देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

धूम्रपान से ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता है खतरा।

ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में शुरू होता है, और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है। हालांकि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होना दुर्लभ माना गया है।

लेख विभाग
October 25 2021 Updated: October 25 2021 22:05
0 19940
धूम्रपान से ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता है खतरा। प्रतीकात्मक

अगर किसी के परिवार में ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है तो उस परिवार की महिलाओं को नियमित स्क्रीनिंग करानी चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे प्रचलित कैंसर है। एक अनुमान के मुताबिक महिलाओं में लगभग 14% कैंसर ब्रेस्ट  कैंसर होता है और ग्रामीण भारत की तुलना में शहरी क्षेत्रों में यह कैंसर ज्यादा होता है। पिछले कुछ सालों में धूम्रपान इस कैंसर का सबसे बड़ा खतरा बनके उभरा है , और यह कई अलग-अलग प्रकार के कैंसर को जन्म दे सकता है - धूम्रपान से केवल फेफड़ों, गर्भाशय और कोलन के कैंसर ही नहीं होता है बल्कि इससे और भी कैंसर हो सकते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में शुरू होता है, और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है। हालांकि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होना दुर्लभ माना गया है। समय पर डायग्नोसिस होने पर यह बीमारी ठीक हो सकती है, लेकिन इलाज में देरी और जागरूकता की कमी के कारण मेटास्टैटिक स्टेज में पहुँचने पर डायग्नोसिस हो सकती है।

नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का अनुमान है कि देश में कैंसर के केसेस की संख्या 2020 में 13.9 लाख होगी और 2025 तक 15.7 लाख की इसमें बढ़ोत्तरी होगी, जो लगभग 20% की बढ़ोत्तरी होगी। एनसीआरपी रिपोर्ट का कहना है कि 2020 में तंबाकू से संबंधित कैंसर कुल कैंसर के बोझ का 3.7 लाख (27.1%) होने का अनुमान है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर 2 लाख (14.8%) कुल कैंसर में योगदान करने का अनुमान है।

रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, कानपुर के डीएम - मेडिकल आंकोलाजी, डॉ विकास तलरेजा ने ब्रेस्ट कैंसर की भयावहता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “युवाओं में धूम्रपान तथा प्री-मेनोपाजल महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा खतरे से जुड़ा हुआ है। रिसर्च में  यह भी पता चला  है कि पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में बहुत ज्यादा सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है।

हमने पाया है कि उत्तर प्रदेश में अधिकांश ब्रेस्ट कैंसर के केसेस धूम्रपान के कारण होते हैं। हालांकि हमनें ऐसे केसेस को भी देखा है कि जहां कोविड -19 महामारी ने प्रारंभिक डायगनोसिस और इलाज़ को प्रभावित किया है। चूंकि कोविड के केसेस कम हो रहे हैं इसलिए अब धूम्रपान से ग्रसित ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा मरीज़ आ रहे हैं।  मरीजों की उचित परामर्श के लिए हमारे पास डॉक्टरों की एक समर्पित टीम है और सर्जरी के बाद की देखभाल सलाह प्रदान करती है।” ब्रेस्ट कैंसर के विकास के लिए कई जोखिम फैक्टर हैं, जिनमें आनुवंशिक और लाइफ़स्टाइल फैक्टर प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार हैं। शराब के सेवन भी ब्रेस्ट कैंसर होने का ख़तरा बढ़ जाता है।

अगर कैंसर की पहचान जल्दी हो जाती है तो इससे मरीज़ के बचने की संभावना बढ़ जाती है। इस बारे मे डॉ विकास तलरेजा ने बताते हुए कहा, "महिलाओं को सलाह दी जाती है कि गांठ जैसे किसी भी असामान्य परिवर्तन की जांच के लिए वे ख़ुद से अपने स्तनों की जांच करें। हो सकता है कि ये गांठ कैंसर न हों, लेकिन खतरों को पहचानना हमेशा ही बेहतर होता है। ब्रेस्ट में एक नई गांठ, द्रव्यमान या मोटा होना ब्रेस्ट कैंसर के सबसे आम शुरुआती लक्षण होते हैं। नियमित इमेजिंग ब्रेस्ट सेल्फ ब्रेस्ट जांच (एसबीई) समस्या का पता लगाने में मदद कर सकती है। आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर के कारण होने वाली गांठ में दर्द नहीं होता है। अगर किसी को ब्रेस्ट में कोई नई या संबंधित गांठ दिखाई देती है, तो हम उसे डॉक्टर की मदद लेने की सलाह देते हैं।"

