लखनऊ। कोविड -19 टीकाकरण अभियान में देखा गया कि काफी लोगों ने वैक्सीन को लेकर अलग अलग धारणाएं बनाई। कोविड विरोधी बयानों में नस्लभेद प्रमुख रूप से शामिल था और कई अतार्किक बयानों ने भी टीकाकरण अभियान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की थी।
लेकिन इतिहास देखें तो इससे ज्यादा विरोध विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान (world's largest vaccination campaign) चेचक को लेकर हुआ था। हालांकि पोलियो उन्मूलन अभियान (polio eradication campaign) को लेकर भी विरोध जताया गया लेकिन अंत में दुनिया ने पोलियो पर विजय प्राप्त की। आइए जानते हैं दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान चेचक (world's largest vaccination campaign smallpox) के विषय में जिससे वैक्सीनेशन को लेकर छाएं धुंध के बादल काफी हद तक छंट जाएंगे।
टीकों के विकास (development of vaccines) ने ही दुनिया को वायरसों से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। 20वीं शताब्दी में चेचक वायरस (smallpox virus) ने 30 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इसलिए यह जानना रोचक होगा कि दुनिया के सबसे पहले टीके को लेकर क्या कुछ हुआ था।
इंग्लैंड में 18वीं शताब्दी में यह कहा जाता था कि ग्वालिनें अधिकांशतः काउपाक्स रोग से ग्रस्त हो जाती है लेकिन उन्हें चेचक नहीं होता। 70 के दशक में एडवर्ड जेनर ने इन लोककथाओं पर काम करना शुरू किया। जेनर ने चेचक से बचाने के लिए एक 9 साल के बच्चे को काउपाक्स (cowpox) की पस का टीका लगा दिया जो बाद में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बना।
वायरस के संक्रमण (virus infection) से बचने हेतु इससे पहले भी ऐसी ही प्रयोग भारत, अफ्रीका, तुर्की और चीन में किए गए थे। ये प्रयोग काफी खतरनाक थे लेकिन दुनिया ने माना कि बड़ी बीमारी से बचने के लिए हल्की बीमारी को स्वीकार किया जा सकता है, जिससे कि मृत्यु की सम्भावना (possibility of death) को टाला जा सके।
एडवर्ड जेनर (Edward Jenner) के प्रयोग के बाद ही दुनिया का ध्यान टीकाकरण की तरफ गया। वर्तमान की तरह तब भी चेचक टीकाकरण को लेकर काफी अंधविश्वास (superstition about smallpox vaccination) थे। बड़े घरों की औरतें चेहरे पर चेचक के दाग (smallpox stains on faces) नहीं चाहती थी और मजदूरी के लिए निम्न वर्ग को चेचक से बचाना जरूरी था। हालांकि तब भी नस्लभेद (racism) हावी था और धार्मिक नेता इसे भगवान के काम में रोड़ा अटकाने जैसा बताते थे।
बहरहाल टीकाकरण की दुनिया (world of vaccination) में चेचक का टीका मील का पत्थर साबित हुआ और लोगों की धारणाएं बदली। चेचक दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान साबित हुआ और इसके बाद वैक्सीनेशन ने ही दुनिया को वायरसों से सुरक्षित रखा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेचक महामारी से मुक्ति की घोषणा की और पोलियो को लेकर भी कमोबेश यही स्थिति है।
कुल मिलाकर चेचक से बचाव इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल है और जानलेवा बीमारियों से बचने में टीकाकरण अभियान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक और अहम बात कि चेचक से लड़ने के ऐतिहासिक प्रयासों ने ही पोलियो उन्मूलन किया और अब इसी तरह कोरोना वायरस (corona virus) से मुक्ति पाने की कोशिश में टीकाकरण अभियान (covid-19 vaccination campaign) चलता जा रहा है।
एस. के. राणा March 07 2025 0 20757
एस. के. राणा March 06 2025 0 20535
एस. के. राणा March 08 2025 0 19425
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18315
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14763
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13209
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80241
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84968
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85149
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74421
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64213
आयशा खातून December 05 2022 0 117660
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99846
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85793
लेख विभाग October 23 2022 0 70685
लेख विभाग October 24 2022 0 72236
लेख विभाग October 22 2022 0 79512
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85788
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80462
सिद्धार्थनगर और गोरखपुर प्रत्येक जिले में 5 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और 2 अशोक लीलैंड निर्मित वेंटिलेटर
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडव
डॉ ए के ठक्कर ने कहा कि न्यूरोलॉजी को हम दो भागों में बांटते हैं। पहला सेंट्रल नर्वस सिस्टम जिसमें स
Orphan Drug Designation मिल जाने से कंपनी, अमेरिका में उक्त दवा की मार्केटिंग सात साल तक तय नियमों
कई बार आपने सुना होगा कि प्रसव के लिए अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया। ऐसी घट
हैदराबाद और कानपुर IIT में मथुकुमल्ली विद्यासागर और मनिंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में शोधकर्ताओं का हवा
प्रदेश में लगातार डेंगू पैर पसार रहा है. हरिद्वार जिले में डेंगू के 173 मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं
खसखस का बीज मसालों के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। ये मसाले हमारे पूरे शरीर को बेहतर स्वास्थ्य
टीका लगवाने के बाद एडीजी ने डॉक्टरों और वैक्सीन बनाने वाली संस्था का आभार जताया।
विश्व जनसंख्या दिवस पर सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झण्डी दिखाकर जनजागरूकता बाइक रैली को
COMMENTS