लखनऊ। महान भारतीय चिकित्सक, भारत रत्न डॉ बी सी रॉय के जन्मदिवस, 1 जुलाई को डाक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रख्यात चिकित्सक डॉ सूर्यकान्त ने चिकित्सकों तथा मरीजों के परस्पर व्यवहार को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं।
आईएमए-एएमएस (IMA-AMS) के नेशनल वायस चेयरमैन डा. सूर्यकान्त (Dr. Suryakant) का कहना है कि गंभीर बीमारियों और असहनीय पीड़ा (serious diseases and unbearable pain) से मुक्ति दिलाकर मरीजों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने वाले चिकित्सकों को प्राचीन काल से ही भगवान का दर्जा प्राप्त रहा है, लेकिन बदली परिस्थितियों में इस भरोसे की दीवार में दरार नजर आने लगी है। श्रद्धा, विश्वास और भरोसे को कायम रखने के लिए जहाँ चिकित्सकों की नि:स्वार्थ सेवा में कमी नजर आने लगी है वहीँ मरीजों और उनके परिजनों में भी पहले जैसा धैर्य नजर नहीं आता है ।
डा. सूर्यकान्त का कहना है कि आधुनिक शोध, अत्याधुनिक उपकरणों और दवाओं ने जहाँ इलाज को और बेहतर बनाया है वहीँ पेशे को सिर्फ कमाई की नजर से देखने वालों ने मरीजों का भरोसा तोड़ने का काम किया है। गांवों और कस्बों में पेड़ के नीचे खाट और बदहाल अस्पतालों में इलाज का दौर से अब सेवेन स्टार होटल नुमा अस्पतालों (Hospitals like Seven Star Hotel) तक आ पहुंचा है। इससे जहां एक ओर इलाज की गुणवत्ता बढ़ी है तो वही दूसरी ओर खर्चे भी बढ़े हैं। इन बेतहाशा बढ़े खर्चों का अर्थशास्त्र भी डाक्टरों से मरीजों के सम्बन्धों (doctor-patient relationship) का मनोविज्ञान और मानसिकता बदल रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि दस-दस साल गहन पढ़ाई करने वाले डाक्टरों को मरीजों से उचित तरह से सम्वाद करने के बारे में बिल्कुल भी प्रशिक्षित नहीं किया जाता है। पढ़ाई के दौरान इन चिकित्सकों को प्रशासनिक प्रशिक्षण व कानूनी प्रशिक्षण भी नहीं दिया जाता, जिसके कारण आगे चलकर उन्हें मेडिको-लीगल (medico-legal) व प्रशासनिक दायित्व निर्वाह करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसीलिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association), इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज (Indian Engineering Services) की तर्ज पर इंडियन मेडिकल सर्विसिज (Indian Medical Services) की मांग कर रही है।
चिकित्सकों से उनके रिश्ते पूरी तरह से व्यावसायिक हों फिर भी उसमें आत्मीयता, मानवीयता और परस्पर सम्मान का होना नितान्त आवश्यक है।
डॉ सूर्यकांत ने इस संबंध में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) को पत्र लिखकर यह मांग की है कि डॉक्टर्स डे (Doctors Day) पर विभिन्न निजी मंच तो चिकित्सकों को सम्मानित करने को आगे आते हैं किंतु प्रदेश सरकार के स्तर पर किसी आयोजन का निर्देश नहीं दिया जाता है । इसलिए इस दिवस पर सरकारी आयोजनों और कार्यक्रमों के आयोजन के बारे में विचार करने की आवश्यकता है।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 2553
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
आयशा खातून March 06 2025 0 5328
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
British Medical Journal February 25 2025 0 5661
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77133
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82415
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80547
admin January 04 2023 0 81486
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71646
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61216
आयशा खातून December 05 2022 0 113331
लेख विभाग November 15 2022 0 84361
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94407
श्वेता सिंह November 07 2022 0 82796
लेख विभाग October 23 2022 0 67799
लेख विभाग October 24 2022 0 69239
लेख विभाग October 22 2022 0 75960
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82569
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77465
पीरियड्स को लेट करने की दवाई खाना आखिर कितना सही है? इस आर्टिकल में बताएंगे दवाई को खाने से आपकी हेल
मैनपुरी जिला अस्पताल में दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले छह दिन में ओपीडी में डायरिया के 298 मरीज पहुं
लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में फॉयर सेफ्टी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में अस्प
महिलाओं में कूल्हे की हडडी टटने के सवाल पर डा. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी जीवन शैली में बदलाव
राजधानी दिल्ली में इस साल जुलाई माह में ही डेंगू के 121 मामले आ गए, जो पिछले पांच सालों में जुलाई मा
इंजेक्शन का प्रयोग pulmonary arterial hypertension के मरीज़ में किया जाता है। इस इंजेक्शन को PAH में
प्रोफेसर विक्रम सिंह ने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि कैसे मोटा अनाज जो आज दुनिया भर में प्रसि
Early onset type 2 diabetes is a growing global health problem in adolescents and young adults, espe
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने दो से 18 वर्ष की आयु वर्ग पर क्लिनिकल ट्रायल करने का प्रस्ताव दिया था
इस वेरिएंट के बारे में माना जाता है कि यह यूनाइटेड किंगडम में हालिया संक्रमण विस्फोट का प्रमुख कारक
COMMENTS