अक्सर आपने देखा होगा कि आपका बच्चा खेल रहा है, खा रहा है और अचानक वह तेज आवाज में रोने लगता है। गाल पर हाथ रख कर जब वह रोता है तब आपको यह बात समझ में आती है कि बच्चे के दांत में दर्द है। कुछ लोग अपने पांच-साल साल के बच्चों को किसी फार्मासिस्ट (pharmacist) की दुकान से पेन किलर (Pain Killer) लाकर खिला देते हैं। जो समझदार गार्जियन होते हैं, वह बच्चे को दांतों के डाक्टर (Dentist)के पास ले जाते हैं। पेन किलर खिला देना कहीं से उचित नहीं। वह भी बिना डाक्टर को दिखाए। आज हम समझेंगे कि बच्चे को दांत में दर्द होता क्यों है और अगर यह दर्द हो रहा है तो उससे निजात कैसे पाएं...हां, दर्द को नजरंदाज (Ignore) नहीं करना चाहिए।
दांत में दर्द क्यों (Why toothache)
5 से 7 साल के बच्चे चाकलेट खाते हैं। दूध पीते हैं। जंक फूड खाते हैं। ये सब खाने-पीने में बहुत दिक्कत नहीं, अगर एक सीमा में खाएं लेकिन बहुधा बच्चे रात में कुल्ला किये बगैर सो जाते हैं। यहीं बैक्टीरिया उनकी दांतों (teeth) पर हमला करता है जिससे उन्हें तकलीफ होती है। ये बैक्टीरिया (bacteria) उनके मसूड़ों और दांतों पर कैविटी (Cavity) के रूप में हमला करता है। इससे दांत और मसूड़े तक खराब हो जाते हैं। तो, यह जरूरी है कि बच्चा जब भी सोए, उसके पहले माता-पिता उसे कुल्ला करवा दें या संभव हो तो हल्के हाथ से एक बार ब्रश जरूर करवा दें। इससे दांतों में सड़न नहीं होगी।
सेंसिटिव दांत (Sensitive teeth)
कुछ बच्चों को दांत में सेंसिटिविटी की समस्या हो जाती है। उन्हें दांतों में झनझनाहट होती है। वह कुछ भी गरम या ठंडा खाना चाहें तो उन्हें काफी दर्द होता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि संभव है कि बच्चा खेलते-खेलते कभी मुंह के बल गिर गया हो और उसकी दांतों में चोट लग गई हो। जोर से ब्रश करने पर, लगातार ब्रश करने पर भी यह समस्या हो सकती है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा इस परेशानी से बचा रहे तो जरूरी है कि उसे नर्म ब्रश (soft brush) दें। अगर बच्चे की दांत में सड़न है तो उसे निकलवा दें।
मसूड़ों की बीमारी (Gum disease)
मसूड़ों की बीमारी उन्हें हो सकती है, जो खाने के बाद सही तरीके से मुंह साफ नहीं करते। कुल्ला नहीं करते। अमूमन मसूड़ों में कोई बीमारी तब शुरू होती है, जब दांतों में प्लाक (plaque) बनने लगता है। इस प्लाक में बैक्टीरिया जमा हो जाने की वजह से संक्रमण हो जाता है। जिससे मसूड़ों में सूजन आ सकती है। ऐसी हालत में आपको बच्चे को किसी बढ़िया डेंटिस्ट से चेक करवाना चाहिए।
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