देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

राष्ट्रीय

परमार्थ निकेतन में आयोजित निःशुल्क मोतियाबिंद आपरेशन शिविर का समापन

500 से अधिक रोगियों ने अपना पंजीकरण करवाया था जिसमें से 200 से अधिक रोगियों का मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, नेपाल और भारत से आये नेत्र रोग विशेषज्ञों ने इस शिविर को सफल बनाने हेतु अपनी सेवायें प्रदान की।

विशेष संवाददाता
November 15 2022 Updated: November 15 2022 19:51
0 19850
परमार्थ निकेतन में आयोजित निःशुल्क मोतियाबिंद आपरेशन शिविर का समापन मोतियाबिंद निःशुल्क आपरेशन शिविर

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन स्वामी शुकदेवानन्द चेरिटेबल हाॅस्पिटल में आयोजित 10 दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद आपरेशन शिविर का आज समापन हुआ। परमार्थ निकेतन के में आयोजित शिविर में उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों से 500 से अधिक रोगियों ने अपना पंजीकरण करवाया था जिसमें से 200 से अधिक रोगियों का मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, नेपाल और भारत से आये नेत्र रोग विशेषज्ञों ने इस शिविर को सफल बनाने हेतु अपनी सेवायें प्रदान की।


स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि माँ गंगा के तट पर आकर निस्वार्थ भाव से सेवा करना ही सच्ची साधना है। गरीबों व निशक्तजनों की सेवा ईश्वर की सेवा व पुण्य कार्य के समान है। स्वामी जी ने सभी चिकित्सकों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि समाज के गरीब व अभावजन्य लोगों की पीड़ा को अनुभव कर उनकी सेवा करना वास्तव में दिव्य कार्य है। किसी को नेत्र ज्योति देना, अर्थात उसकी पूरी दुनिया रोशन करने के समान है।

परमार्थ निकेतन समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर समाज के गरीब, निशक्त तथा हाशिये पर पड़े लोगों के दुख निवारण का प्रयास करता है तथा निःस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की सेवा करने हेतु दूसरों को भी प्रेरित करता है।


डा मनोज पटेल ने कहा कि भारत में विशेष रूप से गांवों में पारंपरिक रूप से स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुँच कम देखने को मिलती है। मोतियाबिंद सर्जरी के लिये लोगों को बाहर जाना पड़ता है और ग्रामीण महिलाओं के लिये अपने दैनिक कार्यों को छोड़कर सर्जरी के लिये बाहर जाना संभव नहीं हो पाता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी मोतियाबिंद के अंधेपन का एक प्रमुख कारण है।

रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजेन का स्तर कम हो जाता है। इसके कारण उनमें मोतियाबिंद की संभावना बढ़ जाती है इसलिये पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अपने आंखों की देखभाल अधिक करनी चाहिये। पूज्य स्वामी जी प्रतिवर्ष ऋषिकेश में ऐसे शिविरों का आयोजन कर एक अनुपम कार्य कर रहे हैं।


डा नीलिमा ने बताया कि मोतियाबिंद अंधापन का एक प्रमुख रूप है, यह तब होता है जब क्रिस्टलीय प्रोटीन की संरचना जो हमारी आँखों में लेंस का निर्माण करती है वह खराब हो जाती है जिससे क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित प्रोटीन संगठित होकर एक नीली या भूरी परत बनाता है जो अंततः हमारे लेंस की पारदर्शिता को प्रभावित करता है। दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग ऐसे हैं जो ठीक से देख नहीं सकते हैं क्योंकि उनके पास चश्मे और सर्जरी तक पहुँच की सुविधा नहीं है। पूज्य स्वामी जी महाराज हम चिकित्सकों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराते हैं ताकि हम यहां आकर सेवायें कर पाये। डाक्टर्स और रोगियों दोनों को अपने मार्गदर्शन और संरक्षण में इस दिव्य और सर्वसुविधाओं से युक्त वातावरण हमें प्रदान कर सेवा का अवसर प्रदान करते है, वास्तव में यही तो सच्ची साधना है।


अमेरिका से आये नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मनोजकुमार पटेल, श्रीमती वासवी पटेल, आस्ट्रेलिया से आये डॉ जॉन जोन्स, शेरोन और जेसी, दिल्ली से डा विवेक जैन, डा मिलन, डा नीलिमा, नेपाल डॉ इरीना कनिस्कर, अमृता श्रेष्ठ, बैंगलोर से जय कुमार, गुरूप्रसाद और अन्य चिकित्सकों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आगामी नेत्र चिकित्सा और मोतियाबिंद आपरेशन शिविर की योजना बनायी।


अमेरिका से आये नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मनोजकुमार पटेल, श्रीमती वासवी पटेल, आस्ट्रेलिया से आये डॉ जॉन जोन्स, शेरोन और जेसी, डा विवेक जैन, डा मिलन, डा नीलिमा, नेपाल डॉ इरीना कनिस्कर, अमृता श्रेष्ठ, बैंगलोर से जय कुमार, गुरूप्रसाद, अनीता नायक, पुष्पलता,  प्रेमराज, अरूण सारस्वत, डा अनील, डा राठी, डा नेगी, चिन्मय एसोसिएशन रिसर्च सेंटर की निदेशक श्रीमती प्रीतशिखा शर्मा के मार्गदर्शन में 10 प्रशिक्षित नर्सेस ने अद्भुत योगदान दिया हैं।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

राष्ट्रीय

अलग अधिनियम ना मिलने से चिकित्सा उपकरण उद्योग निराश

रंजीव ठाकुर July 12 2022 39293

न्यू ड्रग्स मेडिकल डिवाइसेज एण्ड कॉस्मेटिक बिल 2022 को लेकर देश का चिकित्सा उपकरण उद्योग निराश हैं औ

राष्ट्रीय

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से गई मरीज की जान

जीतेंद्र कुमार March 20 2023 22174

एम्बुलेंस संचालकों का कहना है कि जिस मरीज को रेफर किया गया था, उसकी अस्पताल में ढंग से जांच भी नहीं

स्वास्थ्य

कमजोर इम्युनिटी और लंबे वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति को सेप्सिस हो सकता है: डॉ अशोक कुमार सिंह

हुज़ैफ़ा अबरार September 12 2022 23337

सेप्सिस एक जानलेवा बीमारी है। जब शरीर किसी रिएक्शन के प्रति बहुत गंभीर प्रतिक्रिया करती है तो यह बीम

राष्ट्रीय

डर्माफिक ने उतारा बायो सेल्यूलोज फेस मास्क।

हुज़ैफ़ा अबरार January 23 2021 16766

डर्माफिक बायो सेल्यूलोज चारकोल मास्क प्रदूषकों के डिबेसिंग प्रभाव को कम करने में मदद करता है और त्वच

राष्ट्रीय

कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए करना होगा इंतजार !

विशेष संवाददाता March 23 2023 18412

उत्तराखंड के हल्द्वानी में कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल है। दरअसल सुशीला तिवारी अस्पताल में हर रोज करी

राष्ट्रीय

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में जल्द खुलेगा आई बैंक

विशेष संवाददाता September 09 2022 19036

मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग में जल्द ही नेत्र बैंक स्थापित होगा। यहां कार्निया ट्रांस

उत्तर प्रदेश

चिकित्सा विभाग का तुगलकी फरमान, अधिकारी और कर्मचारी मीडिया से बनाए दूरी!

विशेष संवाददाता July 14 2023 32412

सीएमएस मदन लाल ने समस्त स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया है कि कोई भी अधिकारी/कर्मचारी मीडिया के ल

सौंदर्य

आजमाएं, नेल पॉलिश रिमूव करने के ये घरेलू नुस्खे

लेख विभाग October 24 2022 69350

अगर आपको कहीं शादी या पार्टी में जाना हो और नेल पॉलिश रिमूवर की बोतल खाली हो गई है तो ऐसी स्थिति में

उत्तर प्रदेश

जिला अस्पताल में मरीज को लगाया गलत इंजेक्शन, डॉक्टर-नर्स के खिलाफ केस दर्ज

विशेष संवाददाता July 13 2023 28971

साहिल वर्मा के हाथ के अंगूठा कट जाने से वह जिला अस्पताल इमरजेंसी में नर्सों ने उसे 2 इंजेक्शन लगाया

उत्तर प्रदेश

माहवारी जागरूकता अभियान: स्लम बस्ती में हुआ सैनिटरी पैड्स का वितरण

रंजीव ठाकुर April 21 2022 18003

स्लम बस्तियों के माहवारी जागरूकता के उद्देश्य को पूरा करने के लिए आशा वेलफेयर फॉउंडेशन की ओर से बदला

Login Panel