देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

लेख

जीनोम इंजीनियरिंग और सुपरह्यूमन बनाने की सम्भावनाएँ

वर्तमान परिदृश्य में तो आनुवांशिकी को लेकर सुपरमैन जैसे चरित्र भी गढ़ दिए गए हैं लेकिन अब आप सोंच रहे होंगे कि क्या सुपरमैन जैसा कैरेक्टर जिसमें परिवर्तित डीएनए की वजह से क्षमताएं अकल्पनीय रूप से बढ़ जाती हैं ऐसा क्या वाकई में संभव है?

श्वेता सिंह
August 22 2022 Updated: August 22 2022 15:38
0 12993
जीनोम इंजीनियरिंग और सुपरह्यूमन  बनाने की सम्भावनाएँ प्रतीकात्मक चित्र

प्रकृति के स्थापित नियमों से छेड़-छाड़ करना और बाज़ार में बिकाऊ उत्पाद बनाने के लिए पर्यावरण और मनुष्यता की अनदेखी करना, वर्तमान विज्ञान का घोर दुरूपयोग है। औद्योगिक क्राँति (industrial revolution) के बाद से मनुष्य का पूरा जीवन आप्रकृतिक वस्तुओं पर निर्भर हो गया है। इसी क्रम में टेस्ट टयूब बेबी (test tube baby), सरोगेट मदर (surrogate mother) और भ्रूण की अवस्था में इलाज (treatment at the stage of embryo) जैसी अभूतपूर्व सफलताएं वैज्ञानिकों को उन्नत मनुष्य बनाने के लिए लगातार प्रेरित कर रही हैं। ऐसे में इस्राइल के वैज्ञानिकों द्वारा चूहे का कृत्रिम भ्रूण के निर्माण ने इन संभावनाओं को पंख लगा दिए है। ये सब संभव होता है जीनोम इंजीनियरिंग से जो आनुवांशिकी विज्ञान की उन्नत शाखा है।

 

आनुवांशिकी के बारे में हम सभी बचपन से पढ़ते चले आ रहे हैं। 1865 में पहली बार, संकर पौधों पर प्रयोगों के जरिए ग्रेगर मेंडल ने वंशानुक्रम के मूल सिद्धांतों की खोज की थी। उन्हीं प्रयोगों से जो निष्कर्ष निकले, उन्हें आज हम जेनेटिक्स यानी आनुवांशिकी कहते हैं।

 

वर्तमान परिदृश्य में तो आनुवांशिकी (genetics) को लेकर सुपरमैन जैसे चरित्र भी गढ़ दिए गए हैं लेकिन अब आप सोंच रहे होंगे कि क्या सुपरमैन (Superman) जैसा कैरेक्टर जिसमें परिवर्तित डीएनए की वजह से क्षमताएं अकल्पनीय रूप से बढ़ जाती हैं ऐसा क्या वाकई में संभव है? इस विषय में जीनोम इंजीनियरिंग (genome engineering) के विकास के प्रणेता और दशकों से आनुवांशिकी पर काम करने वाले दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक जॉर्ज चर्च कहते हैं कि सुपरमैन को निर्मित करने का विचार, आनुवांशिकी के भविष्य से कोसों दूर है। ये नजारे केवल साइंस फिक्शन की घिसी पिटी फिल्मों में ही देखे जा सकते हैं और वास्तविकता से उनका कोई नाता नहीं होता।

 

चीनी वैज्ञानिकों की टीम ने शायद कुछ ऐसी ही फिल्मों से प्रेरित होकर एक ऐसे बच्चे को डिजाइन किया जिस पर भविष्य में एचआईवी जैसे जानलेवा वायरस का असर नहीं होगा। इस ऑपरेशन को परफॉर्म करने के लिए उन्होंने एक खास तरह के जीनोम एडिटिंग टूल (genome editing tool) CRISPR CAS 9 की मदद ली। साल 2018 में चीन की ये उपलब्धि विज्ञान के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी घटना थी।

 

इस घटना ने इंसानी भविष्य के समक्ष कई नई संभावनाओं को खड़ा कर दिया है। ऐसे में जेनेटिक इंजीनियरिंग को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गईं लेकिन वो कहते हैं न कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं; तो इसी तरह कुछ इसे प्रौद्योगिकी मानते हैं और कुछ इसको आपके हाथों में थामी हुई कैंची मानते हैं। यानी कि इन लोगों के मुताबिक जेनेटिक इंजीनियरिंग से एक एडिटेड वर्जन का निर्माण किया जा सकता है तो उसी तरह उन जीन्स को काटा या हटाया भी जा सकता है जो आनुवंशिक बीमारियों (genetic diseases) की वाहक होती हैं।

 

