नई दिल्ली। कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, केरल और पांडिचेरी जैसे दक्षिण के राज्यों में 2021 में निपाह वायरस (Nipah virus) के तीन बार केस आए। इसका पता तब चला, जब भारतीय वैज्ञानिकों को उक्त राज्यों से चमगादड़ों (bats) के शरीर मिले और उनके शरीर में एंटीबाडी (antibodies) भी मिला। शुक्र था कि इनमें से किसी भी चमगादड़ में जीवित वायरस नहीं मिला।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने इन छह राज्यों में चमगादड़ों को पकड़ कर उनके ब्लड सैंपल (blood samples) की जब जांच की यह पाया कि इनमें से 20 प्रतिशत चमगादड़ों में निपाह वायरस से बनने वाली एंटीबॉडी थी। अर्थात, इससे यह साबित हुआ कि ये चमगादड़ बहुत जल्द ही निपाह के संक्रमण से संक्रमित हुए होंगे और इनकी जान चली गई। वैज्ञानिकों ने हर राज्य से कहा है कि वे अपने यहां निगरानी बढ़ाएं। ये वैज्ञानिक मानते हैं कि कोरोना (corona) के बाद जरूरी हो गया है कि अब किसी अन्य बीमारी से बचने के लिए निगरानी की शानदार पद्धति विकसित की जाए।
573 चमगादड़ों पर हुआ शोध
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (National Institute of Virology), पुणे की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने बताया कि जनवरी से नवंबर 2019 के बीच छह राज्यों से 573 चमगादड़ों के नमूने एकत्रित किए गए थे। जांच के बाद जो समीक्षा की गई, उससे पता चला कि 51 चमगादड़ों में निपाह वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गईं।
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