देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

अंतर्राष्ट्रीय

कोविड-19: यूनीसेफ़ के 75 वर्षों के इतिहास में, ‘बच्चों के लिये सबसे बड़ा संकट’  

यूनीसेफ़ ने दुनिया भर में बच्चों के लिये स्वस्थ व सुरक्षित माहौल के निर्माण में मदद की है। “इस प्रगति के लिये अब जोखिम पैदा हो गया है।

हे.जा.स.
December 10 2021 Updated: December 10 2021 02:56
0 16321
कोविड-19: यूनीसेफ़ के 75 वर्षों के इतिहास में, ‘बच्चों के लिये सबसे बड़ा संकट’   प्रतीकात्मक

वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने बुधवार को जारी अपनी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी ने बच्चों को अभूतपूर्व स्तर पर प्रभावित किया है। यूएन एजेंसी (UN Agencies) ने अपने 75 वर्षों के इतिहास में इसे अब तक का सबसे ख़राब संकट क़रार दिया है, जिसके कारण 10 करोड़ अतिरिक्त बच्चे अब निर्धनता के विविध आयामों से पीड़ित है।

‘Preventing a lost decade: Urgent action to reverse the devastating impact of COVID-19 on children and young people’ नामक यह रिपोर्ट बताती है कि कोरोनावायरस संकट ने किस तरह निर्धनता, स्वास्थ्य, शिक्षा की सुलभता, पोषण, बाल संरक्षण और मानसिक कल्याण के विषय में अब तक दर्ज की गई प्रगति को प्रभावित किया है।

यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि वैश्विक महामारी (pandemic) के दो साल पूरे होने जा रहे हैं, और कोविड-19 के प्रभावों का गहन रूप धारण करना जारी है। इससे निर्धनता बढ़ी है, विषमताएँ और गहरे से समा गई हैं, और बच्चों के अधिकारों के लिये जिस तरह संकट खड़ा हुआ है, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया।
 
यूएन बाल कोष की कार्यकारी निदेशक हैनरीएटा फ़ोर ने ध्यान दिलाया कि यूनीसेफ़ ने दुनिया भर में बच्चों के लिये स्वस्थ व सुरक्षित माहौल के निर्माण में मदद की है। “इस प्रगति के लिये अब जोखिम पैदा हो गया है। कोविड-19 महामारी, हमारे 75 वर्षों के इतिहास में बच्चों के लिये प्रगति पर सबसे बड़ा ख़तरा रही है.”

बच्चों पर संकट
यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक़ भरपेट भोजन ना पाने वाले, स्कूली शिक्षा से वंचित, दुर्व्यवहार का शिकार, निर्धनता में जीवन गुज़ार रहे बच्चों (children) की संख्या बढ़ रही है। वहीं, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की सुलभता, वैक्सीन, पर्याप्त भोजन और अति-आवश्यक सेवाओं से वंचित बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

रिपोर्ट बताती है कि महामारी के कारण 10 करोड़ अतिरिक्त बच्चे अब निर्धनता के विविध आयामों में जीवन गुज़ार रहे हैं।वर्ष 2019 से इस आँकड़े में 10 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है - यानि मध्य-मार्च 2020 से हर सैकेण्ड लगभग 1.8 बच्चे। रिपोर्ट में सचेत किया गया है कि खोई हुई ज़मीन व प्रगति को फिर से हासिल करने के लिये एख लम्बा रास्ता तय किया जाना होगा।

मौजूदा हालात से उबरने और बाल निर्धनता के मामले में, कोविड-19 से पहले के स्तर पर लौटने में सात से आठ साल का समय लग सकता है। महामारी से पूर्व के स्तर की तुलना में, छह करोड़ अतिरिक्त बच्चे अब ग़रीबी से पीड़ित परिवारों में रह रहे हैं।

इसके अलावा, वर्ष 2020 में, दो करोड़ 30 लाख बच्चे, अति-आवश्यक टीकाकरण के दायरे से बाहर रह गए, जोकि 2019 की तुलना में लगभग 40 लाख की वृद्धि दर्शाता है।

अहम निष्कर्ष

  • महामारी के चरम फैलाव के दौरान लागू की तालाबन्दियों के कारण, एक समय डेढ़ अरब से ज़्यादा बच्चे स्कूलों से बाहर थे।
  • दुनिया भर में, 10 से 19 वर्ष आयु वर्ग में, 13 फ़ीसदी से अधिक किशोर मानसिक स्वास्थ्य अवस्थाओं से प्रभावित हैं।
  • अक्टूबर 2020 तक, वैश्विक महामारी ने 93 फ़ीसदी देशों में अहम मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान पैदा किया था।
  • कोविड-19 महामारी से उपजे हालात के परिणामस्वरूप, इस दशक के अन्त तक, लगभग एक करोड़ अतिरिक्त बच्चों का बाल विवाह कराया जा सकता है।
  • बाल श्रमिकों की संख्या बढ़कर 16 करोड़ तक पहुँच गई है, जोकि पिछले चार वर्षों में 84 लाख बच्चों की वृद्धि को दर्शाता है।
  • वर्ष 2022 के अन्त तक, 90 लाख अतिरिक्त बच्चों के बाल मज़दूरी के गर्त में धँसने का जोखिम है।
  • महामारी के भीषण फैलाव के दौरान, 104 देशों में एक अरब 80 करोड़ बच्चों के लिये हिंसा रोकथाम व जवाबी कार्रवाई सेवाओं में व्यवधान दर्ज किया गया था।
  • महामारी से इतर भी, रिपोर्ट में बच्चों और उनके अधिकारों के लिये अन्य चुनौतियों के प्रति भी सचेत किया गया है
  • विश्व भर में, 42 करोड़ से अधिक बच्चे – यानि औसतन हर पाँच में से एक बच्चा – हिंसक संघर्ष प्रभावित इलाक़ों में रहत हैं, जिनकी गहनता बढ़ रही है और जिनसे आमजन, विशेष रूप से बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।
  • महिलाओं व लड़कियों के लिये, हिंसक संघर्ष सम्बन्धी यौन हिंसा का शिकार होने का जोखिम सबसे अधिक है।

