देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

ओमिक्रॉन वैरिएंट के मिथक और वास्तविकता की जानकारी के लिए ज़रूर पढ़ें।

ओमिक्रॉन वैरिएंट पर वैक्सीन असरदार नहीं होगी। हालांकि एजेंसी ने यह भी कहाकि यह डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम खतरनाक है।

लेख विभाग
December 13 2021 Updated: December 13 2021 20:04
0 19228
ओमिक्रॉन वैरिएंट के मिथक और वास्तविकता की जानकारी के लिए ज़रूर पढ़ें। प्रतीकात्मक

ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया के 63 देशों तक पहुंच चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रसार डेल्टा वैरिएंट की तुलना में बेहद तेजी से होने वाला है। यूनाइटेड नेशंस हेल्थ एजेंसी ने शुरुआती आंकड़ों के हवाले से यह बात सामने आई है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट पर वैक्सीन असरदार नहीं होगी। हालांकि एजेंसी ने यह भी कहाकि यह डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम खतरनाक है।

क्या ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से संक्रमित कर रहा है?
डब्लूएचओ के मुताबिक डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट के फैलने की रफ्तार तेज है। डब्लूएचओ ने कहाकि दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण की रफ्तार कम रही थी। वहीं ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण यहां तेजी से फैला। लेकिन ब्रिटेन जैसे देश में जहां डेल्टा वैरिएंट ने कहर ढाया था, वहां भी ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण की रफ्तार खासी तेज है। दक्षिण अफ्रीका का गौटेंग शहर जो यहां पर इस वायरस का सेंटर है, वहां पर इस वायरस की संक्रमण रफ्तार की दर 3 है। यानी इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति तीन अन्य लोगों को संक्रमित कर रहा है। वहीं जापान में हुई स्टडी में ओमिक्रॉन की संक्रमण दर 4.2 पाई गई है। 

क्या ओमिक्रॉन ज्यादा घातक है? 
डॉक्टरों का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से प्रभावितों में थकान और सिरदर्द की समस्या ज्यादा है। वहीं डेल्टा वैरिएंट से प्रभावित लोगों में सांस और हार्ट की समस्या ज्यादा हो रही थी। दक्षिण अफ्रीका के तीन बड़े प्राइवेट अस्पतालों के मुताबिक शुरुआती लहरों की तुलना में इस बार लक्षण बेहद माइल्ड हैं। वहीं ओमिक्रॉन से संक्रमित बहुत कम लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट या वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी। इससे होने वाली मौतों की संख्या भी डेल्टा की तुलना में काफी कम है। डब्लूएचओ का कहना है कि ओमिक्रॉन को लेकर अभी जो आंकड़ा सामने आया है वह बेहद कम है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका और यूरोपियन यूनियन में हुई शुरुआती खोजें बताती हैं कि यह डेल्टा की तुलना में कम घातक हैं। डब्लूएचओ का कहना है कि अभी ओमिक्रॉन की घातकता जानने के लिए और बड़े डेटा की जरूरत होगी। 

क्या वैक्सीन ओमिक्रॉन पर प्रभावी हैं?
शोध बताते हैं कि ओमिक्रॉन एंटीबॉडीज को चकमा देने में सक्षम है। हालांकि यह पूरी तरह से चकमा नहीं दे पाता है। फाइजर कंपनी की एक स्टडी में भी यह बात सामने आई है। डब्लूएचओ के मुताबिक शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन पूरी तरह से प्रभावी नहीं हैं। हालांकि एक छोटे सैंपल पर हुई स्टडी बताती है कि वैक्सीन ले चुके और पहले से कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों के ऊपर ओमिक्रॉन कम घातक है।

क्या यह बच्चों पर अलग ढंग से असर डाल रहा?
दक्षिण अफ्रीका में शुरुआती दौर में ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा थी। पांच साल से कम उम्र के बच्चे बड़ी संख्या में अस्पताल में भर्ती हुए। हालांकि इनमें से अधिकतर को बहुत कम समय के लिए अस्पताल में रहना पड़ा था। दक्षिण अफ्रीकी स्वास्थ्य मंत्री जो फाला के मुताबिक इनमें से किसी बच्चे को सांस संबंधी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

अंतर्राष्ट्रीय

शराब की मार्केटिंग पर सख़्त नियम लागू किये जायें या फिर प्रतिबन्ध लगाया जाएँ: डब्ल्यूएचओ 

हे.जा.स. May 11 2022 16698

दुनिया भर में ऐल्कोहॉल की कुल खपत का तीन-चौथाई भाग पुरुषों द्वारा किया जाता है और महिलाओं में सशक्ति

Login Panel