देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

कुष्‍ठ रोग के आधे से ज्‍यादा नए मरीज़ भारत में

2020-21 की नेशनल लेप्रोसी इरेडिकेशन प्रोग्राम रिपोर्ट के अनुसार, उत्‍तर प्रदेश में लेप्रोसी के 8921 नये मामले पाये गये और राज्‍य में कुल 7248 मामले दर्ज हुए।

हुज़ैफ़ा अबरार
January 30 2022 Updated: January 30 2022 18:42
0 12920
कुष्‍ठ रोग के आधे से ज्‍यादा नए मरीज़ भारत में

लखनऊ। लेप्रोसी (कुष्‍ठरोग) एक स्‍थायी संक्रामक रोग है, जिसका कारण बैक्‍टीरियम माइकोबैक्‍टीरियम लेप्री है। यह रोग विश्‍व के अधिकांश भागों से गायब हो चुका है। 2005 में भारत ने घोषणा की थी कि उसने लेप्रोसी को सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य की समस्‍या के तौर पर खत्‍म कर दिया है। दुर्भाग्‍य से, देश के विभिन्‍न भागों में इसके नये मामले सामने आते रहे और आज विश्‍व में लेप्रोसी के नये मरीजों में से आधे से ज्‍यादा (लगभग 60%) भारत में हैं। 2020-2021 की नेशनल लेप्रोसी इरेडिकेशन प्रोग्राम (एनएलईपी) रिपोर्ट के अनुसार, उत्‍तर प्रदेश में लेप्रोसी के 8921 नये मामले पाये गये और राज्‍य में कुल 7248 मामले दर्ज हुए। यह स्थिति चिंताजनक है और इस रोग के विरूद्ध नई लड़ाई का आह्वान करती है, ताकि 2030 तक ज़ीरो लेप्रोसी का लक्ष्‍य हासिल किया जा सके।

लेप्रोसी में बैक्‍टीरिया संक्रमित लोगों की नाक और मुँह से छोटी बूंदों द्वारा फैलते हैं। अगर इसका इलाज न हो, तो यह रोग मरीज के हाथों और पैरों की नसों और माँसपेशियों को प्रभावित करता है, जिससे आखिरकार भारी विकृतियाँ और स्‍थायी विकलांगता हो जाती है, जो कि लेप्रोसी से जुड़े लांछन की प्रतीक बन चुकी हैं।

द लेप्रोसी मिशन ट्रस्‍ट की स्‍पेशलिस्‍ट और लेप्रोलॉजिस्‍ट डॉ. नीता मैक्‍जीमस के अनुसार, ‘’उत्‍तर प्रदेश के लखनऊ, लखीमपुर, सीतापुर और उन्‍नाव क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं बाधित हैं, जिससे स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा तक पहुँच कठिन हो जाती है और उपचार का पालन नहीं हो पाता है। इस कारण इन क्षेत्रों में लेप्रोसी के मामलों का बोझ ज्‍यादा है। लेप्रोसी के फैलने और इलाज से जुड़ी गलत धारणाएं अक्‍सर विकलांगता के पहले से भारी बोझ को बढ़ा देती हैं। इसके अलावा, लेप्रोसी पर जागरूकता के अभाव और लांछन के चलते इसका पता लगाना और इलाज करना कठिन हो जाता है।‘’

कोविड-19 महामारी ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया। आइसोलेशन, सामाजिक दूरी और आवाजाही पर शुरूआती प्रतिबंधों के संदर्भ में दिशा-निर्देशों ने स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा सेवाओं तक पहुँचने में मरीजों के लिये चुनौती खड़ी कर दी और सीमित एक्टिव सर्विलांस के कारण कम मामलों का पता चल पाया।

यह समझना महत्‍वपूर्ण है कि अगर लेप्रोसी का सही समय पर पता चल जाए, तो ज्‍यादातर मामले 6 से 12 माह के बीच ठीक किये जा सकते हैं। नोवार्टिस द्वारा वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्‍ल्‍यूएचओ) को दान की गई मल्‍टी-ड्रग-थेरैपी (एमडीटी) सरकार द्वारा निशुल्‍क प्रदान की जाती है, जिसने अपनी पेशकश के बाद से लेप्रोसी के 16 मिलियन मरीजों का सफल उपचार किया है। 2020-2021 की एनएलईपी रिपोर्ट के अनुसार, उत्‍तर प्रदेश में 90.3% मामलों को उपचार से ठीक किया गया है।

लेप्रोसी को प्रभावी ढंग से ठीक कर सकने वाले उपचार की उपलब्‍धता का आशय इससे है कि हमें ऐच्छिक सूचना चाहिये। इसके लिये एक मजबूत सामुदायिक जागरूकता अभियान चाहिये, जो इस रोग से जुड़े लांछन और भेदभाव से निपटे और संक्रमितों को इलाज के लिये आगे आने के लिये प्रोत्‍साहित करे। इसके अलावा, प्रांत-व्‍यापी जाँच कार्यक्रम होने चाहिये, ताकि हाइपोपिगमेंटेड एनेस्‍थेटिक पैचेस की जल्‍दी पहचान कर सही इलाज किया जा सके। लेप्रोसी को काबू करने के लिये इसका जल्‍दी पता लगाकर इलाज करना सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है।

