देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

अंतर्राष्ट्रीय

दुनिया भर में क़रीब एक अरब लोग मानसिक विकार से पीड़ित: डब्लूएचओ

बाल्यावस्था में यौन दुर्व्यवहार और डराए-धमकाए जाने से पीड़ित होना, मानसिक अवसाद की बड़ी वजहों में बताया गया है। मानसिक विकार विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य अवस्था के साथ जीवन गुज़ार रहे लोगों की औसतन 10 से 20 साल पहले मौत हो जाती है।

हे.जा.स.
June 18 2022 Updated: June 19 2022 00:25
0 38722
दुनिया भर में क़रीब एक अरब लोग मानसिक विकार से पीड़ित: डब्लूएचओ प्रतीकात्मक चित्र

जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि दुनिया भर में क़रीब एक अरब लोग, मानसिक विकार के किसी ना किसी रूप से पीड़ित हैं। हर सात पीड़ितों में से एक किशोर है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के पहले वर्ष में मानसिक अवसाद और व्यग्रता (anxiety) में 25 फ़ीसदी से अधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। 

स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने इस नए विश्लेषण को इस सदी की सबसे बड़ी समीक्षा बताया है और सदस्य देशों से बदतर होते हालात से निपटने के लिये ज़रूरी उपाय करने का आग्रह किया है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “हर किसी के जीवन में कोई व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य (mental health) अवस्था के साथ रह रहा है। अच्छा मानसिक स्वास्थ्य, अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य की ओर ले जाता है। यह रिपोर्ट इस बदलाव के लिये एक मज़बूत उदाहरण पेश करती है।”

रिपोर्ट में, सभी स्तरों पर सकारात्मक व सतत विकास में मानसिक स्वास्थ्य की अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए, सर्वोत्तम उपायों व उदाहरण भी साझा किये गए हैं। 

वर्ष 2019 में क़रीब एक अरब लोग, मानसिक विकार के साथ रह रहे थे, जिनमें कुल किशोरवय आबादी का 14 फ़ीसदी हिस्सा भी हैं। 50 वर्ष की उम्र से पहले प्रति 100 मौतों में से एक से अधिक के लिये आत्महत्या को ज़िम्मेदार बताया गया है। 

बाल्यावस्था में यौन दुर्व्यवहार (childhood sexual abuse) और डराए-धमकाए जाने (Bullying) से पीड़ित होना, मानसिक अवसाद की बड़ी वजहों में बताया गया है। मानसिक विकार विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आम आबादी की तुलना में, गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य अवस्था के साथ जीवन गुज़ार रहे लोगों की औसतन 10 से 20 साल पहले मौत हो जाती है।  

वैश्विक स्तर पर सामाजिक और आर्थिक विषमताएँ (social and economic inequalities), सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति (public health emergencies), युद्ध और जलवायु संकट (war and climate crises), मानसिक स्वास्थ्य के लिये ढाँचागत जोखिम बताए गए हैं। 


क्षेत्रवार भिन्नताएँ
मानसिक स्वास्थ्य अवस्था के साथ रह रहे लोगों के साथ भेदभाव, उन्हें कथित रूप से कलंकित किया जाना, या उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन, समुदायों व देखभाल व्यवस्थाओं में बड़े स्तर पर व्याप्त है। 20 देशों में आत्महत्या की कोशिश को अब भी एक अपराध के रुप में दर्ज किया जाता है।  

अनेक देशों में, सर्वाधिक निर्धन और वंचित समूहों के लिये मानसिक बीमारी (mental illness) का जोखिम सबसे अधिक होता है, और उनके पास उपयुक्त देखभाल सेवा पाने की सम्भावना भी सबसे कम होती है।  

कोविड-19 महामारी से पहले ही, सीमित संख्या में ही लोगों को कारगर, पहुँच के भीतर और गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ सुलभ थीं।  उदाहरणस्वरूप, विश्व भर में मनोविकार के कुल पीड़ितों में से 71 प्रतिशत को मानसिक स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पाती है।

मनोविकार की अवस्था में रहने वाले 70 प्रतिशत लोग, उच्च-आय वाले देशों में रहते हैं। निम्न-आय वाले देशों में केवल 12 प्रतिशत मरीज़ों को ही मानसिक स्वास्थ्य इलाज हासिल है। ज़्यादातर देशों में मानसिक अवसाद के रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवा पहुँच से बहुत दूर है। 

उच्च-आय वाले देशों में, मानसिक अवसाद के साथ जीवन गुज़ारने वाले एक-तिहाई लोगों को ही औपचारिक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल मिल पाती है। उच्च-आय वाले देशों में उपयुक्त देखभाल 23 फ़ीसदी और निम्न, निम्नतर और मध्य आय वाले देशों में यह घटकर तीन फ़ीसदी रह जाती है। 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने यह रिपोर्ट नवीनतम तथ्यों, सर्वोत्तम उपायों के उदाहरण और व्यक्तियों के निजी अनुभवों के आधार पर तैयार की है, जो बताती है कि किन क्षेत्रों में, बदलाव की आवश्यकता है और ये बदलाव किस प्रकार सुनिश्चित किया जा सकता है। 