क्या है जेनेटिक इंजीनियरिंग - What is genetic engineering

डीएनए ही किसी भी जीव की बनावट और उसकी संरचना को तय करता है। इस पृथ्वी पर हर एक जीव का अपना अलग डीएनए (Deoxy ribonucleic Acid) होता है। डीएनए के कुछ खास हिस्सों को जीन के रूप में जाना जाता है। इन्हीं जीन्स से जीवों की विशेषताएं तय होती हैं। जीन्स माता पिता द्वारा उनकी अगली संतान में ट्रांसफर होती रहती है। जीव के सभी जेनेटिक मटेरियल को जीनोम कहा जाता है। वैज्ञानिकों द्वारा जीवों के जीनोम में किए गए बदलाव को ही जेनेटिक इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाता है। जीनोम एडिटिंग के जरिए वैज्ञानिक पेड़-पौधों, बैक्टीरिया, जीव जन्तुओं के डीएनए में बदलाव करके उनके शारीरिक लक्षणों, उनकी बनावट, कार्य करने की क्षमता आदि चीजों में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

 

वहीं जॉर्ज चर्च ने बताया, "ये एक गलतफहमी है कि आप एक संपूर्ण मुकम्मल इंसान या सुपरमैन बन सकते हैं। ये अक्सर समझौता होता है। आप कोई चीज हासिल करते हैं तो आप कुछ गंवा भी देते हैं। साइकिल के जो फीचर आपको अच्छे लगते हैं वो रेस वाली कार या जेट के लिए सच नहीं है।"

 

जेनेटिक इंजीनियरिंग वाकई में एक नया प्रयोग है लेकिन कई वैज्ञानिक इस पर एकमत नहीं हो पाते। आज जेनेटिक्स के क्षेत्र में जो ये खोजें हो रही हैं। वह हमारे आने वाले भविष्य में ठीक ऐसी परिस्थितियां खड़ी कर सकती हैं, जहां समाज में आर्थिक विषमता के साथ साथ जैविक असमानता (Biological Inequality) भी होगी।

 

लेखक - श्वेता सिंह

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू की न्यू ओपीडी में एसी और पंखे बीमार, भीषण गर्मी में मरीज बेहाल

रंजीव ठाकुर June 29 2022 15767

जब हेल्थ जागरण केजीएमयू पहुंचा तो भीषण गर्मी में न्यू ओपीडी में एयरकंडीशन और पंखों की हालत देख कर पस

राष्ट्रीय

नेचुरल फार्मिंग से कैंसर के रोगों में आयेगी कमी: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

रंजीव ठाकुर September 17 2022 13890

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायतों को नेचुरल फार्मिंग पर बल देने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय

सेवा इंटरनेशनल अमेरिका, भारत के कोविड रोगियों को दे रहा है नि:शुल्क टेलीमेडिसिन सेवा।  

एस. के. राणा May 19 2021 24184

‘ईग्लोबल डॉक्टर्स’ के माध्यम से कोरोना वायरस के संभावित रोगियों को निजी परामर्श सेवाएं दे रहे हैं। h

राष्ट्रीय

जर्मनी में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप का तेजी से प्रसार।

एस. के. राणा July 08 2021 16253

नवीनतम विश्लेषण के मुताबिक, पिछले महीने के अंत तक संक्रमण के 59 प्रतिशत नये मामले कोरोना वायरस के डे

स्वास्थ्य

हड्डी टूटने पर प्लास्टर लगवाने के साथ खाएं ये फूड

लेख विभाग January 17 2023 31322

टूटी हड्डियों को रिकवर करने के लिए विटामिन डी, कैल्शियम, कॉलेजन जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है आइ

उत्तर प्रदेश

5.89 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण कर पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश।

हे.जा.स. February 05 2021 13211

यूपी 5.89 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण करने वाला पहला राज्य बन गया है। प्रदेश में अब तक

राष्ट्रीय

भारत में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की आएगी ‘सुनामी’: एक्सपर्ट

एस. के. राणा January 20 2023 15674

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमानों के अनुसार, जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण 2040 में दुनिया भर मे

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के दो रेजिडेन्ट चिकित्सकों को मिली ट्रेवेल फैलोशिप

रंजीव ठाकुर August 02 2022 24291

रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के दो नए उत्तीर्ण एम.डी. छात्रों (डॉ

अंतर्राष्ट्रीय

नए एंटीबॉडी से कोविड के नए और ज्यादा संक्रामक स्वरूपों से लड़ने में मदद मिलेगी

हे.जा.स. February 15 2022 19762

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि नए एंटीबॉडी को मौजूदा एंटीबॉडी के कॉकटेल में शामिल किया ज

उत्तर प्रदेश

जिला स्तरीय अधिकारी अस्पतालों का निरीक्षण करके व्यवस्था सुधारें: ब्रजेश पाठक

रंजीव ठाकुर April 26 2022 16424

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सोमवार को गोण्डा में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज के निर्माण कार्य का जायजा ले

Login Panel