डॉक्टर सुभाष गुप्ता, चेयरमैन- सेंटर फॉर लिवर एंड बायलरी साइंसेस, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली
लिवर का काम प्रोटीन, एंजाइम और अन्य पदार्थों का उत्पादन करके पाचन में मदद करना है। लेकिन जीवनशैली की खराब आदतों जैसे कि शराब का अत्यधिक सेवन, बीमारियों जैसे कि हेपेटाइटिस बी या सी, फैटी लिवर, एक्यूट लिवर फेलियर, कार्सिनोमा या लिवर के कैंसर के कारण लिवर धीरे-धीरे पूरी तरह खराब होने लगता है। ऐसे में लिवर ट्रांसप्लान्ट की जरूरत पड़ती है।
लिवर ट्रांसप्लान्ट की जरूरत केवल उन मरीजों को पड़ती है, जिनका लिवर पूरी तरह से खराब हो चुका है और जो नए लिवर के बिना जिंदा नहीं रह सकते हैं। सीटी स्कैन और एमआरआई लिवर स्कैन जैसी इमेजिंग तकनीकों में विकास की मदद से आज छोटे से छोटा ट्यूमर का पता आसानी से लगाया जा सकता है। लिवर ट्रांसप्लान्ट में प्रगति के साथ, आज भारत में मृतक डोनर के अंगों को मशीन में संरक्षित किया जा सकता है। इसमें पंप के जरिए खून का बहाव जारी रहता है जिससे लिवर सामान्य स्थिति में रहकर लंबे समय तक पित्त का उत्पादन कर पाता है।”
भारत में यह तकनीक एक लोकप्रिय प्रक्रिया बन गई है। एडवांस लिवर डोनर सर्जरी में पुरानी लिवर डोनर सर्जरी की तुलना में कई फायदें हैं, जैसे कि कम दर्द, तेज रिकवरी और न के बराबर निशान आदि। लिवर ट्रांसप्लान्ट की मदद से हजारों-लाखों मरीजों को एक बेहतर जीवन प्राप्त हुआ है।
लाइव डोनर लिवर ट्रांसप्लान्ट की प्रक्रिया में लिवर के केवल खराब भाग को प्रत्यारोपित किया जाता है। सर्जरी के बाद डोनर का शेष लिवर दो महीनों के अंदर फिर से बढ़ने लगता है और पुन: सामान्य लिवर का आकार ले लेता है। इसी प्रकार रिसीवर का प्रत्यारोपित लिवर भी अपने सामान्य आकार में बढ़कर, फिर से सही ढ़ंग से काम करने लगता है। जीवित या मृतक डोनर वह है जो अपना लिवर मरीज को दान करता है। परिवार का कोई सदस्य जिसकी उम्र 18-50 वर्ष हो, स्वस्थ हो और जिसमें कोई मेडिकल समस्या न हो तो वह लाइव डोनर बनकर लिवर दान कर सकता है। भारत में लिवर ट्रांसप्लान्ट की प्रक्रिया समय के साथ अधिक सुरक्षित व सफल बनती जा रही है। इसकी मुख्य वजह बढ़ती जागरुकता है, जहां लोग स्वेच्छा से जीवित या मृतक डोनर का लिवर जरूरतमंद रोगियों को दान कर रहे हैं।”
हालांकि, लिवर ट्रांसप्लान्ट के बाद मरीज को हमेशा एंटी रिजेक्शन मेडिकेशन लेना पड़ता है, जिससे कि उसका शरीर नए लिवर को अस्वीकार न कर दे। जैसे-जैसे वक्त बीतता जाता है, दवाइयों की डोज़ कम होती जाती है। इस के साथ उन्हें जीवनभर डॉक्टर के संपर्क में रहने की आवश्यकता होती है।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3219
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
ग्लेनमार्क द्वारा वर्ष 2020 में भारत में मुँहासों की व्यापकता पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार 45 प्रति
एमएसडी फार्मास्युटिकल्स की मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि प्राथमिक केयर की सेवाएं, विकसित तकनीक द्वा
पश्चिम बंगाल में ओमीक्रॉन वायरस के बीएफ स्वरूप के चार मामले सामने आए हैं। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने
यह पुरस्कार उनके द्वारा चिकित्सा शिक्षण, अध्यापन एवं शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने एवं कोर
डेंगू की जांच का शुल्क 1200-1400 रुपये जबकि चिकनगुनिया का 1200 से 1700 और स्क्रब टाइफस का 1200-1400
जहाँ-जहाँ आपकी त्वचा ढ़ीली है, शरीर के ऐसे हिस्सों पर फोकस करें | अपने पेट और नितम्बों को न भूलें |
किंग जार्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में नव निर्मित सेमिनार रूम, लाइब्रे
सभी मेडिकल कॉलेजों में अब ओपीडी और आइपीडी सेवाएं पूरी तरीके से संचालित की जाएगी। मरीजों को पहले की त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने अधिक से अधिक लोगों को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश
COMMENTS