लखनऊ। इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी बीपीकॉन 2022 का अटल बिहारी वाजपेई कंवेंशन सेंटर, केजीएमयू में आज दूसरा दिन था। देश भर से आएं डॉक्टर्स ने हाइपरटेंशन को लेकर गहन चर्चा की।
कांफ्रेंस (Indian Society of Hypertension) में विभिन्न मेडिकल कम्पनीज के स्टॉल भी लगे हैं जहां आधुनिकतम चिकित्सा, दवाओं और उपकरणों की जानकारियां दी जा रही हैं। यहाँ लखनऊ हॉट का पंडाल लगाया गया है जहाँ लखनऊ की प्रसिद्ध चीजें और मेहँदी तक के स्टॉल लगे हुए हैं। कुल मिला कर बीपीकॉन-2022 (BPCON 2022) हाइपरटेंशन (Hypertension) का महाकुम्भ नज़र आता है।
बीपीकॉन 2022 में भटिंडा से आए हुए डॉ विपुल कुमार गुप्ता ने उच्च रक्तचाप के इलाज (hypertension treatment) के बारे में बताया तथा यह बताया कि वर्तमान में कौन सी दवाएं (hypertension medicines) प्रचलित हैं। अजमेर से आए डॉ आरके गोखरू ने हृदय की बीमारियों के साथ होने वाले रक्त चाप के इलाज के बारे में बताया।
डॉ एके पंचोलिया, जो कि इंदौर से आए थे उन्होंने अमेरिकन तथा यूरोपियन गाइडलाइन के बारे में चर्चा की। इसके पश्चात् एक संगोष्ठी की गई जिसमें वर्तमान में प्रचलित उच्च रक्तचाप (high BP) की नई दवाओं में क्या नयापन है इसके बारे में डॉ एमएन सिंह, डॉ शिवेन्द्र सिंह, डॉ मनीष अग्रवाल, डॉ भाष्कर गांगुली, डॉ विश्वाउन्नादकट तथा सौरभ श्रीवास्तव ने इन दवाओं के बारे में बताया।
बैंगलोर से आए डॉ श्रीनिवास मूर्ति ने हमारे देश में रिसर्च (health research) को कैसे बढ़ावा मिले इस पर चर्चा की। चेन्नई से आए डॉ प्रभाकर दोरईराज ने उच्च रक्तचाप में इलाज में क्या नया है यह बताया।
डॉ दिव्या सक्सेना ने गर्भावस्था के दौरान होने वाले उच्च रक्तचाप (high BP in pregnancy) के बारे में बताया, उन्होंने यह बताया कि गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की पहचान समय पर करना जरूरी है तथा जच्चा-बच्चा दोनों को बचाया जा सकता है।
कटक से आए डॉ जयंत पांडा ने बच्चों में होने वाले उच्च रक्तचाप (high BP in chilldren) की बात की तथा बैंगलोर से आई डॉ स्मिता भट्ट ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं (lactating women) में उच्च रक्तचाप की क्या दवाएं दी जा सकती है यह बताया। उन्होंने यह भी बताया कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं में सभी दवाएं सुरक्षित नहीं है। ऐसी अवस्था में दवाओं को चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
अमेरिका से डॉ वेंकट एस राम ने वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से यह बताया कि उच्च रक्तचाप में यूरिक एसिड का क्या दुष्प्रभाव (uric acid in high BP) हो सकता है। उन्होंने भोजन की व्यवस्था में परिवर्तन के द्वारा यूरिक एसिड को कम करने की चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि एनिमल प्रोटीन का सेवन न्यूनतम होना चाहिए।
बेंगलुरू से आए डॉ मुख्य प्राण प्रभू ने यह बताया कि भारत में लगभग 30 प्रतिशत लोग साल्ट सेेंसटिव (salt sensitive) हैं, उनमें नमक की मात्रा कम करने से उच्च रक्तचाप का इलाज संभव है।
घर पर रक्तचाप कैसे नापा जाए (measure blood pressure) इस संबंध में एक कार्यशाला हुई जिसमें डॉ मोहसिन असलम, डॉ हसमुख शाह तथा डॉ बालकृष्ण गुप्ता ने रक्तचाप नापने के तरीके सुझाए।
रायपुर से आए डॉ अरूण केड़िया ने यह बताया कि भोजन में मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ाने से उच्च रक्तचाप का इलाज संभव है। पुणे से आए डॉ एमई एवलेकर ने यह बताया कि उच्च रक्तचाप की दवाएं सायंकाल लेनी चाहिए इससे उनका प्रभाव बढ़ जाता है। मुम्बई से आए डॉ दीपक जुमानी ने यह बताया कि उच्च रक्तचाप की दवाएं भी सेक्स संबंधी दुर्बलता (sexual dysfunction) पैदा कर सकती हैं। अतः उनके सेवन के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए।
एक और कार्यशाला चलते-फिरते समय रक्तचाप कैसे नापा जाए इस पर चर्चा की गई, जिसमें ऋषिकेश से आए डॉ अरूण गोयल तथा मेरठ से आई डॉ स्नेहलता वर्मा ने लोगों को इस प्रकार के रक्तचाप को नापने के विषय में बताया। रविवार को बीपीकॉन 2022 का अंतिम दिन होगा।
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