एसबीई टेस्टिंग तकनीक 20 साल की उम्र से हर महीने किया जा सकता है क्योंकि उम्र बढ़ने, मासिक धर्म चक्र, गर्भावस्था या मेनोपाज़ के कारण ब्रेस्ट में बदलाव हो सकता है। इसके अलावा सोनो-मैमोग्राफी के साथ मैमोग्राफी जैसी एडवांस स्क्रीनिंग सुविधाएं हैं, जो 40 साल की उम्र से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता लगाने के लिए की जा सकती हैं।

डॉक्टर आमतौर पर ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। ज्यादा बड़े कैंसर के लिए या जो कैंसर ज्यादा तेज़ी से बढ़ रहा हो, उसके लिए डॉक्टर सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी या हार्मोनल थेरेपी के साथ सिस्टेमेटिक इलाज़ कराने की सलाह दे सकते हैं, जिसे नियोएडजुवेंट थेरेपी कहा जाता है। अच्छी खबर यह है कि जिन महिलाओं को मास्टेक्टॉमी की आवश्यकता हो सकती है,अगर ट्यूमर सर्जरी से पहले पर्याप्त रूप से सिकुड़ जाता है वे ब्रेस्ट-कंजर्विंग सर्जरी (लम्पेक्टोमी) करा सकती हैं ।

एक स्वस्थ लाइफ़स्टाइल का पालन करके ब्रेस्ट कैंसर को होने से रोका जा सकता है। इसके लिए जैसे शराब के सेवन को कम करना, धूम्रपान छोड़ना, या बिल्कुल भी धूम्रपान न करना और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना आदि करना होगा। इसके अलावा स्वस्थ वजन बनाए रखने, पोस्टमेनोपॉज़ल हार्मोन थेरेपी को सीमित करने वाले ब्रेस्टफीडिंग से भी जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

सौंदर्य

घरेलू उपाय अपनाकर , गर्मियों में बनाये रखें अपनी सुंदरता को

सौंदर्या राय April 13 2022 26186

गर्मियों में आपकी सुन्दरता पर विपरीत प्रभाव डालने वाले इन प्रॉब्लम से बचने के कुछ घरेलू उपाय बता रहे

उत्तर प्रदेश
शिक्षा

NEET प्रवेश परीक्षा होगी एक अगस्त को। 

अखण्ड प्रताप सिंह March 13 2021 30569

एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए नीट (स्नातक)

राष्ट्रीय

विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज, जानिए इस बार की क्या है थीम ?

अखण्ड प्रताप सिंह May 31 2023 30889

इस साल के विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम 'हमें भोजन की जरूरत है, तंबाकू की नहीं' है। बीते साल विश्व

उत्तर प्रदेश

वायरल फीवर के उपचार एवं बचाव में कारगर है होम्योपैथिक दवाइयाँ। 

हुज़ैफ़ा अबरार September 05 2021 35796

यदि आप या आपके घर में कोई वायरल से पीड़ित हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि होम्योपैथी में

स्वास्थ्य

कान पर भी दिख जाता है हार्ट अटैक का लक्षण

श्वेता सिंह September 18 2022 24219

अमेरिका के CDC के अनुसार, आमतौर पर दिल का दौरा पड़ते वक्त सीने के केंद्र या बाईं ओर बेचैनी या दर्द,

इंटरव्यू

शिशु की लार, माँ का दूध और पसीना तीनों मिलकर पैदा करते है संक्रमण, स्तनपान में बरतें सावधानी

रंजीव ठाकुर August 05 2022 38457

बच्चे के जन्म के बाद माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध क्या होता है ? बच्चे को दूध पिलाने की सही पोजीशन क्या

राष्ट्रीय

एमपी के इस सरकारी अस्पताल में दवाइयों की किल्लत

हे.जा.स. May 13 2023 25917

मध्य प्रदेश के महाराज यशवंतराव अस्पताल में दवाइयों की कमी हो गई है। मरीजों के अस्पतालों से मिलने वाल

अंतर्राष्ट्रीय

बीजिंग भी कोरोना संक्रमण के दायरे में, 10 स्टूडेंट्स कोरोना संक्रमित मिले

हे.जा.स. April 23 2022 17729

चीन की राजधानी बीजिंग में मिडिल स्कूल के 10 स्टूडेंट्स कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। इसे लेकर च

राष्ट्रीय

15 से 18 वर्ष के बीच की आयु वाले बच्चों को कोरोनारोधी टीके लगाना अवैज्ञानिक: डॉ. संजय के राय

हे.जा.स. December 27 2021 17796

यह जानकारी उपलब्ध है कि कोरोनारोधी टीके वायरस पर कुछ खास असर नहीं डाल पा रहे हैं। कुछ देशों में तो ल

Login Panel