लखनऊ। दिल्ली और बेंगलुरू में सफल लॉन्च के बाद , हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड ने अब लखनऊ में मिशन होप का शुभारंभ किया है। मिशन होप के अंतर्गत, एचयूएल ने केवीएन फाउंडेशन तथा देश की सबसे बड़ी होम हेल्थकेयर कंपनी पोर्टिया मेडिकल के साथ हाथ मिलाया है, ताकि शहर में कोविड-19 मरीज़ों को तत्काल और कारगर ढंग से ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मुफ्त उपलब्ध कराएं जा सके।
लखनऊ में,मरीज़ और उनकी देखभाल में जुटे लोग 08068065385 पर मिस्ड कॉल देकर ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के लिए अनुरोध कर सकते हैं। मिशन होप टीम उनसे संपर्क कर मदद करेगी। अनुरोध के आधार पर जरूरत की पुष्टि के बाद, कॉन्सेंट्रेटर को मरीज़ के घर पर पहुंचाया जाएगा। एक प्रशिक्षित वॉलंटिय रको भी मरीज़ के घर भेजा जाएगा ताकि वह ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कार्यप्रणाली और यह कैसे काम करता है, इस बारे में मरीज़ों तथा उनकी देखभाल करने वाले लोगों को सही तरीके से समझा सके।
संजीव मेहता, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एचयूएल ने कहा, "कोविड महामारी की दूसरी लहर ने हमारे सामने एक गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है। पूरा यूनिलिवर परिवार इस संकट की घड़ी में भारत की मदद के लिए एक साथ खड़ा है। इसके लिए हम ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मंगा रहे हैं जिसकी देश में भारी कमी है। हमें आशा है कि पोर्टिया मेडिकल के साथ भागीदारी के चलते हम उन लोगों की जीवन रक्षा कर सकेंगे जिन्हें मेडिकल ऑक्सीजन की काफी सख्त ज़रूरत है और साथ ही,हम स्वास्थ्य तंत्र पर पड़ रहे दबाव को कम भी कर सकेंगे।"
भारत को ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि स्वास्थ्य सेवाप्रणाली कोविड-19 की दूसरी घातक लहरसे गुजर रही है। मिशन होप के माध्यम से एचयूएल ने भारत में 5,000 से ज़्यादा ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स विदेशों से मंगवाए हैं। केवीएन फाउंडेशन और पोर्टिया मेडिकल के साथ एचयूएल के इस गठबंधन के माध्यम से कोविड-19 से ग्रस्त मरीज़ों को उनके घरों पर ऑक्सीजन उपलब्ध करायी जाएगी, जिससे हमारे स्वास्थ्य सेवा तंत्र पर भी दबाव कम होगा जो पहले से ही संकट से घिरा है।
यह प्रोग्राम "प्राप्त करें-प्रयोग करें- लौटाएं" मॉडल पर आधारित है। इस्तेमाल के बाद कॉन्सेंट्रेटर को सैनीटाइज़, सर्विस कर ऐसे अन्य लोगों तक पहुंचाया जाएगा जिन्हें इसकी ज़रूरत होगी। इस तरह, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कॉन्सेंट्रेटर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंच सकें और अधिकाधिक लोगों की जीवन रक्षा के लिए इनका इस्तेमाल किया जाए।
इसके बारे में मीना गणेश, को-फाउंडर एवं सीईओ, पोर्टिया मेडिकल ने कहा, "पिछले साल 4 लाख से ज़्यादा कोविड मरीज़ों का उपचार करने के बाद हम इस महामारी की चुनौतियों को काफी अच्छी तरह से समझ सकते हैं। दूसरी लहर बेहद खतरनाक है और इसमें पता चला है कि मरीज़ों का ऑक्सीजन थेरेपी के माध्यम से उपचार करना और उन्हें अस्पतालों से दूर रखना बहुत ही ज़रूरी है क्योंकि अस्पतालों पर पहले से ही काफी दबाव है। हमें गर्व है कि हमने इस परोपकारी पहल के लिए एचयूएल के साथ हाथ मिलाया है और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मरीज़ों को उनके घर पर ही मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध करायी जा सके।"
वेंकट के नारायण, मैनेजिंग ट्रस्टी, केवीएन फाउंडेशन ने कहा, "केवीएन फाउंडेशन देश के लिए इस चुनौतीपूर्ण समय में इस काम को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए एचयूएल का आभारी है। फाउंडेशन आने वाले समय में एचयूएल और पोर्टिया मेडिकल के साथ मिलकर लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिशें जारी रखेगा।"
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