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आयुर्वेद केवल चिकित्सीय विज्ञान ही नही,  स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए एक मार्गदर्शक भी है 

आयुर्वेद का प्रमुख लक्ष्य बीमारी का इलाज करने के बजाय स्वास्थ्य को बनाए रखना है। आयुर्वेद के अनुसार, विज्ञान द्वारा निर्धारित कुछ नियमों का पालन करके हर कोई स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकता है।

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August 01 2022 Updated: August 01 2022 16:11
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आयुर्वेद केवल चिकित्सीय विज्ञान ही नही,  स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए एक मार्गदर्शक भी है  प्रतीकात्मक चित्र

आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ्य, शरीर, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण का संतुलन है। आयुर्वेद "जीवन विज्ञान" के लिए संस्कृत शब्द है। यह ब्रह्मांड में हर इंसान के लिए एक इष्टतम और स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए एक मार्गदर्शक है, न केवल एक चिकित्सीय विज्ञान। 


आयुर्वेद (ayurveda) का प्रमुख लक्ष्य बीमारी का इलाज करने के बजाय स्वास्थ्य को बनाए रखना है। आयुर्वेद के अनुसार, विज्ञान द्वारा निर्धारित कुछ नियमों का पालन करके हर कोई स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकता है। इन विभिन्न नियमों को दिनचार्य (एक दैनिक आहार), ऋतुचार्य (मौसमी दिनचर्या) और सद्वृत्ता में विभाजित किया गया है।(मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक व्यवहार के लिए अच्छे आचरण की संहिता)। ये नियम रोग की रोकथाम और आदर्श स्वास्थ्य (health) को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। 


आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ और रोग मुक्त जीवन को बनाए रखने के लिए सभी को इन नियमों का पालन करना चाहिए। चरक संहिता में , आचार्य चरक ने अच्छे आचरण की एक सूची निर्धारित की है जिसका पालन करना बहुत आवश्यक है यदि हम इंद्रिय को नियंत्रित करना चाहते हैं और पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करना चाहते हैं। सद्वृत्ता "क्या करना है?" के बारे में विस्तार से ज्ञान देती है। क्या नहीं करना चाहिए?" और "कैसे जीना है?" 


आयुर्वेद में वर्णित सही आचरण संहिता का पालन जीवन विकारों को कम करने में अत्यधिक प्रभावी है और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। सदव्रत:सभी आयुर्वेदविदों द्वारा लंबे समय से अध्ययन किया जा रहा है लेकिन बहुत कम वैचारिक कार्य किए गए हैं। अतः इस लेख में आयुर्वेदिक साहित्य (ayurveda literature) में वर्णित सद्वृत्ता और मानव शरीर पर इसके समग्र प्रभाव को विस्तार से समझाने का प्रयास किया गया है।

लेखक - डॉ शिवानी योतिकारी 

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