोज शर्मा ने बताया कि डेंगू को ब्रेक बोन फीवर कहा जाता हैं। इसमें स्वयं सावधानी बरत कर ही बचाव संभव हैं। किसी भी तरह की बुखार या कोई भी बीमारी का लक्षण आने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेंं। स्वयं कोई भी दवा नहीं लेंवे। क्योकि एक सी बीमारियों के लक्षण की कई बीमारियां अभी एक साथ परेशान कर रही हैं।
डेंगू में सबसे अधिक सावधानी बरतने की ज़रूरत है। डेंगू की चपेट में आने से ठंड के साथ अचानक तेज बुखार (high fever) आना, सिर, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। दवा से बुखार तो उतर जाता है लेकिन ब्ल्ड प्लेटलेट्स गिर जाती है। जिस कारण से मरीज का चक्कर आना शुरू हो जाते है। कई बार मरीज को बेहोशी तक आ जाती हैं।
प्लेटलेट्स (platelets) बढ़ जाने के बाद भी यह बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है और फिर पूरे शरीर में दर्द शुरू कर देती है। कमर से लेकर हर मांसपेशियों (muscle) में दर्द इस बीमारी के जाने के बाद भी लंबे समय तक बना रहता हैं। इसलिए अधिक से अधिक साफ पानी का सेवन,ताजा घर का खाना,तरल पेय पदार्थ,फलों का रस का सेवन करना जरूरी है। साथ ही मच्छरों (mosquitoes) से बचाव भी जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जयपुर प्रथम डॉ.विजय सिंह फौजदार ने बताया कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अलर्ट मोड पर है। बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि मच्छरों को पनपने से रोका जाए। घर में रखे गमले, मटके, छतों पर अनावश्यक पड़े टायर, कबाड़ आदि में मच्छर पनपते हैं। घरों में नियमित रूप से साफ-सफाई करें और आस-पास पानी एकत्रित न होने दें।
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