लखनऊ। हर साल 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस अवसर पर महिला डिग्री कालेज, अमीनाबाद में इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ (CMO Lucknow) के निर्देश पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Mental Health Program) के अन्तर्गत तनाव प्रबन्धन एवं आत्महत्या रोकथाम (Suicide Prevention) कार्यशाला का आयोजन किया गया। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम लखनऊ की टीम मौजूद रही।
कार्यशाला में महिला डिग्री कालेज (Mahila Degree College) की लगभग 70 छात्रो तथा 7 शिक्षकों और प्रधानाचार्य ने प्रतिभाग किया। मनोचिकित्सक (Psychiatrist) डॉ अभय सिहं द्वारा दैनिक जीवन होने वाले तनावों (stress) व उनके प्रबन्धन (stress management) के विषय मे जानकारी दी तथा तनावों के कारण समाज में बढ़तें आत्महत्या पर चिन्ता जताते हुए लोगों द्वारा आत्महत्या करने के कारणों पर एवं मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के बारे में बताया गया।
डॉ अभय सिहं ने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा आत्महत्या की दर 15 से 39 वर्ग के लोगों में है। आईपीसी (IPC) की धारा 309 में आत्महत्या और आत्महत्या का प्रयास करना दंडनीय अपराध है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अत्महत्या करने वाले रोगी का निरीक्षण करें और आत्महत्या करने के सभी साधनों को उसके आस-पास से हटा दें, जैसे- नुकीली वस्तु, रस्सी, ड्रग्स, आग्नेयास्त्र आदि।
रोगी की अच्छी तरह से तलाशी लें व जोखिम की गंभीरता के आधार पर निगरानी भी रखे। एनसीआरबी (NCRB) के डाटा के अनुसार प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते है। आत्महत्या के कई कारण होते है, जैसे professional/career की समस्या, अलगाव की भावना, दुर्व्यवहार, हिंसा, पारिवारिक समस्याएं, मानसिक विकार, नशे की लत, वित्तीय नुकसान, पुराना/असाघ्य रोग व दर्द इत्यादि।
एनसीआरबी के डाटा के अनुसार 2020 में भारत में सबसे अधिक आत्महत्या महाराष्ट्र (19,909) तमिलनाडू (16,883), मध्य प्रदश (13,103) एवं कर्नाटक (12,259) में हुई है। कुछ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, नागालैंड, त्रिपुरा, उत्तराखंड, चंडीगढ़, दिल्ली, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी ने/द्वारा आत्महत्या की शून्य सूचना दी है। 2020 के दौरान खेतिहार मजदूरों द्वारा की गई 5,098 आत्महत्याओं में से 4,621 पुरूष और 477 महिलाएं थी।
कार्यशाला में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्रचार-प्रसार सामग्री का वितरण कर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का कार्य किया।
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