लखनऊ। इंडिया टीबी रिपोर्ट 2022 के अनुसार उत्तर प्रदेश में टीबी रोगियों की संख्या भारत के सभी राज्यों में सबसे अधिक है। यह भारत में टीबी के अधिसूचित मामलों की कुल संख्या के 20% से अधिक के लिए जिम्मेदार है। पीएम मोदी ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है। ऐसे में टीबी का खात्मा कैसे होगा और इसमें कैसी दिक्क़ते आ रही हैं इसको लेकर हेल्थ जागरण ने पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ रजनीश कुमार श्रीवास्तव से खास बातचीत की।
डॉ रजनीश कुमार श्रीवास्तव, एमडी, पल्मोनरी मेडिसिन (MD, Pulmonary Medicine) और स्वर्ण पदक विजेता है। वह पीडीसीसी-इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी (SGPGI), सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट - मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) भी है। डॉक्टर साहब हेस्टैक एनालिटिक्स (Haystack Analytics) द्वारा आयोजित पैनल डिस्कशन में मौजूद थे जहां टीबी को लेकर संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट (whole genome sequencing test for TB) के बारे में चर्चा हुई।
डॉ रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने हेल्थ जागरण (Health Jagaran) को बताया कि टीबी हमारे देश में एक गम्भीर समस्या है जिससे हम काफी सालों से लड़ते आ रहे हैं। फिर भी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हर साल लगभग 5 लाख लोग टीबी के कारण दम तोड़ देते हैं। टीबी के साथ सबसे बड़ी समस्या हैं इसका डायग्नोसिस और इसका इलाज (TB diagnosis and treatment)।
टीबी का डायग्नोसिस (Diagnosis of TB) काफी मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण (symptoms of TB) बहुत इन्वैरिड होते हैं जैसे बुखार आना (fever), खांसी आना (cough), साँस फूलना (breathlessness), खांसी में खून आना (blood in cough), वजन कम होते जाना (weight loss), भूख कम लगना (loss of appetite) जैसे लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र (health center) पर जा कर चेकअप करवाना चाहिए।
सरकार ने टीबी के लिए जांचे फ्री में (free tests for TB) उपलब्ध करवाई हुई हैं जैसे बलगम की जाँच (sputum test) या एक्सरे (X-ray) इत्यादि। सही समय पर जाँच और इलाज (timely diagnosis and treatment) से टीबी से पूरी तरह मुक्ति पाई जा सकती है। ये 100% ठीक होने वाली बीमारी है। लक्षण दिखने पर जल्दी से जल्दी स्वास्थ्य केन्द्र जाएं, इलाज करवाए जिससे कि और किसी तक ये बीमारी ना पहुंचे।
कई बार देखा गया कि जाँच में ज्यादा समय लग जाता है और तब तक मरीज दूसरों को इंफेक्शन दे चुका होता है, हेल्थ जागरण के सवाल पर डॉ रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसा पहले होता था, अब हमारे पास ऐसी जांचे उपलब्ध हैं जिससे 2-3 दिन में टीबी की जाँच हो जाती है। काफी रैपिड जांचे (rapid tests for TB) भी हैं जो बहुत जल्दी रिपोर्ट दे देती है। सरकार इन जांचों को फ्री में करवाती है और अगर प्राइवेट अस्पताल (private hospital) में जाँच करवाते है तो यह 2300 रुपए में हो जाती है।
पीएम मोदी (PM Modi) का आवाह्न है कि 2025 तक टीबी को खत्म (eliminate TB by 2025) करना है, इसमें कौन सी रुकावटें हैं जिनको दूर कर दिया जाए तो यह टारगेट पूरा किया जा सकता है ? इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सबसे बड़ा फैक्टर डायग्नोसिस है। टीबी के लक्षण (symptoms of TB) अलग-अलग लोगों को अलग-अलग आते हैं। जरुरी नहीं कि हर आदमी में एक जैसे लक्षण नजर आएं।
दूसरे इसकी जाँच करना भी मुश्किल है जैसे बलगम में टीबी नहीं आ रही है (TB is not coming in the mucus) तो हो सकता है गांठ के अंदर टीबी हो (TB inside the lump)। हो सकता है दूसरे अंगों में हो जैसे कि आँख (eyes TB), ब्रेन (brain TB) या किडनी (kidney TB) में हो। अलग-अलग अंगों की अलग-अलग जांचे हैं। तो टीबी का डायग्नोसिस और इलाज करना ही मुश्किल है। इसके लिए जरुरी है कि लक्षण नजर आएं तो डॉक्टर के पास जाएं ना कि खुद ही इलाज करने लग जाएँ। 2 या 3 हफ्ते तक लक्षण नजर आएं तो नजरअंदाज ना करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77091
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS