देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

नवजात शिशुओं में बढ़ने लगे मोतियाबिंद के मामले

दस साल पहले की तुलना में ग्रामीण इलाकों में प्रसव से पहले बेहतर देखभाल और माताओं में संक्रमण में गिरावट के कारण इसके मामलों में गिरावट आई है। शहरी आबादी में स्टेरॉयड के दुरुपयोग, आनुवंशिक कारणों, बीमारियों और समय से पहले जन्म जैसे कारणों से जन्मजात मोतियाबिंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

लेख विभाग
November 02 2022 Updated: November 03 2022 03:29
0 31112
नवजात शिशुओं में बढ़ने लगे मोतियाबिंद के मामले प्रतीकात्मक चित्र

नवजात शिशुओं में मोतियाबिंद होने की घटना कोई नई नहीं है। लेकिन हाल के वर्षों में ऐसे मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं वह विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है। हैदराबाद के नेत्र विशेषज्ञ सत्य प्रसाद बाल्की बताते हैं, "संभवतः मां के गर्भ में किसी जीवाणु या डाउन सिंड्रोम के कारण ऐसे मामले बढ़ रहे हैं।”

उनके मुताबिक, नवजात शिशुओं में जन्मजात मोतियाबिंद देखा जाता है। यह आमतौर पर माताओं में संक्रमण या डाउन सिंड्रोम जैसी अन्य बीमारियों से जुड़ा होता है। प्रसाद का कहना है, "दस साल पहले की तुलना में ग्रामीण इलाकों में प्रसव से पहले बेहतर देखभाल और माताओं में संक्रमण में गिरावट के कारण इसके मामलों में गिरावट आई है। शहरी आबादी में स्टेरॉयड के दुरुपयोग, आनुवंशिक कारणों, बीमारियों और समय से पहले जन्म जैसे कारणों से जन्मजात मोतियाबिंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।”

 

कोलकाता के मशहूर नेत्र विशेषज्ञ (ophthalmologist) डॉ. देवजित चक्रवर्ती बताते हैं, "भारत में मोतियाबिंद (Cataract) बच्चों में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। बचपन में अंधेपन (childhood blindness) के लगभग 15 फीसदी मामले आनुवंशिकता के कारण होते हैं। भारत में लगभग 3 से 3.5 लाख नेत्रहीन बच्चे हैं, जिनमें से 15 फीसदी को मोतियाबिंद होने का अनुमान है. हर साल 20 से 40 हजार बच्चे इसके साथ पैदा होते हैं।”

 

कोलकाता के ही नेत्र विशेषज्ञ डा. गणेश मंडल बताते हैं कि कई कारणों से भारत में बच्चों में मोतियाबिंद की घटनाएं बढ़ रही हैं। बच्चों में अस्थमा के मामले (Asthma cases) भी बढ़ रहे हैं। स्टेरॉयड (Steroids) अक्सर इन मामलों में इलाज के लिए मुख्य दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। यह मोतियाबिंद का कारण बन सकता है। इसके साथ ही अगर कम उम्र में मोतियाबिंद होने का पारिवारिक इतिहास है तो जन्मजात मोतियाबिंद होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

विशेषज्ञों में इस बात पर आम राय है कि पांच साल पहले तक ऐसी स्थिति नहीं थी। डा. चक्रवर्ती बताते हैं, "पहले की तुलना में नवजात शिशुओं (newborn babies) की मृत्यु दर में गिरावट आई है। गर्भ में संकट जनक स्थिति में रहने वाले शिशुओं को बचाने लिए जो जीवन रक्षक दवाएं दी जाती हैं, उनमें स्टेरॉयड होता है। यह भी उनमें जन्मजात मोतियाबिंद की एक प्रमुख वजह है. लेकिन समय पर इलाज से इसे दूर करना संभव है।”

 

क्या है मोतियाबिंद - What is cataract

मोतियाबिंद तब होता है, जब पीड़ित व्यक्ति की आंख के प्राकृतिक लेंस में क्लाउड बन जाता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के आंख की लेंस में प्रोटीन टूट जाते हैं और चीजें धुंधली या कम रंगीन दिखने लगती है। इंसान की आंखों के अंदर एक प्राकृतिक लेंस होता है। यह आंखों में आने वाली प्रकाश किरणों को रिफ्लेक्ट करता है। इसी वजह से इंसान किसी चीज को देख सकता है।

