नई दिल्ली। दुनिया अभी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। इस वायरस के Omicron वेरिएंट को काफी संक्रामक बताया गया है। इस बीच एक स्टडी में दावा किया गया है कि Omicron वेरिएंट का नया स्वरूप अपने मूल स्वरूप से भी ज्यादा तेजी से फैलता है। अध्ययन में कहा गया है कि सार्स-कोव-2 वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप का एक उपस्वरूप इसके मूल स्वरूप (वेरिएंट) से कहीं अधिक संक्रामक है। डेनमार्क में हुए एक नए शोध में यह दावा किया गया है। स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट (SSI) के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने 8541 घरों में 17945 लोगों के बीच ओमिक्रॉन के मूल स्वरूप (बीए.1) और उपस्वरूप (बीए.2) के प्रसार का विश्लेषण कर यह दावा किया है।
उन्होंने पाया कि बीए.2 वेरिएंट 39 फीसदी की मारक क्षमता के साथ लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जबकि बीए.1 के मामले में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है। बीए.2 के कम समय में ज्यादा लोगों को संक्रमित करने की मुख्य वजह भी यही मानी जा रही है। एसएसआई के शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि पूर्ण टीकाकरण करा चुके या बूस्टर खुराक हासिल कर चुके लोगों के मुकाबले वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के बीए.1 और बीए.2 से संक्रमित होने की आशंका काफी अधिक रहती है।
हालांकि, अध्ययन की समीक्षा की जानी अभी बाकी है। इससे पता चला है कि बीए.2 से संक्रमित उन मरीजों के अन्य लोगों में वारयस का वाहक बनने का खतरा ज्यादा है, जिन्हें कोविड रोधी टीके (Anti Covid Vaccine) की एक भी खुराक हासिल नहीं हुई है। शोध दल में यूनिवर्सिटी ऑफ कोपनहेगन (University of Copenhagen), स्टैटिस्टिक्स डेनमार्क और टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के शोधकर्ता भी शामिल थे। शोधकर्ताओं ने वैक्सीन के फायदों पर ज़ोर डालते हुए कहा, जिन्होंने वैक्सीन (vaccine) नहीं ली थी, उन लोगों में दोनों ही तरह के संक्रमण का खतरा अधिक था।
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