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जानें, जानलेवा होते जा रहे डेंगू से बचाव के कुछ बेहद आसान से उपाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अनुमानतः 500,000 लोगों को हर साल डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस साल 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 67,000 मामले सामने आ चुके थे।

श्वेता सिंह
November 03 2022 Updated: November 04 2022 14:24
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जानें, जानलेवा होते जा रहे डेंगू से बचाव के कुछ बेहद आसान से उपाय प्रतीकात्मक चित्र

डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है। यह एक फ्लू जैसी बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार अनुमानतः 500,000 लोगों को हर साल डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में डेंगू (dengue) के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, जिनमें से भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया, मेक्सिको, अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में तो बड़ी आबादी इस बुखार (fever) से प्रभावित होती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस साल 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 67,000 मामले सामने आ चुके थे।

 

डेंगू के कारण – Causes of dengue

डेंगू चार वायरसों (virus) के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं - डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित (infected) व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है और बीमारी (disease) तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है।

 

एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

डेंगू के लक्षण - Symptoms of dengue

 

आमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों (symptoms) में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों (children) में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैं:

  • सिर दर्द
  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी लगना
  • आंखों के पीछे दर्द
  • ग्रंथियों में सूजन
  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना

इसके अलावा तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम (syndrome) ।

 

हल्का डेंगू बुखार - Mild dengue fever

इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।

 

डेंगू रक्तस्रावी बुखार - Dengue hemorrhagic fever

लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।

 

डेंगू शॉक सिंड्रोम - Dengue Shock Syndrome

यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।

 

डेंगू का उपचार - Treatment of dengue

डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार (treatment) नहीं है क्योंकि डेंगू एक वायरस है। यथासमय देखभाल (care) से मदद मिल सकती है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर (serious) है। डेंगू बुखार के कुछ बुनियादी उपचार निम्नलिखित हैं :

 

औषधि - Medicine

टायलेनोल या पैरासिटामोल (paracitamol) जैसी दर्द निवारक दवाएं आमतौर पर रोगियों को दी जाती हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन (dehydration) के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स प्रदान की जाती हैं।

 

हाइड्रेटेड रहें - Stay hydrated

यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे शरीर के अधिकांश तरल पदार्थों का उल्टी (vomiting) और तेज बुखार के दौरान ह्रास हो जाता है। तरल पदार्थों के लगातार सेवन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रेट नहीं होगा।

 

स्वच्छता - Hygiene

स्वच्छता का अत्यधिक महत्व है, तब तो और भी ज्यादा जब आप स्वस्थ नहीं होते हैं। मरीज यदि नियमित स्नान नहीं कर सकता तो स्पंज से स्नान (bathe) का विकल्प चुन सकता है। नहाने के लिए उपयोग किए जा रहे पानी में डेटॉल / सैवलान (savlon) जैसे कीटाणुनाशक तरल की कुछ बूंदें मिलाएं। इसके अलावा अपनी त्वचा की सतहों को ढकने और मच्छर (mosquito) के दंश की संभावना को कम करने के लिए लंबी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनने की कोशिश करें। डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें।

 

मच्छर रोधी क्रीम - Anti mosquito cream

डाइथाइलटोलुआमाइड (डीईईटी) के कम से कम 10 प्रतिशत कंसंट्रेशन वाला रेपेलेंट प्रभावी रहता है। लंबे समय तक जोखिम हो तो फिर उच्च कंसंट्रेशन वाले रेपलेंट की आवश्यकता होती है। मच्छरों को दूर रखने के लिए आप रोजाना ऐसी क्रीम लगा सकते हैं।

 

Edited by Shweta Singh

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