- डॉ. विनीत अग्रवाल, ऑर्थोपेडिक सर्जन
योगेश मांध्यान, वरिष्ठ फिजि़ओथेरेपिस्ट,
अवध अस्पताल, लखनऊ
अधिकांश लोग अपने चलने व बैठने के तरीकों की परवाह नहीं करते। जीवन शैली में बदलाव के कारण आज लोगों के बीच पॉस्ट्योरल ऐडॉपटेशन सरीखी बीमारियाँ बहुत बढ़ गयी है। गर्दन और पीठ में दर्द एक सामान्य समस्या है। यह किसी को भी हो सकती है। इसके अनेक कारणों में से एक है गलत अवस्था में उठना बैठना और मांसपेशियों में खिचाव या तनाव। यह दर्द आमतौर पर थोड़े समय के लिये होता है। इस प्रकार की समस्याओं में कंधे और गर्दन के व्यायाम से छुटकारा मिलता है। अधिक समय तक होने वाला दर्द सर्वाइकल हो सकता है। दर्द से निजात न मिलने पर किसी बेहतर फिज़ीशियन से संपर्क कर दवाओं और व्यायाम के लिए परामर्श लेना उचित होता है। कई बार जब तक गर्दन में किसी प्रकार की गतिविधि नहीं होती, तब तक दर्द का पता नहीं चलता। यह बिजली के झटके की तरह तीव्र और बिलकुल धीमा भी हो सकता है। दर्द के कारण अकसर मांसपेशियां सुन्न हो जाती है। स्ट्रेचिंग, मालिश और एक्यूपंचर जैसे व्यायामों से दर्द में राहत मिलती है। इस तरह के व्यायाम से मांसपेशियों को ताकत मिलती है और कंधे तथा गर्दन के दर्द से राहत मिलती है।
एक व्यायाम है चिन टक। यह व्यायाम मांसपेशियों के तनाव को कम करके उन्हें मज़बूती देता है। यह एक आसान प्रक्रिया है जिसे आफिस में या कार में बैठकर किया जा सकता है। पीठ को दीवार के सहारे लगाकर पैरों पर ज़मीन से 3 इंच ऊपर उठाया जाता है ताकि सर दीवार पर छुए और ठोड़ी आगे की तरफ जाए। इस बात का ध्यान रखना है कि इस अवस्था में ठोड़ी को आगे आना है लेकिन ऊपर नहीें देखना है। इस प्रकार 5 सेकण्ड के लिए सिर को उसी स्थिति में रखना होता है। इस प्रक्रिया कम से कम 10 बार दोहराना ज़रूरी है। इसे करने के अभ्यस्त हो जाने के बाद यह कठिन नहीें लगेगा। फिर इसे दिन में 5 से 7 बार करने से दर्द में आराम मिलेगा।
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