कानपुर (लखनऊ ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश में जल्द ही मरीज़ो को मेडिक्लेम से कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। यह सुविधा जीएसवीएम, पीजीआई समेत छह मेडिकल कॉलेजों में बनाए गए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉकों में मिल सकेगी। इन ब्लॉकों को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के मॉडल पर चलाया जाएगा। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉकों में सोसाइटी का प्रारूप बनाने की जिम्मेदारी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) को सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉकों (Super Specialty Blocks) में सोसाइटी का प्रारूप बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। मेडिक्लेम के मरीजों का इलाज करने के लिए टीपीए ब्लॉक (TPA block) भी बनाया जाएगा ताकि मरीजों को मेडिक्लेम (mediclaim) के लिए मशक़्कत ना उठानी पड़े।
जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई (PGI), मेरठ और गोरखपुर में यह बनकर तैयार हो गया है और वहां पर मरीजों का सुपर स्पेशियलिटी इलाज (super specialty treatment) भी शुरू हो गया है। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बनाया गया है।
अभी तक केजीएमयू-एसजीपीजीआई (KGMU-SGPGI) के मॉडल पर चलाने की तैयारी की जा रही थी लेकिन अब शासन ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad Medical College) मॉडल पर चलाने का फैसला किया है। मॉडल का ब्लूप्रिंट जीएसवीएम को सौंप दिया गया है।
जीएसवीएम पीजीआई में न्यूरो सर्जरी (Neuro surgery), न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो, नेफ्रो की ओपीडी चलने लगी है। दिवाली के बाद गैस्ट्रो सर्जरी, यूरो की भी ओपीडी और इनडोर को शुरू किया जाएगा। पीजीआई को आने वाले पांच सालों में मेंटीनेंस के लिए भी निर्माण एजेंसी हाइड्स को ही ठेका दे दिया गया है।
वर्तमान में सब कुछ मेडिकल कॉलेजों (medical colleges) के संसाधनों से संचालित किया जा रहा है लेकिन आने वाले एक महीने में इन्हें सोसाइटी बनाकर चलाया जाएगा, जहां जांच और सर्जरी समेत सभी तरह के इलाज (treatment) में मरीजों को शुल्क देना होगा।
अभी यह कानपुर, आगरा, मेरठ, प्रयागराज, झांसी और गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में बनाए गए। कानपुर, गोरखपुर और मेरठ में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनकर तैयार है।
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