लखनऊ। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में शनिवार को फेमिली हेल्थ इण्डिया एम्बेड के सहयोग से डेंगू एवं मलेरिया की दृष्टि से संवेदनशील बस्तियों के युवाओं के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया |
वेबिनार में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.के.पी. त्रिपाठी ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में क्षेत्रीय स्तर पर स्थानीय युवाओं का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। फेमिली हेल्थ इण्डिया एम्बेड टीम का इस कार्य में सराहनीय योगदान है। उन्होंने मच्छरों के जीवनचक्र पर चर्चा करते हुए बताया कि मच्छरों का जीवनकाल 20 से 25 दिनों का होता है, जिसमें 9-10 दिनों तक रूके हुए पानी के अन्दर रहता है, फिर उसके बाद यह मच्छर प्रौढ होकर हवा में उड़ जाते हैं । हम इन रूके हुए पानी को नष्ट कर इनके पैदा होने वाले स्रोतों को नष्ट कर सकते हैं ।
इस अवसर पर डिवीजनल सर्विलेंस आफिसर डा. शैलेश परिहार ने कहा - कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है, अतः बुखार की जांच आवश्यक है। किसी भी प्रकार के बुखार की दशा में जल्दी से जल्दी नजदीकी प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र पर बुखार की जांच करायें |
वरिष्ठ मण्डलीय एन्टोमोलाजिस्ट डा. मानवेन्द्र त्रिपाठी ने कहा- डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन के समय में काटता है | इसलिए घर में बच्चों एवं बुजुर्गों को दिन में भी सोते समय किसी न किसी मच्छर रोधी साधनों यथा मच्छरदानी आदि का उपयोग किया जाना चाहिए।
जिला मलेरिया अधिकारी डी0एन0शुक्ला ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के साथ ही डेंगू एवं मलेरिया का खतरा बढ़ने लगता है| यह समय मच्छरों के प्रजनन के लिए बहुत अनुकूल है| उन्होंने कहा- यदि तेज बुखार, लम्बे समय तक तेज सिरदर्द, आँखों में दर्द, जोडों में दर्द, शरीर में चकत्ते आदि डेंगू के लक्षण हैं एवं गम्भीरता की दशा में मुंह एवं नाक से खून भी आता है | उन्होंने बताया कि सभी लोग मच्छरों के लार्वा खोजने एवं उसे नष्ट करने की कार्यवाही में सहयोग करें जिससे कि मच्छर न पनपने पाएं और लोगों को मलेरिया एवं डेंगू जैसी बीमारियां न हों । उन्होने “प्रत्येक रविवार, मच्छरों पर वार” एवं “बुखार में देरी पडेगी भारी” जैसे संदेशों के माध्यम से मच्छरों के ब्रीडिंग स्थलों को नष्ट करने का संदेश दिया।
यूनिसेफ के डा. सुजीत सिंह ने मलेरिया एवं डेंगू के साथ-साथ कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकॉल पर जोर देते हुए कहा कि हमें इन व्यवहारों को नहीं भूलना चाहिए | हमारे युवा साथी सुनिश्चित करें कि वह खुद इन व्यवहारों यथा - मास्क लगाना, बार-बार हाथों को धोना , दो गज की सामाजिक दूरी है जरूरी का पालन करें और अपने परिवार के सदस्यों तथा घर के आस-पास लोगों को पालन करने के लिए प्रेरित करेंगे | इसके साथ ही कोविड से बचाव के लिए वह स्वयं अपना टीकाकरण तो करवाएंगे ही साथ ही अन्य लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करेंगे |
कार्यक्रम के अंत में फेमिली हेल्थ इण्डिया के एम्बेड समन्वयक धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने सभी का आभार प्रकट करते हुए अनुरोध किया कि सभी लोग प्रति सात दिवस में जमा हुए पानी को साफ करेंगे एवं डेंगू मलेरिया के लार्वा को नहीं पनपनें देंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से एम्बेड परियोजना आमजन के व्यवहार को परिवर्तन करने जैसे सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने, घरों के आस-पास पानी न जमा होने देने, पूरी बांह के कपड़े पहनने और बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाने के लिए सजग कर रही है।
इस वेबिनार में 30 युवाओं ने प्रतिभाग किया |
एस. के. राणा March 07 2025 0 51726
एस. के. राणा March 06 2025 0 51504
एस. के. राणा March 08 2025 0 49506
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 42624
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 34854
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 33744
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 32634
सौंदर्या राय May 06 2023 0 84903
सौंदर्या राय March 09 2023 0 89297
सौंदर्या राय March 03 2023 0 89649
admin January 04 2023 0 90255
सौंदर्या राय December 27 2022 0 79416
सौंदर्या राय December 08 2022 0 68875
आयशा खातून December 05 2022 0 122877
लेख विभाग November 15 2022 0 92908
श्वेता सिंह November 10 2022 0 113055
श्वेता सिंह November 07 2022 0 91121
लेख विभाग October 23 2022 0 76124
लेख विभाग October 24 2022 0 78341
लेख विभाग October 22 2022 0 85395
श्वेता सिंह October 15 2022 0 91227
श्वेता सिंह October 16 2022 0 85679
महाराष्ट्र के धुले जिले में स्थित एक मेडिकल कालेज में अतिरिक्त छात्रों के प्रवेश की अनुमति रद करने क
राजधानी का सशस्त्र बल चिकित्सा आपूर्ति डिपो 19-21 सितंबर 2022 तक 'चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखला और रसद म
बादाम का तेल भी डार्क सर्कल को दूर करने में उपयोग किया जा सकता है। इसे आप रात को सोने से पहले अपनी आ
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में आठ विभागों में पीजी की 27 सीटें बढ़ गई हैं। इनमें इसी सत्र से पढ़ाई
एक रिसर्च से सामने आया है कि कम से कम 2 मामलों में कोविड वायरस गर्भवती माताओं की नाल को पार करके बच्
जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अन्तर्गत छह प्रदेश और तीन केन्द्र शासित प्रदेश मिला आतें हैं। इस प्र
जिले में पांच वर्ष की उम्र के 52 हजार से अधिक बच्चों को 12 बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण महाअभिया
अगर उत्सर्जन को तेजी से समाप्त नहीं किया गया वैश्विक स्तर पर गर्मी और आर्द्रता मानव सहनशीलता से परे
लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में फॉयर सेफ्टी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में अस्प
स्कूली बच्चों को मजबूत इम्युनिटी के बारे में जागरुक बनाने के लिए एक विशाल जागरुकता अभियान का आयोजन क
COMMENTS