रिपोर्ट में सभी हितधारकों से एक साथ मिलकर काम करना, मानसिक स्वास्थ्य की चुनौती से निपटने के लिये मज़बूत संकल्प लेना, मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले पर्यावरण को नए सिरे से आकार देना और उन प्रणालियों को पुख़्ता बनाना शामिल है, जिनसे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है।   

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के सभी 194 सदस्य देशों ने, मानसिक स्वास्थ्य कार्रवाई योजना (Comprehensive mental health action plan 2013–2030, का समर्थन किया है, जिसके तहत मानसिक स्वास्थ्य में रूपान्तरकारी बदलाव लाने के लिये लक्ष्य स्थापित किये गए हैं। 


अहम अनुशंसाएँ
पिछले एक दशक में कुछ हद तक प्रगति दर्ज की गई है, मगर इसकी गति धीमी है। पिछले कई दशकों से मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे नज़रअन्दाज़ किया जाता रहा है और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं। इसके मद्देनज़र, रिपोर्ट में सभी देशों से मानसिक स्वास्थ्य कार्रवाई योजना को लागू करने की दिशा में तेज़ी से क़दम बढ़ाने का आग्रह किया है।  

इस क्रम में, अनेक अनुशंसाएँ भी साझा की गई हैं, जिनके तहत मानसिक स्वास्थ्य के प्रति रवैयों में बदलाव लाना, मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी जोखिमों से निपटना और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिये प्रणालियों को मज़बूत करना है। 

  • मानसिक स्वास्थ्य के लिये दृढ़ संकल्प व आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये निवेश बढ़ाया जाना, मानसिक स्वास्थ्य के साथ जीवन गुज़ार रहे लोगों की समाज के सभी आयामों में भागीदारी सुनिश्चित करना.
  • घरों, समुदायों, स्कूलों, कार्यस्थलों, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं समेत मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों को फिर से आकार देना.
  • देखरेख सेवाओं को मज़बूती प्रदान करने के लिये, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों, सेवा प्राप्त करने वालों और देखभालकर्मियों में आवश्यकता अनुरूप बदलाव लाना .

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

15 बाल कैदियों की बिगड़ी तबीयत, मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी

विशेष संवाददाता August 02 2023 20202

बाल संप्रेक्षण गृह में उस समय हड़कंप मच गया। जब 15 बाल कैदियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जिन्हें इलाज

शिक्षा

जानिए ऑप्टोमेट्रिस्ट बनने की योग्यता और संभावनाएं।

अखण्ड प्रताप सिंह November 15 2021 15514

ऑप्टोमेट्रिस्ट दृष्टि और स्वास्थ्य समस्याओं, दोनों के लिए आंखों की जांच करते हैं और चश्मे व कॉन्टैक्

स्वास्थ्य

क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस: कारण, निदान, जटिलताएं और उपचार

लेख विभाग May 11 2022 28005

क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस आपके अग्न्याशय में होने वाली सूजन है जो ग्रंथि के प्रगतिशील विनाश का कारण बन

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में आठ अक्तूबर को होगा आरोग्य भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन

अबुज़र शेख़ October 07 2022 37173

प्रदेश भर के सात सौ से अधिक चिकित्सक जुटेंगे। इस अधिवेशन में चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों

उत्तर प्रदेश

माहवारी के दौरान कोविड का टीका लगवाने में कोई हर्ज नहीं : डॉ. जैसवार 

हुज़ैफ़ा अबरार May 29 2021 21593

डॉ. जैसवार कहती हैं कि माहवारी के दौरान स्वच्छता के अभाव में प्रजनन प्रणाली के संक्रमित (आरटीआई) होन

उत्तर प्रदेश

मौसमी बीमारियों का कहर, सरकारी अस्पताल फुल

आरती तिवारी August 26 2023 18870

शहर के बड़े सरकारी अस्पतालों में बुखार समेत मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज तेजी से बढ़े है। हालत ये

उत्तर प्रदेश

यूपी में विचित्र बुखार से 24 घंटे में फिर हुईं 11 मौतें

आरती तिवारी January 15 2023 19660

उन्नाव जिलें में विचित्र बुखार से एक और बच्चे की मौत हो गई है। पुरवा तहसील के दलीगढ़ी मोहल्ले में वि

उत्तर प्रदेश

मरीज को आईसीयू की कब पड़ेगी जरूरत बताएगी ये डिवाइस

आरती तिवारी July 14 2023 28971

सीबीएमआर के डीन डॉ. नीरज सिंह ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्

सौंदर्य

थाई गैप कम करके सुन्दर और आकर्षक बनिए

सौंदर्या राय July 26 2022 26925

कई महिलाओं को भीतरी थाई गैप आकर्षक और मनमोहक लगता है। थाई गैप नहीं होने से आधुनिक कपड़ों के चयन में भ

राष्ट्रीय

मुम्बई में शुरू हुई जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला, कोरोना से लड़ने में होगी मदद।

हे.जा.स. August 05 2021 22400

नायर अस्पताल में शहर की पहली जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक अतिरिक्त ल

Login Panel