देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

अंतर्राष्ट्रीय

स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी ख़र्च के कारण 50 करोड़ से ज़्यादा लोग गम्भीर निर्धनता के हालत में पहुँचे।

कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी ख़र्च के कारण 50 करोड़ से ज़्यादा लोग अत्यन्त गम्भीर निर्धनता के गर्त में धकेले जा चुके हैं।

हे.जा.स.
December 13 2021 Updated: December 13 2021 21:09
0 29184
स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी ख़र्च के कारण 50 करोड़ से ज़्यादा लोग गम्भीर निर्धनता के हालत में पहुँचे। प्रतीकात्मक

वाशिंगटन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व बैंक (World Bank) ने रविवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage) में दो दशकों के दौरान हुई जो प्रगति हुई है, कोविड-19 महामारी के कारण, उस प्रगति के रुक जाने की सम्भावना है। स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी ख़र्च के कारण 50 करोड़ से ज़्यादा लोग अत्यन्त गम्भीर निर्धनता के गर्त में धकेले जा चुके हैं।

रविवार को, ‘अन्तरराष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस’ (UHC) के अवसर पर जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 करोड़ से ज़्यादा लोग, अत्यन्त ग़रीबी की तरफ़ धकेले जा चुके हैं। उन्हें स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के लिये, अपनी जेबों से रक़म अदा करनी पड़ती है।

रिपोर्ट के निष्कर्षों में, कोविड-19 के कारण, स्वास्थ्य सेवाएँ हासिल करने में लोगों की सामर्थ्य पर पड़े विनाशकारी प्रभाव को भी रेखांकित किया गया है, क्योंकि बहुत से लोग, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता की क़ीमत वहन नही कर पा रहे हैं।

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने इस दिवस पर अपने सन्देश में कहा है कि कोविड-19 महामारी का तीसरा वर्ष जल्द ही शुरू होने वाला है। ऐसे में, “हमें अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को इस तरह से मज़बूत करना होगा ताकि वो समानता के आधार पर सेवाएँ मुहैया कराएँ, सहन सक्षम हों और हर किसी की स्वास्थ्य ज़रूरतों को पूरा करने में समर्थ हों, इनमें मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरतें भी शामिल हैं।”

झटकों की लहर
यूएन महासचिव (UN General Secretary)  एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “स्वास्थ्य आपदा की लहरें, उन देशों में सबसे ज़्यादा तबाही मचा रही हैं जहाँ स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ, गुणवत्तापरक और सर्वजन को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने में सक्षम नहीं हैं।”

अगर दुनिया को वर्ष 2030 तक, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) का लक्ष्य प्राप्त करना है तो, साबित हो चुके समाधानों का दायरा बढ़ाने और उनमें संसाधन निवेश करने के लिये, सरकारों की तरफ़ से और ज़्यादा प्रतिबद्धताओं की दरकार है।

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि इसमें स्वास्थ्य प्रणालियों की बुनियादों में ज़्यादा व स्मार्ट संसाधन निवेश करना होगा जिसमें मुख्य ज़ोर प्राइमरी स्वास्थ्य देखभाल, अनिवार्य सेवाओं और हाशिये पर रहने वाली आबादियों की बेहतरी पर हो।

यूएन प्रमुख का कहना है कि सहन सक्षम अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों के लिये सर्वश्रेष्ठ बीमा होगा – कोई संकट उबरने से पहले, स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत किया जाना।

उन्होंने कहा, “पिछले एक वर्ष के दौरान, कोविड-19 की वैक्सीन का असमान वितरण, एक वैश्विक नैतिक नाकामी रही है। हमें इन अनुभवों से सबक़ सीखना होगा। महामारी किसी भी देश के लिये तब तक ख़त्म नहीं होगी, जब तक कि ये प्रत्येक देश के लिये ख़त्म नहीं हो जाती है।”

दबाव, तनाव और चिन्ताएँ
विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्ष  2020 के दौरान, महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान डाला और देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों पर उनकी सीमाओं से भी अधिक दबाव डाला है।

उदाहरण के लिये, इसके परिणामस्वरूप, टीकाकरण अभियान, पिछले दस वर्षों के दौरान पहली बार धीमा हुआ है, और टीबी व मलेरिया से होने वाली मौतें बढ़ी हैं।

