लखनऊ। यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कमर कस ली है। वहीं सरकारी अस्पतालों के पलंग पर एक ही चादर कई दिनों तक बिछी रहती है। मजबूरी में मरीजों को खराब चादर पर ही लेटना पड़ता है, लेकिन अब व्यवस्था में बदलाव की कवायद की जा रही है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने ऐलान किया है कि सरकारी अस्पतालों में बिना किसी बहाने के रोज मरीजों के बेड की शीट बदली जाएं।
अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए उपमुख्यंत्री ने कहा कि मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों की बेड शीट रोज बदली जाए। ताकि मरीजों को संक्रमण से बचाया जा सके। यह निर्देश प्रदेश भर के CMO और CMS को दिए गए। यदि निर्देश के बाद भी मरीज की बेड शीट रोज नहीं बदली जा रही है तो उसके लिए सीएमओ और सीएमएस जिम्मेदार होंगे।
बता दें कि यूपी में 167 जिला पुरुष और महिला अस्पताल हैं। 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (community health centers) में मरीजों को इलाज मिल रहा है। 2934 प्राथमिक स्वास्थ केंद्र (primary health center) हैं। 593 शहरी पीएचसी हैं। जबकि 18580 हेल्थ पोस्ट सेंटर है।. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज और संस्थानों का संचालन हो रहा है। केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई, बलरामपुर, सिविल, सैफई, कानपुर के हैलट, जीएसवीएम, बीएचयू समेत दूसरे अस्पतालों के काफी बेड भरे रहते हैं। मरीजों को संक्रमण (infection) से बचाने के लिए रोज बेड शीट बदली जानी चाहिए. इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।
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