लखनऊ। यूपी सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने डिजीटलाइजेशन की तरफ कदम बढा रही है। वहीं अब प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए जाने पर अपनी मेडिकल हिस्ट्री ले जाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि अस्पताल के ही सिस्टम में केवल एक क्लिक से उस मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर के सामने आ जाएगी। फिलहाल इस सुविधा के तहत नोएडा के कंबाइंड अस्पताल में मरीजों की डिजीटल पर्ची कटनी शुरू हो गई है। इस पर्ची पर लिखा सीआरएन यानि सेंट्रलाइज रजिस्ट्रेशन नंबर ही भविष्य में हर बार मरीज के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा।
सीआरएन (CRN) के जरिए किसी भी मरीज के इलाज में डॉक्टरों (doctors) को भी काफी मदद मिलेगी। डॉक्टरों के मुताबिक कई बार मरीज अपनी बीमारी के संबंध में पहले हो चुके इलाज की पूरी जानकारी नहीं दे पाते हैं।ऐसे में नई व्यवस्था के तहत जैसे ही कोई मरीज डॉक्टर (Doctor) के पास आकर अपना सीआरएन बताएगा, डॉक्टर खुद ही अपने सिस्टम में उस मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री (medical history) देख सकेंगे। इसके बाद वह मरीज के लिए आगे के इलाज की दिशा तय कर सकेंगे।
स्वास्थ्य विभाग (health Department) के अधिकारियों के मुताबिक इस व्यवस्था के तहत फिलहाल नोएडा के सेक्टर 30 स्थित अस्पताल में 4 कंप्यूटर लगाए गए हैं। इन चारो कंप्यूटर पर मरीजों (patients) की पूरी हिस्ट्री लिखी जा रही है।यह चारो कंप्यूटर सेंट्रल डेटाबेस (central database) से कनेक्ट होंगे। इससे एक बार किसी मरीज का सीआरएन बन जाने के बाद वह प्रदेश के किसी भी अस्पताल में इसके जरिए अपना इलाज करा सकेगा। इससे बार बार डॉक्टर को उसे अपनी पुराने इलाज का ब्यौरा नहीं देना होगा। अधिकारियों के मुताबिक यह सेवा उत्तर प्रदेश सरकार (Government of UP) के ई-सुश्रुत इनिसिएटिव (E-Sushrut Initiative) के तहत शुरू की गई है।
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