मोतिहारी। पूर्वी चम्पारण में स्वास्थ्य विभाग (health Department) एक बार फिर सुर्खियों में है। मामला मुफ्त वितरण के लिए आयी दवाओं को फेंकने का है। ताजा मामला मेहसी प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (primary health center) का है। जहां एक्सपायरी दवाओं (expiry drugs) के नाम पर अच्छी दवाओं को कूड़े में फेंक दिया गया है। ये दवाएं अगले छह महिने तक अच्छी रहती, जिसे फेंक दिया गया है।
बताया जाता है कि दवा कम्पनी (pharmaceutical company) को लाभ पहुंचाने के लिए आवश्यकता से अधिक दवाओं की खरीद किया जाता है और फिर दवाओं के वितरण के आभाव में इन्हें फेंक दिया जाता है। पिछले एक साल में पूर्वी चम्पारण जिला (Champaran District) के पताही और सुगौली में ऐसा ही मामला सामने आया था, जो स्वास्थ्य विभाग के फाइलों में दब गयी। दवाओं को फेंकने का मेहसी से आया है।
मालूम हो कि सरकार ने गरीबों के स्वास्थ्य (Health) को दुरुस्त रखने के लिए दवाओं का मुफ्त में वितरण करती है। दवाओं के फेंकने से आम लोगों में तरह तरह की चर्चा है। मामले में लोग सवाल उठा रहे है कि इतनी मात्रा में दवाएं क्यों फेंकी गयी इधर सिविल सर्जन ने फिर से जांच कराने का अपना रटा रटाया बयान दिया है। सिविल सर्जन अंजनी कुमार ने कहा कि मेहसी में दवाओं के फेंकने का मामला सामने आया है,जिसकी जांच करायी जा रही है। जिसके दोषियों पर कठोर विभागीय कार्रवाई होगी। साथ ही कहा कि पूर्व में सामने आये मामलों में कार्रवाई हुई है।
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