विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। GINA का इस वर्ष का थीम है CLOSING GAPS IN ASHTMA CARE अर्थात लोगो में इसके प्रति जागरूकता फैलाना ताकि इससे होने वाली गंभीर स्थिति से बचाव किया जा सके। अतः यह दिवस अस्थमा बीमारी की जागरूकता के विषय में मनाया जाता है।
अस्थमा एक सांस की बीमारी है जिसको हिंदी में दमा कहते है। इस बीमारी में फेफड़े में जाने वाले हवा के ट्यूब ( ब्रोंकियल ट्यूब में सूजन आ जाती है जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा के लक्षणों में सांस फूलना, खांसी, घरघराहट और छाती में जकड़न होती है। ये लक्षण आवृत्ति और गंभीरता में भिन्न होते हैं। सही इलाज से अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे दमा से पीड़ित लोगों को पूर्ण जीवन जीने में सक्षम किया जा सके।
हमे यह जानना जरूरी है कि अस्थमा के क्या ट्रिगर हो सकते है जिससे हमे बचाव किया जा सकता है। निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण ट्रिगर इस प्रकार हैं।
अस्थमा के लक्षण होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए – Contact Doctor immediately
डॉक्टर के द्वारा दिया गया इनहेलर सही तकनीक से इस्तेमाल करना चाहिए और बिना डॉक्टर के सलाह के बंद नही करना चाहिए।
अस्थमा से बचाव के कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए – Preventive steps
अस्थमा के बारे में आम गलतफहमियों में शामिल हैं:
सच तो यह है:
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