लंदन। एक आंकड़े के मुताबिक धूम्रपान करने के कारण वैश्विक स्तर पर 2019 में 76.9 लाख लोगों की जान गई थी। वहीं भारत में धूम्रपान करने के कारण हर साल औसतन 10 लाख लोगों की जान जाती है। इस आंकड़े में पिछले 30 वर्षों में 58.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। जानकारी के अनुसार अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं तो भी आपको इससे होने वाली घातक बीमारियां हो सकती हैं।
हाल ही में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल, द लैंसेट (The Lancet) के अध्ययन में दावा किया गया है कि सेकंड-हैंड स्मोकिंग कैंसर (cancer) होने का 10वां सबसे बड़ा कारण है। यानी कि धूम्रपान करने वाले लोगों में कैंसर का जितना खतरा है, उतना ही ऐसे लोगों के करीब रहने वालों में भी खतरा रहता है। धूम्रपान (smoking) नहीं करने वाले लोग भी धुएं से बीमार पड़ रहे हैं। इसलिए शोधकर्ताओं ने धूम्रपान करने वालों से दूर रहने की सलाह दी है।
पैसीव स्मोकिंग (passive smoking), यानी किसी और के सिगरेट पीने से आने वाले धुंआ भी सिगरेट पीने जितना ही नुकसान करता है। इससे दूसरे व्यक्ति को भी कई बीमारियां हो सकती हैं। आजकल हुक्का पीने का चलन भी काफी बढ़ गया है, लेकिन ये भी काफी खतरनाक (dangerous) होता है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र के मुताबिक, तंबाकू (Tobacco) के धुएं में 7,000 से अधिक जहरीले रसायन (chemical) होते हैं। 1964 के बाद से धूम्रपान नहीं करने वाले करीब 25 लाख लोगों की सेकंड-हैंड धुएं के संपर्क में आने से मौत हो चुकी है।धूम्रपान से कैंसर (cancer), हृदय रोग (heart desease), हृदयाघात, फेफड़ों के रोग और क्रॉनिक (पुरानी) प्रतिरोधी फुफ्फुसीय बीमारी (ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) (सीओपीडी) होती है। आंकड़ों के अनुसार दुनिया में हर पांचवे पुरुष की मौत के लिए धूम्रपान ही जिम्मेवार है।
Updated by Shweta Singh
एस. के. राणा March 07 2025 0 20313
एस. के. राणा March 06 2025 0 20091
एस. के. राणा March 08 2025 0 18870
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 17982
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14319
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 12987
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80130
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84857
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83322
admin January 04 2023 0 84927
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74310
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64102
आयशा खातून December 05 2022 0 117549
लेख विभाग November 15 2022 0 87247
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99624
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85571
लेख विभाग October 23 2022 0 70463
लेख विभाग October 24 2022 0 72125
लेख विभाग October 22 2022 0 79401
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85566
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80351
मासिक धर्म से पहले शारीरिक परेशानियों के बारे में तो महिलाएं जानती हैं लेकिन उससे जुड़े मानसिक बदलाव
दांत अगर ठीक से साफ नहीं हुए तो धीरे- धीरे पीलापन जमने लगता है। हालांकि ज्यादा परेशान होने की जरूरत
सशस्त्र सेना चिकित्सा सामान डिपो 19 से 21 सितंबर तक 'आपूर्ति-2022' की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह त
अभी तक देश के लगभग सभी एम्स अपने सामान्य नाम से जाने जाते थे लेकिन अब जल्द ही देशभर के 23 अखिल भारती
एंटीबायोटिक्स का दुरुपयोग रोकने के लिए सभी प्रमुख चिकित्सक कई वर्षों से चेता रहे हैं, लेकिन दुरुपयोग
सबसे अधिक चिंता करने वाली बात यह है कि देश में सक्रिय मामले 16,56,341 हो गए हैं। हालांकि इस दौरान 1
विभिन्न आयु वर्गों के कोविड पाजिटिव व लक्षणयुक्त व्यक्तियों के इस्तेमाल के लिए समिति द्वारा तय की गई
आवेदन करने के लिए जनरल और ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवारों को एप्लीकेशन फीस के रूप में 1500 रुपए देने हो
नोवार्टिस फार्मास्युटिकल द्वारा घोषित वित्तीय प्रतिबद्धता से क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस और मलेरिया के अला
केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन योग शिक्षा, प्रशिक्षण, चिकित्सा और अनुसंधान के राष्ट्रीय स्तर
COMMENTS