स्वास्थ्य महामारी ने, वर्ष 1930 के बाद से सबसे ज़्यादा ख़राब आर्थिक संकट भी उत्पन्न कर दिया है, जिसके कारण, बहुत से लोगों के लिये, जीवनरक्षक स्वास्थ्य सेवाओं का ख़र्च वहन करना भी कठिन हो गया है।

“महामारी से पहले भी, लगभग 50 करोड़ लोग, स्वास्थ्य सेवाओं के ख़र्च के कारण, अत्यन्त निर्धनता के गर्त में धकेले जा रहे थे, और अब भी धकेले जा रहे हैं।” संगठनों का मानना है कि ऐसे लोगों की संख्या अब और भी ज़्यादा है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस का कहना है कि गँवाने के लिये समय बिल्कुल भी नहीं बचा है। “तमाम सरकारों को ऐसे प्रयास फिर से शुरू करने और तेज़ करने होंगे जिनके ज़रिये उनके नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ, किन्हीं वित्तीय दुष्परिणामों के डर के बिना, उपलब्ध हो सकें।”

“इसका मतलब है कि स्वास्थ्य और सामजिक संरक्षा पर सार्वजनिक धन ख़र्च और उपलब्धता में बढ़ोत्तरी की जाए, और ऐसी प्राइमरी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर ध्यान केन्द्रित किया जाए जो, लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ उनके घरों के नज़दीक ही मुहैया कर सकें।”

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

स्वास्थ्य

स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ आहार है बेहद महत्वपूर्ण

लेख विभाग October 25 2022 29830

संपूर्ण जीवन में स्वस्थ आहार उपभोग अपने सभी रूपों में कुपोषण रोकने के साथ-साथ गैर-संचारी रोगों (एनसी

स्वास्थ्य

सेहतमंद रहना है तो करिए जमकर डांस

आरती तिवारी August 21 2022 19606

क्या आप भी नृत्य करने के शौकीन हैं, तो यकीन मानिए आपकी यह एक आदत न सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए बेहतर ह

सौंदर्य

ग्लोइंग स्किन के लिए इस प्रकार इस्तेमाल करें अनार का छिलका

लेख विभाग October 23 2022 75902

अनार के छिलकों को देखकर तो कल्पना ही नहीं की जा सकती कि उन्हें कभी चेहरे पर लगाया जाए। आपको ताज्जुब

अंतर्राष्ट्रीय

Covid-19: कनाडा ने भारत के लिए डायरेक्ट फ्लाइट पर 21 अगस्त तक लगाई रोक। 

हे.जा.स. July 20 2021 22941

कनाडा ने 22 अप्रैल 2021 को पहली बार भारत के लिए विमान यात्रा पर प्रतिबंध लगाया था, तब से ये चौथी बार

स्वास्थ्य

धूम्रपान से ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता है खतरा।

लेख विभाग October 25 2021 22271

ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में शुरू होता है, और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है। ह

राष्ट्रीय

एम्स में लाभार्थियों का मिलेगा कैशलेस इलाज, बुजुर्ग मरीजों को भाग-दौड़ से मिलेगी राहत

एस. के. राणा May 23 2023 25837

मंत्रालय ने कहा, इस योजना से वरिष्ठ नागरिकों (सेवानिवृत्त पेंशनभोगी) को विशेष लाभ मिलेगा, क्योंकि स्

अंतर्राष्ट्रीय

विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र ने पृथ्वी को बचाने का किया आह्वान 

हे.जा.स. June 05 2022 28722

यूएन प्रमुख ने आगाह करते हुए कहा कि हम अपनी अरक्षणीय जीवन शैलियों के लिये पृथ्वी से बहुत ज़्यादा की

राष्ट्रीय

नालंदा के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बनाया जायेगा स्तनपान वार्ड

admin November 03 2022 25283

स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देशित है कि स्तनपान वार्ड ओपीडी के करीब स्थापित किया जायेगा। इसके अतिरिक्

अंतर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने कोविड़ यात्रा एडवाइजरी में ढील दिया

हे.जा.स. March 29 2022 20309

भारत में कोरोना के घटते केसों के बाद अब यात्राओं से पाबंदियां हटनी शुरु हो गई है। इसी बीच, यूएस सेंट

उत्तर प्रदेश

एम्स गोरखपुर में मातृत्व दिवस पर कार्यशाला आयोजित

आनंद सिंह April 12 2022 48548

कार्यशाला में वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित "बंडल एप्रोच" द्वारा इस खतरनाक जटिल बीमारी का प्रारंभिक इलाज

Login Panel