लखनऊ। स्तनपान सप्ताह के अवसर पर मेदांता लखनऊ ने नए माता-पिता को स्तनपान के लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए "एहसास" कार्यक्रम का आयोजन किया। मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) के "एहसास" (awareness about the benefits of breastfeeding) कार्यक्रम में अंताक्षरी, ओपन माइक सेशन और हेल्थ टॉक (health talk) भी आयोजित हुई। कार्यक्रम में माता-पिता को विशेषज्ञों से माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में प्रश्न पूछने के लिए आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम की शुरूआत मेदांता अस्पताल लखनऊ के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने की।
सीनियर कंसल्टेंट एवं न्यूनेटोलॉजिस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ आकाश पंडिता (Dr Aakash Pandita, Senior Consultant and Head of the Department of Neonatologist) ने कहा, “कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नए माता-पिता और उनके परिवारों के बीच स्तनपान के लाभों (benefits of breastfeeding) के बारे में जागरूकता फैलाना है। हमने हाल ही के वर्षों में स्तनपान और स्तनपान कराने वाली माताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जिसका शिशु मृत्यु दर (infant mortality) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
यूनिसेफ (UNICEF) के आंकड़ों के मुताबिक जिन शिशुओं को केवल स्तनपान (exclusively breastfed) कराया जाता है, उनकी मृत्यु की संभावना उन शिशुओं की तुलना में 14 गुना कम होती है, जिन्हें स्तनपान नहीं कराया जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने माताओं को स्तनपान कराने और मां का दूध दान (breastfeed and donate breast milk) करने के लिए प्रेरित किया।
डॉ आकाश पंडिता ने कहा कि आजकल माताएं काफी स्ट्रसेस (mothers live in stress) में रहती हैं जिसका असर उनके दूध पर पड़ता है। जबकि प्रकृति में मौजूद पशु अपने बच्चे को दूध पिलाने में एन्जॉय करते हैं। इस सप्ताह में हमने माताओं को यही सलाह दी है कि स्तनपान करवाने में एन्जॉय (Enjoy breastfeeding) करें स्ट्रसेस (stress) ना ले।
प्रसूति एवं स्त्री रोग, भ्रूण चिकित्सा, प्रजनन चिकित्सा और स्त्री रोग ऑन्कोलॉजी की निदेशक डॉ नीलम विनय (Dr Neelam Vinay, Director, Obstetrics and Gynecology, Fetal Medicine, Reproductive Medicine and Gynecology Oncology) ने कहा, "माँ का दूध (Mother's milk) शिशु को संक्रमण (infection) से लड़ने में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे को गैस्ट्रोएंटेराइटिस (gastroenteritis), सर्दी और छाती व कान के संक्रमण (colds and chest and ear infectionsv) से बचाते हैं। इसलिए हम नई माताओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।"
ओपन माइक सत्र में सीनियर कंसल्टेंट, बाल रोग और किशोर चिकित्सा (Pediatrics and Adolescent Medicine) डॉ विजया मोहन और सीनियर कंसल्टेंट, मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) डॉ शांतनु भारती ने दर्शकों के सवालों को संबोधित किया और स्तनपान के बारे में मिथकों (myths about breastfeeding) को दूर किया।
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