देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

गैर कानूनी तरीके से अंगदान हो ही नहीं सकता है: डॉ वलीउल्ला सिद्दीकी

ट्रांसप्लांट सर्जन अंतिम समय तक नहीं जानते कि किसका अंग प्रत्यारोपण करने वाले हैं। ट्रांसप्लांट सर्जन के हाथ में कभी भी ऊपर नीचे करने की शक्ति नहीं होती है।

रंजीव ठाकुर
May 22 2022 Updated: May 22 2022 04:09
0 33333
गैर कानूनी तरीके से अंगदान हो ही नहीं सकता है: डॉ वलीउल्ला सिद्दीकी

लखनऊ। हेल्थ जागरण लगातार आपको अंग प्रत्यारोपण से जुड़े सभी तथ्यों से रुबरु करवा रहा है। अंगदान से जुड़ी लगभग सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिए विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों से हमने बातचीत की है। साथ ही अंगदान के नियमों को लेकर भी जन जागरण का प्रयास किया है। इसी कड़ी में हेल्थ जागरण ने अंगदान प्रोत्साहन को लेकर मशहूर लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ (liver transplant specialist) डॉ वलीउल्ला सिद्दीकी, अपोलो अस्पताल से खास बातचीत की।

हेल्थ जागरण - डॉ साहब अंगदान को लेकर तमाम तरीके की मिथ्याएं समाज में फैली हुई है, इनको कैसे दूर किया जा सकता है?
डॉ वलीउल्ला सिद्दीकी - देखिए अंगदान (organ donation) को लेकर तमाम तरीके की भ्रांतियां समाज में हैं जिनको दूर करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं, सोशल वर्कर्स, समाज सेवी संस्थाओं, स्कूल्स और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना पड़ेगा। जिससे समाज को यह समझाया जा सके कि अंगदान महादान है। इसके साथ ही इस जागरूकता अभियान में मीडिया (media) का बहुत बड़ा रोल है। उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए काम करना पड़ेगा। 

इन मिथ्याओं को दूर करने के लिए यह जानना जरूरी है कि लोगों की बॉडी इनटेक्ट रहती है। किसी भी मरीज का गलत तरीके से अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) नहीं हो सकता है। ये इसलिए भी सम्भव नहीं है क्योंकि अंगदान के लिए स्टेट और नेशनल कमेटियां होती है। बहुत सारे प्रोसीजर्स होते हैं। तो किसी एक के हाथ में नहीं होता है। डॉक्टर्स या ट्रांसप्लांट सर्जरी (transplant surgery) टीम किसी भी तरह से मरीजों या परिजनों के डायरेक्ट टच में नहीं रहती है। ट्रांसप्लांट सर्जन अंतिम समय तक नहीं जानते कि किसका अंग प्रत्यारोपण करने वाले हैं। ट्रांसप्लांट सर्जन के हाथ में कभी भी ऊपर नीचे करने की शक्ति नहीं होती है। इसमें हमारी मर्जी नहीं होती कि किसका अंग प्रत्यारोपण करें और किसको नहीं करें। बकायदा लिस्ट और कमेटियां तय करती है कि किसको अंग मिलना है और इस काम पर लगातार निगरानी रखी जाती है। इसका रजिस्ट्रेशन बहुत पहले से हो जाता है। अंग प्राप्त करने वाले को भी पता नहीं होता कि किसका अंग उसको मिलने वाला है। 

तो ये मिथ्या धारणाएं समाज से दूर करनी होगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ना पड़ेगा। दक्षिण भारत में अंगदान को लेकर बहुत जागरुकता है। बहुत सारी स्वयं सेवी संस्थाएं इस नोबल कॉज में लडी है। ट्रस्ट (Trusts), फाउण्डेशन्स (foundations), एनजीओज़ (NGOs) आदि को डेडीकेटेड हो कर काम करना पड़ेगा। जब समाज से भ्रांतियां दूर होगी तभी यह पुनीत कार्य सम्भव हो सकेगा।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

राष्ट्रीय

राज्यों के पास कोविड रोधी टीकों की 1.33 करोड़ से अधिक खुराक अब भी मौजूद हैं: केंद्र

एस. के. राणा June 10 2021 19213

मंत्रालय ने बुधवार सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के हवाले से बताया कि कुल 23,74,21,808 खुराकों (बरबा

उत्तर प्रदेश

अपोलोमेडिक्स और पीजीआई के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किडनी ट्रांसप्लांट, दुर्घटना में मृत व्यक्ति के अंगदान से कई मरीजों को जीवनदान 

रंजीव ठाकुर May 12 2022 26575

21 वर्षीय युवक की रोड एक्सीडेंट में ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी होने के चलते मृत्यु हो गई थी। जिसके पश्चात

राष्ट्रीय

गणतंत्र दिवस पर लगेगा कैंसर निवारण कैंप

विशेष संवाददाता January 25 2023 21376

जिला अस्पताल में 26 जनवरी को राष्ट्रीय कैंसर निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत नि:शुल्क कैंसर परामर्श तथा

राष्ट्रीय

आयुर्वेद में भी संभव है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज

जीतेंद्र कुमार October 15 2022 49580

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कैंसर चिकित्सा इकाई की ओर से ब्रेस्ट कैंसर परीक्षण की ट्रेनिंग दी जा र

उत्तर प्रदेश

गोरखपुर मंडलायुक्त ने इंसेफेलाइटिस रोकथाम के लिए दिए जरूरी निर्देश

आरती तिवारी October 13 2022 28315

कमिश्नर सभागार में इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के प्रगति की समीक्षा करते समय उन्

उत्तर प्रदेश

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बढ़ेंगें पर्चा काउंटर

हुज़ैफ़ा अबरार July 26 2022 29325

मरीजों के फीडबैक के आधार पर दवा काउंटर, पैथोलॉजी जांच काउंटर व अन्य संसाधनों को बढ़ाने के निर्देश दि

स्वास्थ्य

जानिए पोलियो का कारण, बचाव और इलाज़।

लेख विभाग October 24 2021 48022

पोलियो को एक बहुत ही घातक बीमारी के रूप में माना जाता है क्योंकि यह मुख्य रूप से एक व्यक्ति से दूसरे

उत्तर प्रदेश

रायबरेली में कोरोना को लेकर अलर्ट

विशेष संवाददाता March 29 2023 27670

जिले में कोविड-19 के नए वेरिएंट से बचाव हेतु मास्क का प्रयोग, दो गज की दूरी का अनुपालन करने हेतु सचे

राष्ट्रीय

इन लोगों पर मंडरा रहा सुपरबग का खतरा

एस. के. राणा January 11 2023 31091

रिपोर्ट के मताबिक भारत में पशुओं को एंटीबायोटिक दी जा रही है, वो भी ऐसी, जो पश्चिम में बैन हो चुकी।

राष्ट्रीय

कोविड-19 वैक्सीन पर केंद्र सरकार ने दी राहत, 31 मार्च तक कस्टम ड्यूटी माफ

एस. के. राणा January 17 2023 24554

विदेश से अपने देश आने वाली इंपोर्टेड कोविड-19 वैक्सीन की कीमते कम होने की उम्मीद है। कस्टम ड्यूटी मे

Login Panel