रायपुर। केंद्रीय मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को कहा कि मरीजों की सुविधा के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और योग सभी को एकीकृत दृष्टिकोण से काम करना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने मेडिकल छात्रों (medical students) से अपनी समर्पित सेवाओं के साथ समाज के उत्थान के लिए काम करने का आग्रह किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री (Union Minister of State for Health and Family Welfare) ने छात्रों से कहा कि केंद्र सरकार सभी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए एक मिशन मोड में काम कर रही है।
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) के दौरान जिस तरह अलग-अलग पैथी (उपचार के रूप) ने एक साथ काम किया, इससे आगे भी स्वास्थ्य प्रणाली (health system) के समग्र दृष्टिकोण पर काम करने की आवश्यकता है। मरीजों की सुविधा के लिए एलोपैथी (Allopathy), होम्योपैथी (Homeopathy), आयुर्वेद (Ayurveda), यूनानी (Unani) और योग (Yoga) सभी को एकीकृत दृष्टिकोण से काम करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य उपचार के विभिन्न तरीके के बावजूद रोगियों को राहत सुनिश्चित करना है। यह आपकी मानसिकता होनी चाहिए और इसे व्यवहार में लाना चाहिए। हमें अपनी संस्कृति और विरासत को विकास के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "देश में एमबीबीएस सीटों में 95 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है, और स्नातकोत्तर ( Post Graduate) सीटों में 2014 से 110 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है। वर्तमान में 665 मेडिकल कॉलेज हैं जबकि यह संख्या 2014 में 387 थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में 220 करोड़ से अधिक कोविड टीकों की खुराक दी गई है। इसके अलावा, भारत ने 90 से अधिक देशों को महामारी के दौरान कोविड के टीके और दवाओं की आपूर्ति भी की, जो देश की ताकत को दर्शाता है।’’
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सभी छात्र अब अपने जीवन के एक नए चरण में प्रवेश करेंगे और शिक्षा के दौरान उन्होंने जो ज्ञान प्राप्त किया है, उसकी सेवा के रूप में समाज को लौटाने का समय आ गया है। समाज डॉक्टरों (doctors) को भगवान का दर्जा देता है, और आप सभी को पेशे की नवीनता के साथ समाज के विश्वास को बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने सेवा के लिए रायपुर स्थित एम्स की सराहना की और कहा कि यह संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई के साथ चिकित्सा प्रौद्योगिकी के लिए एक नवाचार केंद्र स्थापित कर रहा है।
इस अवसर पर भाजपा सांसद सुनील सोनी, अरुण साव और सरोज पाण्डेय तथा एम्स के निदेशक डॉक्टर नितिन एम नागरकर उपस्थित थे। एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में मेडिकल और नर्सिंग के कुल 850 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।
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