नयी दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रहे कोविड संक्रमण के मामलों ने चिंता बढ़ा रखी है और अब ओमिक्रोन के नए वेरिएंट बीए.2.75 को लेकर आई हालिया रिपोर्ट इस चिंता को और बढ़ाने वाली है। ओमिक्रोन के बीए.2 सब वेरिएंट (Omicron BA.2) से विकसित हुआ नया वेरिएंट बीए.2.75 (new variant BA.2.75) सबसे पहले भारत में मिला था। इसने तीन राज्यों में अपना विस्तार कर लिया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक यह दूसरी पीढ़ी का वेरिएंट (second generation variant) है लेकिन पूरी दुनिया में इस वेरिएंट से संक्रमित हुए मरीजों की संख्या कम होने से इसकी सिक्वेंसिंग को लेकर पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
ऑस्ट्रियन एकेडमी ऑफ साइंसेज (Austrian Academy of Sciences) के आनुवंशिक वैज्ञानिक तथा मॉलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट डॉ उलरिश एलिंग (Dr Ulrich Elling) के अनुसार नए कोविड वेरिएंट के बारे में जानकारी बहुत कम है लेकिन दो कारणों से पूरी दुनिया का ध्यान इस तरफ गया है। इस नए वेरिएंट में मूल वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा शक्ति है और यह 8 रूपों में विकसित हो सकता है। यह मूल वेरिएंट के विरुद्ध विकसित हो चुके प्रतिरोध को भी नष्ट कर सकता है। मतलब कि जिनको ओमिक्रोन वेरियेंट बीए.2 से संक्रमण हुआ था वह यदि बीए.2.75 के सम्पर्क में आए तो उन्हें दुबारा कोविड (covid again) हो सकता है। भारत को लेकर डॉ एलिंग ने कहा कि बीए.2 की लहर को भारत झेल चुका था लेकिन सब वेरिएंट बीए.2.75 का फैलना इस बात का सूचक है कि नया वेरिएंट प्रतिरोध तोड़ने की शक्ति रखता है।
वहीं इम्पीरियल कॉलेज, लंदन (Imperial College, London) के संक्रामक रोग विशेषज्ञ, वाइरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक (virologist Tom Peacock, an infectious disease specialist) भी मानते हैं कि ओमिक्रोन का नया वेरिएंट (new variant of Omicron) बहुत से रूपों में दिख सकता है और इसका भौगोलिक विस्तार (geographical spread) भी बहुत है।
देश में कोविड संक्रमण के लगभग 23% मामलों में नया सब वेरिएंट दिख चुका है। वैश्विक विज्ञान अभियान, म्यूनिख (Global Science Expedition, Munich) और ऑस्ट्रेलियाई डाटा विशेषज्ञ माइन हनी (Australian data expert Mine Honey) भी इसकी पुष्टि कर चुके हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है और पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि यह वेरिएंट कितना खतरनाक साबित होगा। अभी सिर्फ अंदाजा लगाया जा रहा है। हालांकि डॉ एलिंग का कहना है कि भले ही प्रमाण ना मिले हो लेकिन खतरा बढ़ रहा है।
कुल मिलाकर कोरोनावायरस (corona virus) से लापरवाही भारी पड़ सकती है, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग और टीकाकरण ही कोविड -19 से बचे रहने का उपाय है।
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