बताया गया है कि 80 फ़ीसदी से अधिक मानवीय राहत आवश्यकताएँ, हिंसक संघर्षों से ही पनपती हैं. वहीं, क़रीब एक अरब से अधिक बच्चे, ऐसे देशों में रहते हैं, जिन पर जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होने का जोखिम सबसे अधिक है।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने हर बच्चे को इस संकट से उबारने और उनके लिये एक नया भविष्य बुनने के लिये निम्न उपाय किये जाने की पुकार लगाई है:

1. सामाजिक संरक्षा, मानव पूंजी में निवेश और एक समावेशी व सुदृढ़ पुनर्बहाली मद में व्यय पर बल

2. महामारी का ख़ात्मा और बाल स्वास्थ्य व पोषण में चिन्ताजनक हालात को सुधारने के लिये प्रयास

3. हर बच्चे के लिये गुणवत्तापरक शिक्षा, संरक्षण और अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के ज़रिये मज़बूत पुनर्निर्माण

4. संकटों की रोकथाम, और बच्चों से उनकी रक्षा के लिये सुदृढ़ तौर-तरीके अपनाए जाने पर ज़ोर 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

मानसिक स्वास्थ्य पर नौकरी का सबसे ज़्यादा असर 

लेख विभाग March 10 2023 18554

सर्वेक्षण के विवरण के अनुसार दुनिया भर में पांच कर्मचारियों में से एक का मानना है कि उनकी नौकरी का उ

उत्तर प्रदेश

आइवरमेक्टिन के कारण यूपी में कोविड-19 पर रोक लगी: डॉ सूर्यकान्त

रंजीव ठाकुर July 24 2022 14063

कोविड 19 महामारी ने पिछले ढाई साल से मानवता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। विश्व आइवरमेक्टिन दिवस

उत्तर प्रदेश

RMLअस्पताल में इंटर्नशिप पूरी कर चुके छात्रों का प्रदर्शन

आरती तिवारी July 11 2023 19203

लखनऊ के प्रतिष्ठित आयुर्विज्ञान संस्थान राम मनोहर लोहिया में इंटर्नशिप कर चुके छात्रों ने एक प्रदर्श

उत्तर प्रदेश

यूपी स्टाफ नर्स भर्ती के लिए प्रवेशपत्र जारी

रंजीव ठाकुर July 23 2022 15267

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 24 जुलाई को स्टाफ नर्स (पुरुष) की मुख्य परीक्षा आयोजित की जानी थी

उत्तर प्रदेश

कालाजार उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार दृढ़ संकल्पित: स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार

हुज़ैफ़ा अबरार July 16 2022 14849

सरकार कालाजार उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्पित है और कालाजार से प्रभावित सभी क्षेत्रों में रणनीति बनाकर

उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की छापेमारी, अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर और अस्पताल सील

आरती तिवारी August 07 2023 19536

अल्ट्रासाउंड संचालक पर गाज गिरी है। जिसके बाद संचालक के पिता की बौखलाहट सामने आयी है। बता दे कि पूरा

राष्ट्रीय

पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले संक्रामक रोगों से निपटने के लिए ‘वन-हेल्थ' परियोजना कल से होगी शुरू 

विशेष संवाददाता June 28 2022 12247

प्रथम चरण में ‘वन-हेल्थ’ परियोजना, कर्नाटक तथा उत्तराखंड राज्यों लागू की जाएगी। बिल एवं मेलिंडा गेट्

लेख

सेक्स: वैदिक दृष्टिकोण

लेख विभाग July 24 2022 118339

कई प्रमुख मंदिरों में मौजूद कलाकृतियां और मूर्तियां स्पष्ट रूप से यौन गतिविधियों में लगे पुरुषों और

उत्तर प्रदेश

लखनऊ के जानकीपुरम में निर्माणाधीन ट्रामा सेन्टर की बढ़ी लागत को मिली मंजूरी।

हुज़ैफ़ा अबरार February 16 2021 13554

जानकीपुरम में बन रहे इस ट्रामा सेन्टर के लिए पूर्व में रू0 253.08 लाख स्वीकृत किये गये थे। पूर्व में

राष्ट्रीय

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले

एस. के. राणा March 26 2023 10986

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 26 मार्च को दिल्ली में कोरोना के 15

Login Panel