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गरीबों को मिलेगा सस्ता इलाज, केजीएमयू में शुरू हुआ कम्यूनिटी कैंसर नेटवर्क प्रोग्राम

कैंसर के इलाज को और सुदृढ़ बनाने के लिए अब गरीब व असहाय मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ एवं तकनीकी मदद के लिए एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल के सहयोग से कम्यूनिटी कैंसर नेटवर्क प्रोग्राम की शुरुआत हो गई है।

रंजीव ठाकुर
August 26 2022 Updated: August 27 2022 14:05
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गरीबों को मिलेगा सस्ता इलाज, केजीएमयू में शुरू हुआ कम्यूनिटी कैंसर नेटवर्क प्रोग्राम प्रतीकात्मक चित्र, केजीएमयू

लखनऊ। कैंसर के इलाज को और सुदृढ़ बनाने के लिए अब गरीब व असहाय मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ एवं तकनीकी मदद के लिए एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल के सहयोग से कम्यूनिटी कैंसर नेटवर्क प्रोग्राम की शुरुआत हो गई है। 

 

केजीएमयू (KGMU) कुलपति ले. ज. (डॉ) बिपिन पुरी (Dr Bipin Puri) ने बताया कि इस प्रोग्राम के माध्यम से यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि कैंसर के मरीजों (cancer patients) को सही समय पर पहचान, उपचार और रिफ़र की सुविधा उपलब्ध हो। सही जानकारी के अभाव में वह अपना समय और पैसा दोनों बर्बाद करने से बचे। 

 

डॉ पुरी के अनुसार इस प्रोग्राम के द्वारा जिला अस्पताल, सामुदायिक (CHC) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) पर तैनात चिकित्सा अधिकारियों (medical officers) को प्रशिक्षित किया जाएगा और कैंसर के प्रति उनका एक ऐसा नेटवर्क बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से कैंसर के मरीजों को सही समय पर जांच एवं उपचार में मदद मिल सके। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अभी लखनऊ, उन्नाव और अयोध्या की सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है।

 

मेडिकल हेल्थ की डायरेक्टर जनरल (DG Health) डॉ लिली सिंह ने बताया कि ग्रामीण परिपेक्ष्य में सबसे ज्यादा ओरल कैंसर (oral cancer) पाया जाता है, क्योंकि वहाँ तंबाकू का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है। कैंसर आज के समय की बहुत घातक बीमारी है। इससे बचाव के लिए इसका समय पर पहचान कर उसका इलाज शुरू करना बहुत जरूरी है। 

 

उन्होंने बताया कि कैंसर की पहचान और इलाज (diagnosis and treatment of cancer) में देरी अक्सर मरीज की मौत का कारण बन जाती है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कैंसर से बचा नहीं जा सकता। जरूरी है कि सिस्टम में ऐसे चिकित्सीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाए जो कैंसर की समय से पहचान और इलाज के लिए सहायक साबित हों। 

 

एनपीसीडीएस प्रोग्राम (NPCDS Program) की अपर निदेशक डॉ अलका ने बताया कि जमीनी स्तर पर मेडिकल ऑफिसर ही अग्रिम पंक्ति के सिपाही होते हैं, जो मरीजों की जांच, उपचार और देखभाल के लिए तत्पर रहते हैं। इनका सहयोग ही कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में मदद पहुंचाएगा। 

 

एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल (Access Health International) जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में तकनीकी मदद कर रहा है, इसकी डायरेक्टर मनीषा ने बताया कि इस प्रयास से आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) के लाभार्थियों को भी बहुत लाभ होगा। 

 

जैसा कि सबको पता है कि कैंसर का इलाज एक लंबी और बहुत पैसा खर्च होने वाली प्रक्रिया है। ऐसे में जो गरीब हैं उनको सही समय पर सही मदद मिल सके इसके लिए यह प्रयास बहुत सहायक है। आयुष्मान कार्ड धारक मरीज (Ayushman card holder patient) को भी समय रहते ऐसे संस्थानों के बारें में पता चल सकेगा और उन्हे वहाँ रिफ़र किया जा सके, जहां उनका निशुल्क उपचार हो सके। 

 

रेडिएशन ऑनकोलॉजी (Radiation Oncology) विभाग के प्रोफेसर डॉ एम एल बी भट्ट ने बताया कि केजीएमयू में चल रहा कैंसर सहायता केंद्र को और मजबूत किया जा रहा है। अब इस केंद्र से प्रशिक्षित सभी चिकित्सा अधिकारियों को जोड़ा जाएगा।

 

इसके साथ ही सोमवार से लेकर शुक्रवार तक हर रोज दोपहर 12 बजे से एक बजे तक कोई कैंसर एक्सपर्ट (cancer expert) वीडियो के माध्यम से जिलों के चिकित्सा अधिकारियों से जुड़ेगा। जिससे कि यदि उनके पास कोई कैंसर का मरीज हो तो उसको टेली कन्सल्टेशन से मदद की जा सके।

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