 

कई मामलों में जन्म के समय आंख का लेंस साफ होने के बजाय उसमें क्लाउड आ जाता है। इससे पीड़ित बच्चे का देखना मुश्किल हो जाता है. जन्मजात मोतियाबिंद (Congenital cataracts) एक या दोनों आंखों में हो सकता है। समय रहते इलाज ना होने की स्थिति में आगे चलकर यह अंधेपन का कारण बन सकता है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

कानपुर देहात में 26 मवेशी मिले लंपी वायरस से पीड़ित

श्वेता सिंह October 15 2022 22393

कानपुर देहात के ब्लॉक क्षेत्र में कस्बा समेत आठ गांवों में 26 मवेशी लंपी वायरस से पीड़ित मिले हैं। प

उत्तर प्रदेश

सेना चिकित्सा कोर: मेडिकल ऑफिसर्स की सेरेमोनियल परेड आयोजित

रंजीव ठाकुर May 31 2022 35094

इस पाठ्यक्रम में 116 नव कमीशन अधिकारी शामिल थे, जिनमें त्रि-सेवा प्रतिनिधित्व के साथ 30 महिला सैन्य

उत्तर प्रदेश

नि:शुल्क स्वास्थ्य एवं नेत्र शिविर का किया गया आयोजन

आरती तिवारी August 22 2022 21580

जिले में फ्री स्वास्थ्य एवं नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई लोगों का चेकअप

उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन: ANM भर्ती परीक्षा डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन प्रक्रिया शुरु

हुज़ैफ़ा अबरार October 18 2021 20957

अभ्यर्थियों की डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है, जोकि 18 अक्टूबर तक जारी रहेगी।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में बढ़ा वायरल फीवर का प्रकोप

आरती तिवारी October 11 2022 22932

जिले में बुखार का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। अस्पताल में रोजाना 5 से 6 मरीज भर्ती हो रहे हैं। वहीं पि

उत्तर प्रदेश

सीएसजेएमयू में फार्मेसी की रिक्त सीटों पर इंटरव्यू से मिलेगा दाखिला

श्वेता सिंह August 28 2022 22821

सीएसजेएमयू के फार्मेसी विभाग में डीफार्मा, बीफार्मा लेट्रल इंट्री, बीफार्मा, एमफार्मा (फार्मास्युटिक

राष्ट्रीय

J.E.E. की तर्ज़ पर NEET-UG की परीक्षा को वर्ष में एक बार से अधिक आयोजित करने की संभावनाओं पर विचार। 

हे.जा.स. January 24 2021 13237

क छात्र विभिन्न कारणों से साल में एक बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG के दिन गैर हाज़िर हो सकता है।

उत्तर प्रदेश

सहारा हॉस्पिटल में बच्चे की जन्म से उलझी आँतो का जटिल ऑपरेशन हुआ 

हुज़ैफ़ा अबरार August 17 2022 36633

बच्चे के माता - पिता ने मरीज़ बच्चे को सहारा हॉस्पिटल के गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर अजय यादव को दिखाया। डॉ

शिक्षा

नीट पीजी छात्रों के लिए प्रेपलैडर लाया ऑफ लाईन रैपिड रिविजन बूटकैम्प प्रोग्राम

हुज़ैफ़ा अबरार September 27 2022 17938

21 दिनों के इस हाइब्रिड रैपिड रिविजऩ प्रोग्राम के माध्यम से प्रेपलैडर आपने सभी मेडिकल पीजी छात्रों क

राष्ट्रीय

यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्रों की अधूरी पढ़ाई पूरी करवाने का रास्ता खोज रही केंद्र सरकार

हे.जा.स. March 05 2022 17372

यूक्रेन से लौटे भारतीयों में बड़ी संख्या में छात्र हैं और वह भी वे, जो वहां मेडिकल की पढ़ाई के लिए ग

Login Panel