नयी दिल्ली। योग खुद को तलाशने, खुद को तराशने और अनलॉक करने की विधा है। योग केवल मैट पर ही नहीं होता बल्कि बिना मैट के दैनिक जीवन में और अपने कार्यो में भी अत्यंत उपयोगी है। योग के द्वारा हम अपने जीवन को तनावमुक्त बना सकते हैं जो आज की सबसे बड़ी जरूरत है। योग का मार्ग ही व्यक्ति को निरोगता के पथ पर ले जाना है, इसलिये करें योग और रहें निरोग। ये बातें परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा।
स्वामी चिदानन्द, दिल्ली में आयोजित भारतीय योग संघ के स्टेट चेप्टर (State Chapter) के राष्ट्रीय सम्मेलन में पधारे। सम्मेलन में श्री श्री रविशंकर, डॉ एच आर नागेंद्र, स्वामी भारत भूषण, मुनि जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया। डा हंसा जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का अभिनंदन किया।
भारतीय योग संघ के स्टेट चेप्टर राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference of the Indian Yoga Association) में सभी विशिष्ट अतिथियों ने योग को भारत के हर घर, घाट, हाट से लेकर वैश्विक स्तर पर भी योग से सभी को जोड़ने हेतु विशद् विचार विमर्श किया।
स्वामी चिदानन्द ने कहा कि जीवन में हम योगी (yogi) बन सकें या ना बन सकें कोई बात नहीं परन्तु सहयोगी और उपयोगी जरूर बनें। श्वासों के अनुलोम विलोम (Anulom-Vilom) के साथ-साथ विचारों का अनुलोम-विलोम भी कीजिये। नकारात्मक विचार (negative thoughts) बाहर और सकारात्मक विचार (positive thoughts) भीतर करिये। यही वास्तव में प्राणायाम और योग है। मन को पद्मासन में बिठाइए। तन को वज्रासन में रखिये, मस्तिष्क को सूर्य नमस्कार कराइये और होठों से लाफ्टर योग करिये। हंसिये और हंसाईये। इससे मन शांत होगा, समस्याओं का समाधान मिलेगा और तनाव कम होगा।
उन्होंने कहा कि योग न केवल शारीरिक आसनों (physical asanas) का नाम है बल्कि योग, शरीर का आत्मा से, आत्मा का परमात्मा और प्रकृति से भी संयोग योग कराता है। योग सिर्फ आसनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह मनुष्य को आध्यात्मिक ऊँचाईयों तक पहुँचाता है। योग में सनातन ज्ञान के साथ आधुनिक विज्ञान (modern science) भी समहित है, जो जीवन जीना सिखाता है। योग केवल व्यायाम नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है। योग हमें स्वयं को खोजने और स्वयं से जुड़ने में भी मदद करता है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने कहा है-‘‘योगः कर्मसु कौशलम्’’ योग, हमारे हर कर्म में कुशलता लाता है इसलिये योग को हर घाट और हर हाट तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर श्री सुबोध तिवारी, डॉ. एस.पी. मिश्रा, गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य दीपक शर्मा और अन्य विभूतियों ने सहभाग किया। भारतीय योग संघ भारत में प्रमुख योग संस्थानों और संगठनों का एक स्व-नियामक निकाय है। यह सभी योग संगठनों और परम्पराओं को एकजुट करने का उत्कृष्ट प्रयास कर रहा है। साथ ही यह संगठन वैश्विक स्तर पर योग के प्रचार और उन्नति के लिये प्रतिबद्ध है। यह हजारों योग जिज्ञासुओं के साथ ही भारत के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में इसकी स्थानीय समितियां है। यह संगठन सक्रिय नीति सलाहकार के रूप में कार्य करता है।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3219
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
ये चीजें त्वचा को हेल्दी और मुलायम बनाए रखने में मदद करती हैं। आइए जानें आप सर्दियों में कौन सी नेचु
कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह की सैर से किया गया। अतिथियों ने अपनी सभी मानसिक कुंठाओं व अवचेतन में स्थित
जापानी इन्सेफेलाइटिस फलैवी वायरस के कारण होता हैं, जो कि मस्तिष्क के आसपास की झिल्ली को प्रभावित करत
घर पर रहते हुए अभिभावक किस तरह से अपने और दिव्यांग बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सदृढ़ रखे तथा पुनर्व
डॉ डांग लैब के सीईओ डॉ अर्जुन डांग ने बताया कि भारत में H3N2 वायरस के कुछ पॉजिटिव मरीज मिले हैं। डॉ
डॉ आकाश पंडिता ने कहा कि आज कल माताएं काफी स्ट्रसेस में रहती हैं जिसका असर उनके दूध पर पड़ता है। इस स
उपमुख्यमंत्री तथा चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने प्रयागराज के दौरे के दौरान स्वरूप रानी नेह
वॉकथन में स्लोगन के माध्यम से जनता को आकर्षित करने का प्रयास किया गया। इसी क्रम में कैंडल मार्च का भ
यह खुलासा तीन दिन पहले गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद हुआ है। इसमें दो चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों के
उत्कृष्ट चिकित्सा एवं गुणवत्ता के क्षेत्र में संस्थान की सराहना करते हुए उन्होंने इस बात पर भी जोर द
COMMENTS