नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के सूरत में 150 बेड के पीपी माणीया कैंसर, हार्ट इंस्टिट्यूट एवं ट्रॉमा सेंटर व मॉम्स आई.वी.ऍफ़. सेंटर का उद्घाटन किया।
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि सूरत, पूरे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में शीर्ष दस शहरों में काफ़ी ऊपर होगा। इस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल के निर्माण से सूरत (Surat) में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और बढ़ेगी। इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (super specialty hospital) में 150 बेड होंगें। इसके साथ ही अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होने जा रही हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनने के बाद से देश के स्वास्थ्य क्षेत्र (health sector) में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 का स्वास्थ्य बजट 94,452 करोड़ रूपए था जिसे मोदी सरकार ने 2021-22 में बढ़ाकर 2,24,000 करोड़ रूपए कर दिया।
स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए 137 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग सवा लाख करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र ने बहुत बड़ी छलांग लगाई है। पीएम आयुष्मान योजना ( PM Ayushman Yojana) के तहत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत 64 हजार करोड़ रूपए की लागत से 600 से ज्य़ादा जिलों में क्रिटिकल केयर यूनिट (critical care units) बनाने के लिए 35 हजार से ज्यादा नये बेड तैयार होंगे। 730 जिलों में इन्टीग्रेटेड पब्लिक लैब (Integrated public labs) तैयार होंगी और महामारी (epidemic) की रोकथाम से जुड़े अनेक रिसर्च सेन्टर रोगों और उन्हें होने से पहले रोकने की दिशा में रिसर्च करेंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लगभग 1600 करोड़ रूपए का बजट मेडिकल कॉलेजों (medical colleges) के लिए आवंटित किया है। वर्ष 2013-14 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे जिन्हें केन्द्र की मोदी सरकार ने 2021-22 में बढ़ाकर 596 कर दिया।
एमबीबीएस (MBBS) सीटें 51,348 थीं जिन्हें बढ़ाकर 89,875 किया गया और पीजी (PG) में 31,185 सीटों को लगभग 100 प्रतिशत बढाकर 60,202 करने का काम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।
22 नए एम्स (AIIMS) और 75 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज (government medical colleges) को स्वीकृति दी गई और 57 मेडिकल कॉलेज का अपग्रेडेशन कर उनमें अनेक प्रकार की सुविधाओं की शुरूआत की गई है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात ने भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफ़ी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ जुड़े लोगों के लिए तीन पैरामीटर में सुधार लाना बहुत कठिन होता है- माता मृत्युदर (maternal mortality rate), शिशु मृत्युदर (infant mortality) और इन्स्टीट्यूशनलाइज़्ड डिलीवरी ( institutionalized delivery)।
गुजरात में माता मृत्य़ुदर 87 से घटकर 70 हुई है और शिशु मृत्युदर 30 से घटकर 23 हुई है। इन्स्टीट्यूशनलाइज़्ड डिलीवरी 88.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 94.03 प्रतिशत तक ले जाने का काम गुजरात ने किया है।
इसके साथ ही पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 43.5 (2017) से घटकर 37.6 हो गई, टोटल फर्टिलिटी रेट में 2.2 (2017) से 1.9 तक सुधार हुआ है, इसके अलावा लिंग अनुपात में भी सुधार हुआ है 866 (2017) से बढ़कर 955 हो गया।
गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरे देश के सामने एक उदाहरण पेश किया है और इस कड़ी में आज सूरत का माणीया हॉस्पिटल (Maniya Hospital Surat) नाम का नया मोती जुड़ गया है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77313
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS