ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन स्वामी शुकदेवानन्द चेरिटेबल हाॅस्पिटल में आयोजित 10 दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद आपरेशन शिविर का आज समापन हुआ। परमार्थ निकेतन के में आयोजित शिविर में उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों से 500 से अधिक रोगियों ने अपना पंजीकरण करवाया था जिसमें से 200 से अधिक रोगियों का मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, नेपाल और भारत से आये नेत्र रोग विशेषज्ञों ने इस शिविर को सफल बनाने हेतु अपनी सेवायें प्रदान की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि माँ गंगा के तट पर आकर निस्वार्थ भाव से सेवा करना ही सच्ची साधना है। गरीबों व निशक्तजनों की सेवा ईश्वर की सेवा व पुण्य कार्य के समान है। स्वामी जी ने सभी चिकित्सकों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि समाज के गरीब व अभावजन्य लोगों की पीड़ा को अनुभव कर उनकी सेवा करना वास्तव में दिव्य कार्य है। किसी को नेत्र ज्योति देना, अर्थात उसकी पूरी दुनिया रोशन करने के समान है।
परमार्थ निकेतन समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर समाज के गरीब, निशक्त तथा हाशिये पर पड़े लोगों के दुख निवारण का प्रयास करता है तथा निःस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की सेवा करने हेतु दूसरों को भी प्रेरित करता है।
डा मनोज पटेल ने कहा कि भारत में विशेष रूप से गांवों में पारंपरिक रूप से स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुँच कम देखने को मिलती है। मोतियाबिंद सर्जरी के लिये लोगों को बाहर जाना पड़ता है और ग्रामीण महिलाओं के लिये अपने दैनिक कार्यों को छोड़कर सर्जरी के लिये बाहर जाना संभव नहीं हो पाता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी मोतियाबिंद के अंधेपन का एक प्रमुख कारण है।
रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजेन का स्तर कम हो जाता है। इसके कारण उनमें मोतियाबिंद की संभावना बढ़ जाती है इसलिये पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अपने आंखों की देखभाल अधिक करनी चाहिये। पूज्य स्वामी जी प्रतिवर्ष ऋषिकेश में ऐसे शिविरों का आयोजन कर एक अनुपम कार्य कर रहे हैं।
डा नीलिमा ने बताया कि मोतियाबिंद अंधापन का एक प्रमुख रूप है, यह तब होता है जब क्रिस्टलीय प्रोटीन की संरचना जो हमारी आँखों में लेंस का निर्माण करती है वह खराब हो जाती है जिससे क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित प्रोटीन संगठित होकर एक नीली या भूरी परत बनाता है जो अंततः हमारे लेंस की पारदर्शिता को प्रभावित करता है। दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग ऐसे हैं जो ठीक से देख नहीं सकते हैं क्योंकि उनके पास चश्मे और सर्जरी तक पहुँच की सुविधा नहीं है। पूज्य स्वामी जी महाराज हम चिकित्सकों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराते हैं ताकि हम यहां आकर सेवायें कर पाये। डाक्टर्स और रोगियों दोनों को अपने मार्गदर्शन और संरक्षण में इस दिव्य और सर्वसुविधाओं से युक्त वातावरण हमें प्रदान कर सेवा का अवसर प्रदान करते है, वास्तव में यही तो सच्ची साधना है।
अमेरिका से आये नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मनोजकुमार पटेल, श्रीमती वासवी पटेल, आस्ट्रेलिया से आये डॉ जॉन जोन्स, शेरोन और जेसी, दिल्ली से डा विवेक जैन, डा मिलन, डा नीलिमा, नेपाल डॉ इरीना कनिस्कर, अमृता श्रेष्ठ, बैंगलोर से जय कुमार, गुरूप्रसाद और अन्य चिकित्सकों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आगामी नेत्र चिकित्सा और मोतियाबिंद आपरेशन शिविर की योजना बनायी।
अमेरिका से आये नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मनोजकुमार पटेल, श्रीमती वासवी पटेल, आस्ट्रेलिया से आये डॉ जॉन जोन्स, शेरोन और जेसी, डा विवेक जैन, डा मिलन, डा नीलिमा, नेपाल डॉ इरीना कनिस्कर, अमृता श्रेष्ठ, बैंगलोर से जय कुमार, गुरूप्रसाद, अनीता नायक, पुष्पलता, प्रेमराज, अरूण सारस्वत, डा अनील, डा राठी, डा नेगी, चिन्मय एसोसिएशन रिसर्च सेंटर की निदेशक श्रीमती प्रीतशिखा शर्मा के मार्गदर्शन में 10 प्रशिक्षित नर्सेस ने अद्भुत योगदान दिया हैं।
एस. के. राणा March 07 2025 0 20757
एस. के. राणा March 06 2025 0 20535
एस. के. राणा March 08 2025 0 19425
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18315
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14763
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13209
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80241
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84968
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85149
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74421
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64213
आयशा खातून December 05 2022 0 117660
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99846
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85793
लेख विभाग October 23 2022 0 70685
लेख विभाग October 24 2022 0 72236
लेख विभाग October 22 2022 0 79512
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85788
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80462
भारतीय दर्शन में कलाओं का बड़ा महत्व है और स्वस्थ जीवन के लिए 16 कला सम्पूर्ण होने की बात कही जाती। भ
गहराई तक नमी पहुँचाने के लिए अपने होंठों पर बादाम तेल की मालिश करें। होंठों को नमी देने और भरा-पूरा
अस्पताल में लगातार सुविधाओं में वृद्धि हो रही है। पहले 100 बेड थे जो बढ़ कर 318 हो गए हैं। ऑन लाइन र
नए मामलों में सबसे ज्यादा 36 लखनऊ से, 31 गौतमबुद्धनगर से, 13 गाजियाबाद से, 4 प्रयागराज से और एक हरदो
एक छोटी सी लापरवाही यानी ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज करते रहने की आदत एक दिन बड़ा हृदय रोग का कारण बन सकत
नए प्रारूप के तहत रोगियों को उनके स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायता करने के लिए सेवा प्रदाताओं को
डब्ल्यूएचओ जल्द ही भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित कर सकता है। ट्रेकोमा जीवाणु संक्रमण से होने वाली आंख
देश में संक्रमण से 2,219 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,53,528 हो गई है। देश में अभी 12,
NBE द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ''दिल्ली राज्य चुनाव आयोग द्वारा 4 दिसंबर 2022 को दिल्ली नगर
COMMENTS