जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने मंगलवार को कहा कि 10 सप्ताह पहले कोरोना वायरस का ओमिक्रोन स्वरूप सामने आने के बाद से अब तक संक्रमण के नौ करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जो कि वर्ष 2020 में सामने आए कुल मामलों से ज्यादा है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई थी।
डब्ल्यूएचो (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेबरेसस ने आगाह किया कि हालांकि ओमिक्रोन (OMICRON), वायरस के अन्य स्वरूपों जितना घातक नहीं है फिर भी इससे बचकर रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के ज्यादातर क्षेत्रों से मौतों की संख्या में वृद्धि की बेहद डराने वाली खबरें आ रही हैं।
क्यों फैल रहा है तेजी से ओमिक्रोन
बीते दिनों WHO की टेक्निकल हेड मारिया वैन केर्खोव ने ओमिक्रोन के तेजी से फैलने की वजह बताते हुए कहा कि इसकी पहली और खास वजह ओमिक्रोन में हुए म्यूटेशन है। इसे मनुष्य के शरीर की कोशिकाओं से आसानी से जुड़ने में मदद कर रहे हैं। मारिया ने दूसरी वजह बताते हुए कहा कि ये वायरस इम्यून सिस्टन (virus immune system) यानी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को चमका देने में कामयाब हो रहा है। यही वजह है कि जिन लोगों को पहले संक्रमण हो चुका है, यह उन्हें भी अपना शिकार बना रहा है। साथ ही वैक्सीन (VACCINE) की दोनों डोज ले चुके लोग भी इसकी चपेट में आने से बच नहीं पा रहे हैं।
तीसरी वजह यह है कि ओमिक्रोन अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित कर रहा है और यहीं रेप्लिकेट भी कर रहा है। यानी यह वायरस उपरी श्वसन तंत्र को अपनी गिरफ्त में लेकर यहीं अपने जैसे दूसरे वायरस (अपनी कॉपीज) बना रहा है। यह भी इस वायरस के फैलने की बड़ी वजह है। जबकि कोरोना के अन्य वायरस लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या फेफड़ों में जाकर रेप्लिकेट करते हैं।
शरीर की कोशिकाओं के साथ पेयरिंग कर रहा वायरस
आपको याद होगा कि कोविड-19 जब शुरू हुआ था, उस समय इस बात पर काफी कुछ कहा गया था वायरस ह्यून सेल्स से जुड़ने के प्रयास में तेजी से सेल्स को डैमेज कर रहा है। हालांकि ओमिक्रोन उतना विकसित वायरस है कि यह आसानी से शरीर की कोशिकाओं के साथ पेयरिंग कर रहा है।
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