व्यक्ति स्वस्थ रहने के लिए हर दिन एक्सरसाइज या अन्य फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान जरूर देता है और ये आवश्यक भी है लेकिन क्या आप जानते हैं कि डांस भी फिटनेस के लिए बेहतर वर्कआउट है? इससे हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और कई बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है।
डांस (Dance) या नृत्य वैसे तो मनोरंजन के तौर पर देखा जाता है लेकिन इसे चिकित्सा शैली के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। नृत्य चिकित्सा या डांस थेरेपी (Dance therapy) भावनात्मक, संज्ञानात्मक, सामाजिक व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए गति और नृत्य का उपयोग करने वाली चिकित्सा शैली (medical style) है। चिकित्सा शैली की उत्तपत्ति 1950 से मानी जाती है। उसके बाद इस पद्धति ने काफी लोकप्रियता हासिल की।
इस विधा से गंभीर बीमारियों (serious diseases) के इलाज की पद्धति को 'डांस मूवमेंट थेरेपी' कहा जाता है। इसके माध्यम से डिप्रेशन, हृदय रोग, जोड़ों के दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, डिस्लेक्सिया और यहां तक पार्किंसन जैसी बीमारियों का इलाज भी किया जाता है। डांस थिरेपिस्ट (Dance Therapist) एवं कन्हाई इंस्टीट्यूट ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स (KIPA) डांस अकादमी के निदेशक माधव जैन के अनुसार नृत्य करने के दौरान हमारे शरीर की विभिन्न मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है और इस तरह से शरीर की जोड़ों को कोई भी नुकसान पहुंचाएं बगैर मांसपेशियों को मजबूत एवं सक्रिय बनाने में मदद मिलती है। बॉल और जॉज डांसिग जैसी कई नृत्य शैलियों से हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के अलावा रक्तचाप (blood pressure) तथा कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है।
आपको जानकार हैरानी होगी कि हर दिन 30 मिनट डांस करने से आप अपनी फिटनेस को बेहतर बना सकते हैं और हेल्दी जिंदगी (healthy life) जी सकते हैं। वेबएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक 30 मिनट डांस करने से 130 से 250 कैलोरी बर्न होती है। डांस करने से हार्ट हेल्थ (heart health) बेहतर होती है और शरीर को मजबूती मिलती है।
डांस करने से न सिर्फ आप खुश रहते हैं, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव होता है। जो लोग डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए डांस करना फायदेमंद साबित हो सकता है। अस्थि शल्य विशेषज्ञ डॉ॰ सत्यशील नायक के अनुसार भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विभिन्न शैलियां स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। अस्थि चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ॰ सुनील कोरे कहते हैं कि किसी भी तरह की थिरकन हमारे शरीर के लिए लाभदायक है।
ऐसे होता है उपचार - This is how the treatment proceed
इस पद्धति के माध्यम से इलाज करने के लिए चिकित्सक (doctor) या सलाहकार समय समय पर मरीजों के साथ मुलाकात करते हैं। सबसे पहले मरीज की केस हिस्ट्री को चिकित्सक समझते है उसके बाद उस बीमारी को दूर करने के लिए आवश्यक डांस मूव्स वाले नृत्य का चयन किया जाता है। डांस करने से शरीर की कोर मसल्स मूव होती हैं और मजबूती मिलती है। नृत्य के नियमित अभ्यास से शीघ्र ही मरीज को आराम मिलना प्रारंभ हो जाता है।
भारतीय शास्त्रीय नृत्य कितना कारगर - How effective is Indian classical dance?
बात करें अगर भारत की तो यहां प्राचीन समय से ही नृत्य की कई विधाएं प्रचलित हैं। जैसे भरतनाट्यम नृत्य (Bharatnatyam Dance), कत्थक नृत्य (Kathak Dance), कथकली नृत्य (Kathakali Dance), कुचिपुड़ी नृत्य (Kuchipudi Dance), ओडिसी नृत्य (Odissi Dance), मणिपुरी नृत्य (Manipuri Dance), सत्त्रिया नृत्य (Sattriya Dance), मोहिनीअट्टम नृत्य (Mohiniyattam Dance) आदि। ये नृत्य शैलियां आपको स्ट्रेस फ्री रखने के साथ ही बहुत एक्टिव बनाती है। यह सभी भारतीय शास्त्रीय नृत्य विभिन्न प्रकार की मुद्राओं और भाव भंगिमाओं के साथ किए जाते हैं जो अपने आप में ही शारीरिक व्यायाम होते हैं और इनसे आपको फिट रहने में मदद भी मिलती है।
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