हाल के दिनों में देखा गया है कि किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। खान-पान का स्तर ठीक न होने से, हाई बीपी और शुगर के कारण किडनी पर तगड़ा असर पड़ता है। किडनी की बीमारी से जुड़े अनेक पहलुओं पर मैक्स सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज, नई दिल्ली के एसोसिएट डायरेक्टर डा. शैलेश चंद्र सहाय से हेल्थजागरण.काम ने खास बातचीत की। प्रमुख है, खास अंशः
हेल्थजागरण - एक स्वस्थ आदमी को कैसे पता चलेगा कि उसकी किडनी में इन्फेक्शन है या वह खराब हो रही है। इसे आप कैसे पता करते हैं?
डा. शैलेश चंद्र - जब किडनी में इन्फ़ेक्शन होता है तो आपको पेशाब करने में परेशानी होती है। बार बार पेशाब लगना और जलन के साथ पेशाब होना मुख्य लक्षण होते हैं। इसे जानने के लिए पेशाब की जाँच और अल्ट्रासाउंड की ज़रूरत होती है।
हेल्थजागरण - एक आम आदमी को दिन भर में कितना पानी पीना चाहिए। एक धारणा यह है कि कम से कम 6 लीटर पानी पीना चाहिए, दूसरी धारणा यह है कि जब प्यास लगे, तभी पानी पीना चाहिए। एक यूरोलाजिस्ट के रूप में आप क्या कहते हैं?
डा. शैलेश चंद्र - एक आम आदमी को आमतौर पर दिन में 2.5 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। जब प्यास लगे तब ही पीना चाहिए। बहुत अत्यधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर में सॉल्ट्स की कमी हो सकती है। जिनकी किड्नी कमजोर होती है उन्हें पानी 1.5 लीटर ही पीना चाहिए।
हेल्थजागरण - किडनी फेल्योर क्या है?
डा. शैलेश चंद्र - किडनी का काम खून को फ़िल्टर करके urine बनाना होता है । अगर किडनी में कोई बीमारी हो जाए तो खून से हानिकारक पदार्थ नहीं छन पाते हैं और शरीर में यूरिया की मात्रा बढ़ने लगती है जिसे किडनी फ़ेल्यर कहते हैं ।
हेल्थजागरण - यूरोलाजी के क्षेत्र में इन दिनों नया शोध क्या आया है?
डा. शैलेश चंद्र - यूरॉलजी में बहुत सारे नए-नए लेज़र उपकरण आ गए हैं जिनसे प्रास्टेट और पथरी का इलाज और भी सरल हो गया है।
हेल्थजागरण - क्या कारण है कि इन दिनों किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है? इस समस्या से कैसे बचा जाए?
डा. शैलेश चंद्र - किडनी के मरीज़ों की संख्या बढ़ने का एक कारण लाइफ स्टाइल में बदलाव आना है। धूम्रपान और शराब से भी किड्नी को नुक़सान होता है। शुगर, हाई बीपी से भी किडनी को नुक़सान होता है।
हेल्थजागरण - क्या किडनी का इलाज सिर्फ एलोपैथी में ही है? क्या इसका इलाज होम्योपैथी या आयुर्वेद में नहीं है? सबसे बढ़िया इलाज किस पद्धति को माना जाता है?
डा. शैलेश चंद्र - किड्नी का इलाज हर पद्धति में है लेकिन मेरी जानकारी में एलोपैथी इसका सर्वाधिक प्रमाणित और कारगर उपचार है।
हेल्थजागरण - अभी जो आपरेशन के यंत्र आए हैं, उनके बारे में अलग से जानकारी दें।
डा. शैलेश चंद्र - यूरॉलजी में सबसे लेटेस्ट उपकरण रोबोटिक है जिससे हम विभिन्न प्रकार के कैन्सर (प्रास्टेट, किड्नी, ब्लैडर इत्यादि) का ऑपरेशन बिना चीरे के कर सकते हैं। अनेक प्रकार के लेज़र प्रास्टेट एवम पथरी के इलाज के लिए आते हैं जो इन ऑपरेशन को सरलता और असरदार से करने में मदद करते हैं।
हेल्थजागरण - कृपया डायलिसिस के बारे में बताएं। क्या क्या है, कैसे होता है, सिस्टम क्या है इसका?
डा. शैलेश चंद्र - डायलिसिस एक खून को साफ़ करने की प्रक्रिया है। ये उन मरीज़ों के लिए है जिनकी किड्नी ख़राब हो जाती है। ये hemodialysis और पेरिटोनीयल डायलिसिस दो तरह से किया जाता है। आख़िरकार इन मरीज़ों को किडनी transplant की ज़रूरत पड़ती है।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 2997
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
इसे खाने के आधे घंटे बाद तक कुछ नही खाना है। ये इलाज़ रोज सुबह खाली पेट कर लें 7 दिन में परिणाम दिखाई
ठंड के मौसम में लंबे समय तक खांसी के साथ बलगम आना ब्रोंकाइटिस हो सकता है।
दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में H3N2 वायरस खतरा बढ़ गया है। वहीं अब इस वायरस
सहरसा में भी 100 बेड का मॉडल जिला अस्पताल बनाया गया है। जल्द ही उद्घाटन कर इसे आमजन के लिए सुपुर्द क
फेफड़े का कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। इसके अलावा यह दूसरे कारणों से भी होता है। जिनमें तंबा
इस पहल ने 3 वर्ष से भी कम समय-सीमा में दुनिया के सबसे बड़े सरकारी स्वामित्व वाले टेलीमेडिसिन प्लेटफॉ
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों और स्टाफ का नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखने का आदेश देन
फाइजर ने कहा कि उसकी एक्सपेरिमेंटल कोविड-19 टेबलेट ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी प्रतीत होती है।
देश में सक्रिय मरीजों की संख्या भी बढ़कर 16,980 हो गई जो कि आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है। महा
जब लोग दुनिया के सबसे खतरनाक बीमारियों के बारे में सोचते हैं तो उनके दिमाग में शायद ही इन बीमारियों
COMMENTS