लेप्रोसी से निपटने के लिये रणनीतिक भागीदारियों की आवश्‍यकता समझाते हुए, वैशाली अय्यर, कंट्री हेड- कम्‍युनिकेशंस, एंगेजमेंट एवं सीएसआर, नोवार्टिस इन इंडिया ने कहा, ‘’नोवार्टिस में हम 30 साल से ज्‍यादा समय से लेप्रोसी से लड़ रहे हैं। साल 2000 से हम डब्‍ल्‍यूएचओ के जरिये विश्‍व में लेप्रोसी की दवाओं की पूरी तरह निशुल्‍क आपूर्ति के लिये दान कर रहे हैं, जिससे विश्‍व पर इस बीमारी का बोझ 95% कम हुआ है। 2020 में हमने अपने संकल्‍प को नया किया और डब्‍ल्‍यूएचओ के साथ 2025 तक के लिये अपने समझौते को बढ़ाया। हमारा मानना है कि इस तरह के गठजोड़ लेप्रोसी के विरूद्ध हमारी लड़ाई के लिये महत्‍वपूर्ण होंगे और हम सरकार तथा अन्‍य महत्‍वपूर्ण साझीदारों के साथ गठजोड़ कर 2030 तक ज़ीरो लेप्रोसी के साझा लक्ष्‍य को हासिल करना चाहते हैं।‘’

मरीजों को एमडीटी देने के अलावा, प्रोफाइलेक्सिस जैसे एप्रोचेस पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि संक्रमण की श्रृंखला टूटे और ज़ीरो लेप्रोसी का लक्ष्‍य हासिल हो।

विशेषज्ञों का कहना है कि लेप्रोसी के खात्‍मे के लिये एक मजबूत एकीकृत रणनीति और कार्यान्‍वयन योजना चाहिये। इसमें गुणवत्‍तापूर्ण सेवाओं के लिये स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा कर्मियों और अन्‍य पेशेवरों का क्षमता निर्माण, जागरूकता निर्मित करने के लिये साझीदारों की प्रति‍बद्धता, प्रभावी सर्विलांस, निदान और जाँच के लिये डिजिटल टूल्‍स को अपनाना और अंत में, सार्वजनिक निजी भागीदारियों के माध्‍यम से सहयोग शामिल है। लेप्रोसी और उससे जुड़े लांछन को दूर किया जा सकता है, अगर सही समय पर इलाज हो।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

ओमिक्रॉन वैरिएंट के मिथक और वास्तविकता की जानकारी के लिए ज़रूर पढ़ें।

लेख विभाग December 13 2021 16342

ओमिक्रॉन वैरिएंट पर वैक्सीन असरदार नहीं होगी। हालांकि एजेंसी ने यह भी कहाकि यह डेल्टा वैरिएंट की तुल

उत्तर प्रदेश

यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं और होगी बेहतर, इस साल 14 नए मेडिकल कॉलेजों से लैस होगा

admin January 02 2023 32844

यूपी में वर्ष 2023 में 14 और नए मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे। इससे एमबीबीएस की 1400 सीटें भी बढ

उत्तर प्रदेश

3012 पदों पर कल होगी स्टाफ नर्स की भर्ती। 

हे.जा.स. October 03 2021 15615

प्रयागराज के 40, गाजियाबाद 38, गोरखपुर 43, लखनऊ 57 और मेरठ के 41 समेत 219 केंद्रों पर यह परीक्षा सुब

व्यापार

डॉ रेड्डीज ने कनाडा में कैंसर की दवा पेश किया।

हे.जा.स. September 03 2021 14931

कनाडा के बाजार में रेड्डी-लेनलिडोमाइड दवा को पेश करना, वहां के मल्टीपल मायलोमा और मायलोडिसप्लास्टिक

अंतर्राष्ट्रीय

क्या टीबी भी कोरोना वायरस जितना ही संक्रामक है ?

लेख विभाग March 19 2021 19629

डब्ल्यूएचओ सभी को टीबी से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति व मदद का भाव रखने के साथ ही, बीमारी को समझ

राष्ट्रीय

देहरादून में कोरोना के बीते दिन 4 नए केस आए सामने

विशेष संवाददाता January 09 2023 11497

उत्तराखंड में शनिवार को 4 नए कोरोना संक्रमित मामले मिले हैं। इसी के साथ प्रदेश में कुल सक्रिय मामले

उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी ने पोषण माह का किया शुभारंभ

श्वेता सिंह September 16 2022 18286

सीएम योगी ने कहा कि लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हर साल राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता

अंतर्राष्ट्रीय

अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट के बजाय ओमिक्रोन संक्रमण से हुई ज्यादा मौतें

एस. के. राणा January 31 2022 13522

विश्व में कई जगह जहां कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप को यह बताकर हल्का किया जा रहा है कि यह डेल्टा स्वरूप

उत्तर प्रदेश

अपोलोमेडिक्स अस्पताल में अपनी सेवाएं देंगे ऑर्थोपेडिक्स सर्जन डॉ संजय श्रीवास्तव

हुज़ैफ़ा अबरार December 22 2022 39209

महिलाओं में कूल्हे की हडडी टटने के सवाल पर डा. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी जीवन शैली में बदलाव

राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट ने टू-फिंगर टेस्ट के इस्तेमाल लगी रोक बरकरार रखी

एस. के. राणा November 01 2022 15499

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने सोमवार को चेतावनी दी कि ऐसा करने वालों को कद

Login Panel