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केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में टी.बी.उन्मूलन पर बैठक।

प्रदेश में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 225 करोड रुपए टीबी से ग्रसित रोगियों के खातों में स्थानांतरित किये गये हैं।

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में टी.बी.उन्मूलन पर बैठक। टी.बी.उन्मूलन पर वर्चुअल बैठक।

लखनऊ। केजीएमयू में बुधवार को राष्ट्रीय टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम एनटीईपी हेतु कार्यरत कोर कमेटी की मीटिंग आयोजित की गई। इस अवसर पर केजीएमयू के कुलपति लेज (रि.) डा बिपिन पुरी ने इस कार्यक्रम के उद्घाटन मेंं टी.बी. स्टाफ की ट्रेनिंग और शोध पर जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि केजीएमयू के सारे डिपार्टमेंट और डेंटल विभाग को भी राष्ट्रीय टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम में जोडऩा चाहिए और टी.बी. रोगियों को गोद लेना चाहिए। उन्होंने टी.बी. नोटिफिकेशन पर भी जोर दिया। 

इस अवसर पर डा सूर्यकान्त ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में 53 मेडिकल कॉलेज एनटीईपी से जुड़े हैं जो टी.बी. उन्मूलन हेतु टी.बी. रोगियों के उपचार शोध, शिक्षण एवं प्रशिक्षण हेतु कार्यरत हैं। 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 225 करोड रुपए टीबी से ग्रसित रोगियों के खातों में स्थानांतरित किये गये हैं। 

केजीएमयू ने टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लिया है। 52 बच्चे रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग द्वारा गोद लिए गए हैं तथा पेडियाट्रिक एवं कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने भी बच्चों को गोद लिया है। टीबी ग्रसित बच्चों को कई स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा भी रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के प्रयास से गोद लिया है। 

उत्तर प्रदेश में एमडीआर टी.बी. के इलाज हेतु 22 केंद्र हैं इन केंद्रों को प्रशिक्षित करने का काम भी केजीएमयू के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग करता है। उत्तर प्रदेश में डिफिकल्ट टू ट्रीट टी.बी. क्लीनिक अर्थात कठिन टी.बी. का इलाज कैसे करें शुरू की गई है। इसमें प्रदेश एवं देश के राष्ट्रीय स्तर के टी.बी. एक्सपर्ट होते हैं तथा अपनी राय देते हैं इसमें टी.बी. के इलाज में क्या कठिनाइयां आ रही हैं उसका निदान देते हैं। 

डा दर्शन कुमार बजाज केजीएमयू नोडल ऑफिसर एनटीईपी ने टीबी के नवीनतम उपचार पर एक व्याख्यान दिया। 

इस कार्यक्रम में रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के डा अजय कुमार वर्मा, डा आनंद श्रीवास्तव, डा ज्योति बाजपेई, डा अंकित कुमार, रेजिडेंट डॉक्टरों एवं डॉट्स स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डा ज्योति वाजपेई ने किया।

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